रोचक गतिविधियों से कम कर सकते हैं बच्चे अपना मोटापा, इस तरह किया अध्ययन
अमेरिका की अगस्ता यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 175 बच्चों पर अध्ययन कर निकाला निष्कर्ष।
वाशिंगटन, प्रेट्र। हमारी जीवनशैली में आ रहे बदलाव और व्यस्तता के कारण मोटापे की समस्या अब आम हो गई है। इससे बच्चे भी अछूते नहीं हैं। वैज्ञानिकों ने अध्ययन के आधार पर इससे निपटने का एक बेहतरीन तरीका सुझाया है। इसके जरिये न केवल बच्चों का मोटापा घटाया जा सकता है, बल्कि उनके मूड को भी अच्छा रखा जा सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि स्कूल के बाद यदि बच्चों को ऐसी गतिविधियों में शामिल किया जाए, जिनमें वे रुचि लेते हैं तो उनके मोटापे को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके साथ ही बच्चों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकता है।
अमेरिका की अगस्ता यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस दिशा में अध्ययन किया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि नियमित व्यायाम बच्चों और वयस्कों के लिए बेशक लाभकारी है, लेकिन यदि बच्चों को स्कूल के बाद कला और संगीत जैसी रुचिकर गतिविधियों में भाग लेने को प्रेरित किया जाए तो यह मोटापा घटाने में बच्चों के लिए अन्य तरीकों के मुकाबले ज्यादा कारगर सिद्ध हो सकता है। यह अध्ययन ट्रांसलेशनल बिहेवियरल मेडिसिन नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि हर बच्चे का स्वभाव दूसरे से भिन्न होता है। पढ़ाई की बात करें तो कई बच्चों का रुझान इस ओर जल्दी बढ़ता है, कुछ का देर से और कई बच्चे इसे बोझ मानते हैं। ऐसे बच्चों में अवसाद और तनाव बढ़ने लगाता है और वे धीरे-धीरे एकाकी प्रवृत्ति वाले हो जाते हैं। अक्सर देखा जाता है कि ऐसे बच्चों में मोटापा बढ़ने की आशंका ज्यादा रहती है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि पांच से छह घंटे की लगातार कक्षाएं करने के बाद बच्चे पूरी तरह थक जाते हैं। ऐसे में उन्हें ऐसी गतिविधियां कराईं जाएं जो वे करना चाहते हैं तो निश्चित तौर पर बच्चों की मानसिक थकान दूर होगी और वे खुद को दूसरों के मुकाबले ज्यादा स्फूर्त महसूस करेंगे।
इस तरह किया अध्ययन
इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने आठ से 11 साल के 175 बच्चों को शामिल किया। इनमें ज्यादातर बच्चे मोटापे का शिकार थे। शोधकर्ताओं ने बच्चों को फन ड्राइविंग, एरोबिक डांस, बोर्ड गेम व अन्य कलात्मक गतिविधियां कराईं, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
मूड में बदलाव के लिए ऐसा करना जरूरी
अध्ययन के लेखक सेलेस्टाइन एफ विलियम्स ने कहा कि व्यायाम निश्चित तौर पर शरीर की वसा को कम करता है और इससे शरीर सुडौल बनता है, पर मूड में बदलाव लाने के लिए जरूरी है कि बच्चों की इच्छा अनुसार उनसे गतिविधियां कराई जाएं। उन्होंने कहा कि अध्यन के दौरान शोधकर्ताओं ने स्कूल के बाद बच्चों को कला और शिल्प, चुनौतीपूर्ण खेलों के खेलने के साथ-साथ लोकप्रिय गानों को गाने के लिए कहा, जिसमें सभी ने बढ़चढ़कर हिस्सा भी लिया। इसके बाद उन्हें शारीरिक गतिविधियां भी कराई गईं और बच्चों की भागीदारी के लिए उन्हें पुरस्कृत भी किया गया। विलियम्स ने कहा कि अध्ययन में उन्होंने पाया कि जो बच्चे पहले अवसाद और तनावग्रस्त रहते थे, उनकी प्रवृत्ति में आश्चर्यजनक रूप से परिवर्तन देखा गया।