बदल चुका है दौर, अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोट बन रहे हैं बच्‍चों के सच्‍चे साथी

आज के रोबोट आधुनिक दौर में लोगों की व्यस्तता बढ़ती जा रही है और परिवार सिकुड़ते जा रहे हैं। पहले एक घर में तीन पीढ़ियां साथ रहा करती थीं अब सिर्फ पति-पत्नी और बच्चे होते हैं।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Sun, 07 Oct 2018 02:16 PM (IST) Updated:Sun, 07 Oct 2018 02:24 PM (IST)
बदल चुका है दौर, अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोट बन रहे हैं बच्‍चों के सच्‍चे साथी
बदल चुका है दौर, अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोट बन रहे हैं बच्‍चों के सच्‍चे साथी

नई दिल्‍ली। आज के रोबोट आधुनिक दौर में लोगों की व्यस्तता बढ़ती जा रही है और परिवार सिकुड़ते जा रहे हैं। पहले एक घर में तीन पीढ़ियां साथ रहा करती थीं अब सिर्फ पति-पत्नी और बच्चे होते हैं। दोनों के कामकाजी होने की वजह से बच्चों लिए समय निकालना मुश्किल होता है। लोगों की इस परेशानी को समझते हुए स्मार्ट खिलौने और रोबोट बाजार में आ चुके हैं। ये रोबोट इंसानों की तरह बच्चों की आया बन रहे हैं। बच्चों के साथ बातें करते हैं, कहानी-कविताएं और तमाम सारी चीजें सिखाते हैं। बच्चों के परवरिश का इसे नया दौर माना जा रहा है।

एआइ खिलौनों का भविष्य
चीन में इनका बाजार तेजी से बढ़ रहा है। इस साल यहां तीन करोड़ एआइ रोबोट खरीदे गए। 2019 में ये आंकड़ा दस करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। यहां तकरीबन सात हजार रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक बच्चों से बातें करने के साथ कहानी किस्से सुनाने वाले रोबोट मिल जाएंगे। चीन की तकनीकी कंपनी बीनक्यू का कहना है कि बच्चे सामान्य खिलौनों के साथ कुछ समय खेलने के बाद ऊबने लगते हैं। ऐसे में एआइ रोबोट उनके मनोरंजन के लिए बेहतर विकल्प है। अगले पांच सालों में बाजार में स्मार्ट और एआइ खिलौने ही मौजूद होंगे।

वैश्विक बाजार घेरने की तैयारी
कामकाजी अभिभावकों की जरूरत को पहचानते हुए कंपनियां नई तकनीक के साथ एआइ रोबोट लांच करने पर जोर दे रही हैं। एजुकेशनल रोबोट और मूवेबल नैनी भी इसका एक उदाहरण हैं। वैश्विक बाजार पर पकड़ बनाने के लिए अंग्रेजी और अन्य क्षेत्रीय भाषाएं समझने वाले एआइ रोबोट डिजाइन किए जा रहे हैं। कुछ कंपनियां ऑटिज्म से पीड़ित और विशेष बच्चों के लिए भी एआइ रोबोट बना रही हैं। इनकी कीमत तकरीबन 1.45 लाख रुपये तक है। 

स्वास्थ्य और सुरक्षा पर सवाल
बच्चों की परवरिश में तकनीक का इस हद तक दखल कई सवाल खड़े करता है। ये रोबोट बच्चों की तस्वीरें, वीडियो और लोकेशन ऑनलाइन शेयर करते हैं जो उनकी सुरक्षा में खतरा साबित हो सकता हैं। इसके अलावा बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। तीन साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीनों और उपकरण दिमाग पर बुरा प्रभाव डालते हैं। स्क्रीन से निकलने वाली रौशनी आंखों के लिए खतरनाक है।

एआइ रोबोट के खास फीचर्स
बच्चों के अनेक सवालों का जवाब दे सकते हैं। एजुकेशनल रोबोट कविता, कहानी, गिनती, पहाड़े और क ख ग सुनाते हैं। चेहरे के रूप में इसमें इमोजी होता है जो बातें करते समय इंसानों की तरह हावभाव देता है। इसके एआइ सॉफ्टवेयर को इस तरह डिजायन किया गया है जो बच्चों के अस्पष्ट शब्दों को भी समझ सके। मूवेबल नैनी बेबीसिटिंग मोड में इधर-उधर चलते हुए बच्चों की पिक्चर ले सकता है और उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड भी कर सकता है।

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