अमेरिकी विदेश मंत्री बोले, चीन और रूस छोटे देशों की संप्रभुता के लिए खतरा

अगले सप्ताह मार्क एस्पर और विदेश मंत्री माइक पोंपियो भारत जा रहे हैं। इस यात्रा को लेकर वे बहुत आशान्वित हैं। भारत में उनकी अपने समकक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर से वार्ता होगी। भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 02:50 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 02:50 PM (IST)
अमेरिकी विदेश मंत्री बोले, चीन और रूस छोटे देशों की संप्रभुता के लिए खतरा
अमेरिकी रक्षा मंत्री का चीन और रूस पर हमला

एरी, प्रेट्र। अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने चीन और रूस पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि दोनों ही देश अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करते हुए तेजी से अपनी सामरिक शक्ति बढ़ा रहे हैं। इससे छोटे देशों की संप्रभुता खतरे में है। भारत इस सदी का हमारा सबसे अहम सहयोगी है। अगले सप्ताह वे और विदेश मंत्री माइक पोंपियो भारत जा रहे हैं। इस यात्रा को लेकर वे बहुत आशान्वित हैं।

भारत में उनकी अपने समकक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर से वार्ता होगी। भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। चीन यहां पर भी हिमालय क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर आक्रामकता दिखा रहा है। मैंने भारत को बोला है, 'मैं मंगोलिया से लेकर न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया तक, थाईलैंड से लेकर पलाउ तक यात्रा कर चुका हूं, हर स्थान यह साफ है कि चीन किस तरह की हरकतें कर रहा है।'

अटलांटिक थिक टैंक को संबोधित करते हुए एस्पर ने चीन के वन बेल्ट, वन रोड की परियोजना को निशाना बनाया। कहा, चीन इस योजना के माध्यम से एशिया, यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका तक अपने आर्थिक गठजोड़ के माध्यम से विस्तार कर रहा है, लेकिन उसका अंतिम मकसद सभी क्षेत्रों में सामरिक ताकत बढ़ाना ही है।

चीन और रूस की विस्तारवादी नीति को देखते हुए हम अपने मित्र देशों के साथ गठजोड़ और मजबूत करने की नीति पर चल रहे हैं। 

अगले हफ्ते अमेरिकी विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री के दौरे के दौरान अमेरिका और भारत के बीच 2+2 वार्ता में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में खड़ी चुनौतियों और उनसे निपटने के समाधान पर चर्चा की जाएगी। जानकारों के मुताबिक इस पूरी चर्चा के केंद्र में चीन होगा। चीन को काबू करने की रणनीति पर इस दौरान गंभीरता से विचार किया जाएगा। पिछले कुछ समय से भारत के साथ-साथ अमेरिका को भी चीन अपने तेवर दिखा रहा है।

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