ममता के सांसद भतीजे अभिषेक ने केंद्र सरकार पर कसा तंज, कहा-नरेंद्र मोदी का शासन हमारे राष्ट्र का मजाक उड़ा रहा है

Politics तृणमूल कांग्रेस की तरफ से मोदी सरकार पर तंज कसते हुए ममता के सांसद भतीजे अभिषेेेक ने ट्वीट कर कहा-किसान समर्थक सुधारों का दावा करने वाली सरकार के पास नहीं है किसानों की खुदकुशी का आंकड़ा।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 06:18 PM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 06:18 PM (IST)
ममता के सांसद भतीजे अभिषेक ने केंद्र सरकार पर कसा तंज, कहा-नरेंद्र मोदी का शासन हमारे राष्ट्र का मजाक उड़ा रहा है
मोदी अपने शासनकाल में किसान आत्महत्याओं की संख्या दर्ज करने में विफल रहे।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : केंद्र सरकार के कृषि सुधार विधेयकों के खिलाफ विपक्ष का हंगामा अब भी जारी है। इसी कड़ी में बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि किसान समर्थक सुधारों का दावा करने वाली सरकार के पास किसानों की खुदकुशी का ही कोई आंकड़ा मौजूद नहीं है।

 हम शांत नहीं बठैंगे और इस लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “नरेंद्र मोदी जी का शासन हमारे राष्ट्र का मजाक उड़ा रहा है। वे अपने शासनकाल में किसान आत्महत्याओं की संख्या दर्ज करने में विफल रहे और फिर संसद में हर नियम को तोड़ते हुए किसान समर्थक कानूनों को लागू करने का दावा करते हैं। हम शांत नहीं बठैंगे और इस लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे। 

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों की जानकारी दी

मालूम हो कि मंगलवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों की जानकारी देते हुए कहा, “कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने किसानों, उत्पादकों और खेतिहारी मजदूरों द्वारा खुदकुशी का शून्य आंकड़ा होने की पुष्टि की थी, जबकि अन्य पेशों में कार्यरत लोगों द्वारा खुदकुशी की घटनाओं की सूचना मिली है। 

निंदा-ये बिल देश में एक खाद्य महामारी को बढ़ावा देंगे 

इस कमी के कारण, कृषि क्षेत्र में खुदकुशी के कारणों के बारे में कोई राष्ट्रीय आंकड़ा नहीं है और इसे अलग से प्रकाशित नहीं किया गया।” इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी संसद के ऊपरी सदन में पारित किए गए कृषि बिलों की निंदा की थी और कहा था कि ये बिल देश में एक खाद्य महामारी को बढ़ावा देंगे और इससे छोटे और सीमांत किसान खत्म हो जाएंगे।

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