15 दिनों के भीतर बीएसएफ ने 443 गायों को तस्करी से बचाया

-सीमावर्ती क्षेत्रों से गाय व ऊँट की होती है तस्करी संवाद सूत्र, मालदा : ठंड और कुहासा क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Jan 2018 07:44 PM (IST) Updated:Tue, 16 Jan 2018 07:44 PM (IST)
15 दिनों के भीतर बीएसएफ ने 443 गायों को तस्करी से बचाया
15 दिनों के भीतर बीएसएफ ने 443 गायों को तस्करी से बचाया

-सीमावर्ती क्षेत्रों से गाय व ऊँट की होती है तस्करी

संवाद सूत्र, मालदा : ठंड और कुहासा का फायदा उठाकर रोजाना सीमावर्ती क्षेत्रों से गाय, ऊँट सहित विभिन्न मवेशियों की तस्करी होती है। तस्कर जिला के हबीबपुर, वामनगोला, पुरातन मालदा, इंग्लिशबाजार, कालियाचक, वैष्णव नगर थाना के कांटाविहीन व जल मार्गो से मवेशियों की तस्करी करते है। गाय पर कोड नंबर देकर बांग्लादेश में इसकी तस्करी की जाती है। इस साल पिछले 15 दिनों भीतर बीएसएफ के जवानों ने 443 गायों को बांग्लादेश में तस्करी से बचाया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान के चोर रास्ते से मालदा के इंग्लिशबाजार थाना के महदीपुर के सीमावर्ती क्षेत्र कदमतल्ला इलाके में ऊँट को इकट्ठा करके रखा जाता है। समय आने पर इसे बांग्लादेश में तस्करी की जाती है। बीएसएफ के 24 नंबर बटालियन ने दो ऊँटों को तस्करी से बचाया। बांग्लदेश के बीजीबी जवानों ने शिवगंज थाना के मस्जिद सीमांत से 6 ऊँट तथा सियालमारा सीमांत से तीन ऊँट को जब्त किया।

बीजीबी 59 नंबर बटालियन के लेफेटेनेंट कर्नल रासेद अली ने बताया कि जब्त किए गए ऊँटों को कस्टम विभाग को सौंप दिया गया।

बांग्लादेश के सूत्रों ने बताया कि बांग्लादेश में भारतीय गायों की काफी मांग है। यहां से दस गुणा दाम में गाय बेची जाती है। वहीं भारत में ऊँट का दाम 30 हजार के करीब है। वहीं बांग्लादेश में इसकी कीमत 3 लाख रुपये है। तस्कर बांग्लादेश में वैद्य कागजात बनाकर इसे शिवगंज, भोलाहाट, नोगांव आदि हाटों में बेचा जाता है। बीएसएफ जवान काफी मुस्तैदी से मवेशियों को तस्करों के चंगुल से बचाती है।

बीएसएफ के साउथ बंगाल फ्रंटीयर पीआरओ व आरपीएस जायसवाल ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्र में बीएसएफ के जवान अपनी जान हथेली पर लेकर मुस्तैद रहती है। तस्करों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है।

कैप्शन : जब्त किए गये ऊँट

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