West Bengal : एक और अमानवीय घटना, 14 घंटे तक घर में पड़ा रहा कोरोना संक्रमित का शव

महानगर में फिर से एक और अमानवीय घटना रविवार को प्रकाश में आई है। कहीं उपचार के बिना कोरोना पीड़ित दम तोड़ रहे हैं तो कहीं शव घंटों पड़ा रह रहा है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 01:29 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 01:30 PM (IST)
West Bengal : एक और अमानवीय घटना, 14 घंटे तक घर में पड़ा रहा कोरोना संक्रमित का शव
West Bengal : एक और अमानवीय घटना, 14 घंटे तक घर में पड़ा रहा कोरोना संक्रमित का शव

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। महानगर में फिर से एक और अमानवीय घटना रविवार को प्रकाश में आई है। इस बार मौत के 14 घंटे बाद भी कोरोना मरीज का शव घर में पड़ा रहा और पुलिस प्रशासन देखता रहा। यह घटना कोलकाता में बेक बागान इलाके की है। पता चला है कि बेकबागान में 80 वर्षीय एक बुजुर्ग कुछ समय पहले कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे। उनका घर पर ही इलाज चल रहा था। शुक्रवार देर रात उनकी मौत हो गई। पुलिस प्रशासन को सूचना देने के बावजूद शव घंटों घर में पड़ा रहा।

सूत्र के मुताबिक डॉक्टर द्वारा वृद्ध को मृत घोषित करने के बाद परिवार के लोगों ने पुलिस को सूचित किया। परंतु, कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद उन लोगों ने स्वास्थ्य भवन (स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय) से संपर्क किया। कथित तौर पर न तो पुलिस और न ही स्वास्थ्य विभाग की तत्काल मदद मिली। नतीजतन शव 14 घंटे तक घर में पड़ा रहा। काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस आई।

कोरोना संक्रमितों की मौत के बाद शव की अंत्येष्टि के के लिए बहुत सारे नियम व निर्देश हैं, ऐसे हालत में पुलिस प्रशासन के इस उदासीन रवैये से मृतक के स्वजन काफी दुखी है। यह पहली बार नहीं है,कोलकाता में  ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है। एक शव को रखने के लिए परिजनों को फ्रीजर तक खरीदना पड़ा था। फिर से घटना की पुनरावृत्ति पर सवाल उठा रहा है।

यही नहीं दो दिन पहले तो कोरोना संक्रमित एक युवक को तीन-तीन सरकारी अस्पतालों ने भर्ती नहीं लिया और हार कर परिजनों को उसे घर ले जाना पड़ा और उसने उपचार नहीं मिलने के कारण दम तोड़ दिया। युवक के पिता ने तीनों ही अस्पतालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।

खिड़की के नीचे देखने से डर जाती थी 10 साल की बच्ची, संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत

कोलकाता के न्यू अलीपुर क्षेत्र में दस वर्षीय एक बच्ची अपने आवास पर मृत पाई गई। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि बच्ची की मां ने उसे शनिवार को बाथरूम की फर्श पर अचेत अवस्था में पाया। पड़ोसियों का कहना है कि बच्ची जब भी खिड़की के बाहर देखती थी तो डर जाती थी और शोर मचाने लगती थी। पुलिस ने कहा कि बच्ची की मां पड़ोसियों की सहायता से उसे लेकर बाघाजतिन अस्पताल गई जहां बच्ची को मृत घोषित कर दिया गया।

एक अधिकारी ने कहा कि डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि बच्ची की गर्दन पर अंगूठे के हल्के निशान थे लेकिन इससे निश्चित तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि बच्ची को गला दबा कर मारा गया। पुलिस ने कहा कि मौत की परिस्थितियों की जांच कर रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा कि शव परीक्षण के बाद चीजें स्पष्ट होंगी। उन्होंने कहा कि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बच्ची के पिता की कुछ साल पहले मौत हो गई थी और वह घर में अपनी मां के साथ रहती थी। 

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