West Bengal: राज्यपाल जगदीप धनखड़ बोले, कल जो कुछ हुआ वह पहले कभी नहीं हुआ

Jagdeep Dhankhar. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि अनियंत्रित भीड़ ने मुझे कलकत्ता विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को छोड़ने पर मजबूर कर दिया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 29 Jan 2020 05:16 PM (IST) Updated:Wed, 29 Jan 2020 05:16 PM (IST)
West Bengal: राज्यपाल जगदीप धनखड़ बोले, कल जो कुछ हुआ वह पहले कभी नहीं हुआ
West Bengal: राज्यपाल जगदीप धनखड़ बोले, कल जो कुछ हुआ वह पहले कभी नहीं हुआ

कोलकाता, एएनआइ। Jagdeep Dhankhar. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि कल मंगलवार को जो हुआ, वह पहले कभी नहीं हुआ। उनके मुताबिक, अनियंत्रित भीड़ ने मुझे कलकत्ता विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को छोड़ने पर मजबूर कर दिया।

नाराज राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि जिन लोगों ने यह अशोभनीय तमाशा शुरू किया है या जो इसके पीछे हैं, उन्हें राज्य के सुसंस्कृत लोग हमेशा याद रखेंगे। धनखड़ ने कहा कि सभ्यता-संस्कृति से समझौता करने वालों को चिंतनशील होना चाहिए। उन्होंने कहा, कुलपति ने कुलाधिपति होने के नाते मुझसे दीक्षा समारोह का आयोजन जारी रखने की अनुमति मांगी। अभिजीत बनर्जी के प्रति मेरे सम्मान और कलकत्ता विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को ध्यान में रखकर मैंने अनुमति दे दी।

धनखड़ ने ट्वीट कर कहा, दीक्षा समारोह में हिस्सा लिए बगैर कलकत्ता विश्वविद्यालय से बाहर निकलते हुए यह बात सबसे पहले दिमाग में आई कि यह सुनिश्चित हो कि नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत विनायक बनर्जी के प्रति हम जिस सम्मान की बात कर रहे हैं, उससे कोई समझौता नहीं होना चाहिए, जिन्हें हम डी लिट की मानद उपाधि प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा कि जिन लोगों ने यह अशोभनीय तमाशा शुरू किया है या जो इसके पीछे हैं, उन्हें बंगाल के सुसंस्कृत लोग हमेशा याद रखेंगे। एक अन्य ट्विट में राज्यपाल ने लिखा, नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत विनायक बनर्जी और उनकी मां के साथ कुछ यादगार पल बिताए।

राज्यपाल जगदीप धनखड़ को इस तरह करना पड़ा विरोध का सामना

जादवपुर विश्वविद्यालय में विरोध के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को एक बार फिर कलकत्ता विश्वविद्यालय (सीयू) के दीक्षा समारोह में विरोध का सामना करना पड़ा। मंगलवार को शहर के काजी नजरुल मंच ऑडिटोरियम में आयोजित वार्षिक दीक्षा समारोह में भाग लेने पहुंचे राज्यपाल को छात्रों के एक समूह ने शामिल नहीं होने दिया। इसके बाद, राज्यपाल परिसर से चले गए। इस घटना के बाद उनके बगैर ही सीयू का दीक्षा समारोह संपन्न हुआ। धनखड़ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं। आयोजन स्थल पर राज्यपाल के दोपहर साढ़े 12 बजे पहुंचने के बाद छात्रों ने काले झंडे दिखाए और 'गो बैक' के नारे लगाए। वहीं कुछ छात्रों ने हाथों में 'नो सीएए' और 'नो एनआरसी' के पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

विरोध के बीच धनखड़ ने नजरुल मंच के ग्रीन रूम में नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत विनायक बनर्जी से मुलाकात की, जहां उन्होंने मानद डी लिट पर हस्ताक्षर किए। वहीं कार्यक्रम शुरू होने से कुछ ही मिनट पहले छात्रों का एक अन्य समूह मंच पर आ गया और राज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी की, इसके बाद धनखड़ आयोजन स्थल से करीब डेढ़ बजे निकल गए। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि धनखड़ (भाजपा नीत) केंद्र के प्रतिनिधि हैं, जो कलकत्ता विवि के दीक्षा समारोह के लिए मंच पर उपस्थित होने के हकदार नहीं हैं। हालांकि, कुलपति सोनाली चक्रवर्ती बनर्जी अपनी ओर से छात्रों को इस बात के लिए मनाती हुई नजर आईं कि वे अपना विरोध बंद कर दें। बाद में उन्होंने घोषणा की कि राज्यपाल आयोजन स्थल से चले गए हैं। जिसके बाद दीक्षा समारोह शुरू हो पाया। बता दें कि पिछले महीने, राज्यपाल को जादवपुर विश्वविद्यालय में भी इसी तरह के विरोध का सामना करना पड़ा था। वहां भी वह दीक्षा समारोह में शरीक होने गए थे।

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