कोरोना पर पीएम की बैठक पर ममता का आरोप- मुझे बोलने का मौका नहीं दिया, कठपुतली की तरह बैठे रहे मुख्यमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरुवार को 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और 54 जिलाधिकारियों के साथ हुई वर्चुअल बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं। लेकिन बैठक के बाद ममता ने खुद को ना बोलने देने का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी पर भड़क गईं।

By Priti JhaEdited By: Publish:Thu, 20 May 2021 10:55 AM (IST) Updated:Thu, 20 May 2021 06:48 PM (IST)
कोरोना पर पीएम की बैठक पर ममता का आरोप- मुझे बोलने का मौका नहीं दिया, कठपुतली की तरह बैठे रहे मुख्यमंत्री
कोरोना के हालात पर पीएम मोदी की उच्चस्तरीय बैठक में पहली बार ममता बनर्जी भी शामिल

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोविड-19 के हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरुवार को 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और 54 जिलाधिकारियों के साथ हुई वर्चुअल बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं। लेकिन, बैठक के बाद ममता ने खुद को ना बोलने देने का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी पर भड़क गईं। ममता ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर इस बैठक को ‘सुपर फ्लॉप’ बताते हुए कहा कि उन्हें और गैर भाजपा शासित अन्य कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बोलने नहीं दिया गया जो उनके अपमान के समान है। 

ममता ने यह दावा भी किया कि केवल भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों व अपने पसंद के कुछ जिलाधिकारियों को बैठक में बोलने दिया गया, जबकि दूसरों को ‘कठपुतली’ बनाकर रख दिया गया।उन्होंने कहा, ‘‘यह अनौपचारिक और सुपर फ्लॉप बैठक थी।हम अपमानित महसूस कर रहे हैं। यह देश के संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है। प्रधानमंत्री मोदी में असुरक्षा की भावना इतनी ज्यादा है कि उन्होंने हमारी बात ही नहीं सुनी।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने ना तो यह पूछा कि बंगाल कोविड के हालात से किस तरह निपट रहा है और ना ही उन्होंने टीकों तथा ऑक्सीजन के भंडार के बारे में पूछा।

ममता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने ‘ब्लैक फंगस’ के बारे में एक भी सवाल नहीं पूछा।’’ उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसे चार मामले सामने आए हैं। देश में कोविड-19 के मामले कम होने के प्रधानमंत्री के दावे का जिक्र करते हुए ममता ने कहा, ‘‘अगर संक्रमण के कुल मामले कम हो रहे हैं, तो कोरोना वायरस संक्रमण से मौत के इतने अधिक मामले क्यों आ रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार के पास देश में कोविड-19 के हालात से निपटने की कोई उचित योजना नहीं है। ममता ने कहा कि उन्होंने अपने जिलाधिकारियों को बैठक में इसलिए नहीं भेजा कि वह खुद ही दवाओं और टीकाकरण की मांग रखेंगी, लेकिन यह दुखद है कि मुख्यमंत्री को आधिकारिक रूप से आमंत्रित किए जाने के बावजूद बोलने नहीं दिया गया।

चुनावी कटुता के बाद पहली बार मोदी-ममता में हुआ आमना-सामना

गौरतलब है कि हाल में बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान जुबानी जंग व कटुता के बाद यह पहला मौका था जब ममता और पीएम मोदी बैठक में आमने सामने हुए। इससे पहले कोरोना की दूसरी लहर में पीएम की ओर से बुलाई गई किसी भी बैठक में ममता शामिल नहीं हुईं थीं।

पहले भी पीएम व केंद्र पर आरोप लगाती रही हैं ममता

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब ममता ने पीएम पर इस तरह का आरोप लगाया है। पिछले साल फरवरी में जब देश में कोरोना के मामले सामने आए थे, तब ममता ने कहा था कि दिल्ली दंगा से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा नीत केंद्र सरकार कोरोना के नाम पर लोगों को डरा रही है। इसके बाद पिछले साल अप्रैल में जब प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी, तब भी ममता ने उन्हें बोलने नहीं देने का आरोप लगाया था। यहां तक की ममता, पीएम द्वारा बुलाई गई कई बैठक में भी शामिल नहीं हुईं।

केवल राजनीति व केंद्र पर दोषारोपण कर रही हैं ममता :सुवेंदु

इधर, बैठक को सुपर फ्लॉप बताने पर बंगाल विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता व नंदीग्राम में ममता को हराने वाले सुवेंदु अधिकारी ने पलटवार करते हुए कहा कि वह (मुख्यमंत्री) अपनी शैली के अनुरूप हर चीज में केवल राजनीति व केंद्र पर दोषारोपण कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की यह बैठक जमीनी हालात जानने के लिए कुछ जिलाधिकारियों के साथ थी।  मुख्यमंत्रियों को इस बैठक को संबोधित नहीं करना था। लेकिन ममता ने अपने जिला अधिकारियों को बैठक में शामिल नहीं कराकर फिर पूरी उदासीनता दिखाई है और इसका राजनीतिकरण किया है।यही नहीं सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी पीएम मोदी की गुरुवार को हुई बैठक को हाईजैक करना चाहती थीं।

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