Violence in Bengal: बंगाल हिंसा के खिलाफ 23 जून से आंदोलन शुरू करेगी बंगाल भाजपा : दिलीप घोष
बंगाल में चुनाव बाद के परिदृश्य व हिंसा पर भाजपा की बंगाल इकाई ने मंगलवार को कोलकाता में एक अहम सांगठनिक बैठक की। बैठक में चुनाव बाद की स्थिति की समीक्षा के साथ वरिष्ठ नेताओं ने वर्तमान स्थिति से निपटने के तौर तरीकों एवं आगे की रणनीति पर चर्चा की।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में चुनाव बाद के परिदृश्य व हिंसा पर भाजपा की बंगाल इकाई के पदाधिकारियों एवं नेताओं ने मंगलवार को कोलकाता में एक अहम सांगठनिक बैठक की। बैठक में चुनाव बाद की स्थिति की समीक्षा के साथ वरिष्ठ नेताओं ने वर्तमान स्थिति से निपटने के तौर तरीकों एवं आगे की रणनीति पर चर्चा की। इसके अलावा विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं के फिर से अपनी पुरानी पार्टी में लौटने की इच्छा जाहिर करने के बाद उन्हें पार्टी में रोके रखने एवं पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों को टूट से बचाने को लेकर भी मंथन किया गया और बैठक के जरिए एकजुटता का संदेश दिया।
बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया कि सरकार गठन के एक महीने बाद भी राज्य में हिंसा जारी है और सभी जिलों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से संबंध रखने वाले गुंडे उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमला कर रहे हैं। उन्हें अपने घरों से भागने को मजबूर कर रहे हैं। घोष ने ऐलान किया कि राजनीतिक हिंसा के खिलाफ 23 जून से पार्टी राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेगी।
प्रदेश भाजपा प्रमुख ने राज्य में कानून- व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाते हुए बड़ा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी के साथ चुनाव बाद हिंसा को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात करने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य के 18 सांसदों और 75 विधायकों को लेकर राष्ट्रपति से मुलाकात करेगी। ‘राज्य सरकार की शांति कायम करने की इच्छा नहीं होने’ का दावा करते हुए घोष ने कहा कि भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए विभिन्न आयोगों एवं अदालतों का दरवाजा भी खटखटाया है।घोष ने इस दौरान आत्मविश्वास से भरे स्वर में कहा कि तृणमूल चाहे कुछ भी कर ले, भाजपा के विधायकों को किसी भी तरह से तोड़ नहीं सकती है।
बैठक से गैरहाजिर रहे मुकुल राय, राजीब बनर्जी व सब्यसाची दत्ता सरीखे नेता
वहीं, इस अहम बैठक से वरिष्ठ नेता मुकुल राय, राजीब बनर्जी, सब्यसाची दत्ता गैरहाजिर रहे। चुनाव नतीजे के बाद से ये सभी नेता और असंतुष्ट बताए जा रहे हैं। वहीं, इनकी अनुपस्थिति पर दिलीप घोष ने कहा कि जो नहीं आए उनमें से कुछ बीमार हैं। निजी कारणों से भी नहीं आए। बता दें कि राजीब व सब्यसाची विधानसभा चुनाव से पहले ही तृणमूल छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे लेकिन दोनों हार गए।
इसके बाद से ही वे पार्टी से दूरी बनाकर चल रहे हैं।दूसरी तरफ, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल राय की बीमार पत्नी को देखने दो जून को तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी अस्पताल गए थे, जिसके बाद से उनकी भी तृणमूल में वापसी को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। हालांकि मुकुल ने कहा कि उन्हें बैठक के बारे में सूचना नहीं मिली थी और वह खुद कोरोना से हाल में संक्रमित हुए थे एवं उनकी पत्नी अस्पताल में भर्ती हैं। इससे वह परेशान हैं। इस पर घोष ने कहा कि जहां तक मुझे पता है उन्हें बैठक की सूचना दी गई होगी।