जापानी दस्तावेजों से सामने आएगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के गायब होने का सच

जापान सरकार के पास नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ीं तीन बेहद महत्वपूर्ण फाइल हैं। वह सामने आ गई तो नेताजी के गायब होने के रहस्य से पर्दा उठ जाएगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 01 Nov 2018 09:17 PM (IST) Updated:Fri, 02 Nov 2018 02:32 PM (IST)
जापानी दस्तावेजों से सामने आएगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के गायब होने का सच
जापानी दस्तावेजों से सामने आएगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के गायब होने का सच

विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता। जापान सरकार के पास भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ीं तीन बेहद महत्वपूर्ण फाइल हैं। वह सामने आ गई तो नेताजी के रहस्यमय ढंग से गायब होने के रहस्य से पर्दा उठ जाएगा।

नेताजी के प्रपौत्र चंद्र बोस कुमार ने यह दावा किया है। उन्होंने खास बातचीत में कहा कि 'कांग्रेस सरकार ने नेताजी से संबंधित बहुत से दस्तावेजों को नष्ट कर दिया है। चूंकि नेताजी आजादी की लड़ाई के सिलसिले में काफी समय देश के बाहर भी रहे हैं इसलिए विदेशों में उनसे जुड़े बहुत से दस्तावेज अब भी मौजूद हैं, खासकर जापान में।

उन दस्तावेजों को अगर सामने लाया जा सका तो नेताजी के गायब होने के रहस्य से पर्दा उठ जाएगा। इसके अलावा रूस की सुरक्षा एजेंसी केजीबी अर्काइव में भी नेताजी से जुड़े कई दस्तेवाज मौजूद हैं। उन्हें सार्वजनिक करने से भी काफी मदद मिलेगी।

चंद्र कुमार बोस, जो भाजपा की बंगाल इकाई के उपाध्यक्ष भी हैं, ने आगे कहा कि 'नेताजी के गायब होने को लेकर बहुत सी थ्योरी प्रचलित हैं, लेकिन किसी भी थ्योरी को लेकर पुख्ता प्रमाण नहीं है। न तो विमान हादसे में नेताजी की मौत का कोई सबूत है और न ही सन 1968 तक उनके रूस में होने का।

नेताजी के गुमनामी बाबा बनकर रहने और जापान के रेनकोजी मंदिर में उनके भस्मावशेष होने के भी ठोस प्रमाण नहीं हैं। इसलिए वे इनमें से किसी में भी यकीन नहीं करते। देश में नेताजी से जुड़े तथ्यों को मिटाया गया है। आजाद हिंद फौज में 60,000 सैनिक शामिल थे, जिनमें से 26,000 ने अपने प्राणों की आहुति दी थी, लेकिन इतिहास में इस बात का कहीं कोई जिक्र नहीं है।

इंडिया गेट के पास बने नेताजी की प्रतिमा

बोस ने नई दिल्ली में इंडिया गेट के पास नेताजी की प्रतिमा स्थापित करने और नेताजी जयंती का 'मुक्ति दिवस' के तौर पर पालन करने की मांग की। उन्होंने 'दिल्ली चलो' का नारा दिया था इसलिए मैंने इंडिया गेट के पास प्रतिमा के निर्माण की मांग की है। मैं इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी लिखूंगा।' 

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