सुवेंदु अधिकारी ने सुबूतों को नष्ट करने के लिए वित्त विभाग के ई-आफिस सर्वर को डाउन करने का लगाया आरोप

भाजपा विधायक व बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने केंद्रीय फंडों के दुरुपयोग से जुड़े सुबूतों को नष्ट करने के लिए बंगाल सरकार के वित्त विभाग के ई-आफिस सर्वर को डाउन करने का आरोप लगाया है। वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने इसे बेबुनियाद बताया है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sat, 01 Oct 2022 05:03 PM (IST) Updated:Sat, 01 Oct 2022 05:03 PM (IST)
सुवेंदु अधिकारी ने सुबूतों को नष्ट करने के लिए वित्त विभाग के ई-आफिस सर्वर को डाउन करने का लगाया आरोप
भाजपा विधायक व बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की तस्‍वीर।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। भाजपा विधायक व बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने केंद्रीय फंडों के दुरुपयोग से जुड़े सुबूतों को नष्ट करने के लिए बंगाल सरकार के वित्त विभाग के ई-आफिस सर्वर को डाउन कर दिए जाने का आरोप लगाया है। दूसरी तरफ बंगाल की वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने सुवेंदु के इस आरोप को झूठा और बेबुनियाद बताया है।

सुवेंदु अधिकारी ने आरटीआइ भी लगाया 

सुवेंदु इस मसले पर सूचना का अधिकार कानून के तहत जानकारी के लिए आवेदन कर चुके हैं। उन्होंने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भी लिखा है। सुवेंदु का कहना है कि केंद्रीय परियोजनाओं के लिए आवंटित फंड को राज्य सरकार के प्रकल्पों में लगाया जा रहा है। 

उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार डर गई है। उसने वित्त विभाग के ई-आफिस सर्वर को दुर्गा पूजा के छह दिनों के लिए डाउन रखने का निर्देश दिया है। दरअसल इसकी आड़ में वह सुबूतों को मिटाने की कोशिश कर रही है। भ्रष्टाचार में डूबी तृणमूल सरकार को रंगे हाथों गिरफ्तार करने के लिए उसकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखना जरुरी है।

भाजपा ने मवेशी तस्‍करी कांड की सीआइडी जांच पर भी घेरा 

इसपर चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि सर्वर को अनुरक्षण के लिए डाउन किया जा रहा है। अभी पूजा की छुट्टी भी है। आफिस खुलते ही सर्वर पूरी क्षमता से काम करेगा। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया कि मवेशी तस्करी कांड से जुड़े सुबूतों को मिटाने के लिए ही ममता सरकार ने इसकी सीआइडी जांच के आदेश दिए हैं। घोष ने सवाल किया कि तृणमूल के शासन में शुरू से ही मवेशी तस्करी का बोलबाला था, फिर इतने दिनों तक सीआइडी ने इसकी जांच क्यों नहीं की? सीबीआइ की जांच शुरू होने पर ही उसकी नींद क्यों खुली? दरअसल मामले से जुड़े बहुत से सुबूतों के सीबीआइ के हाथ लगने से पहले ही राज्य सरकार उन्हें सीआइडी के जरिए नष्ट कर देना चाहती है। सीआइडी जांच सिर्फ एक नाटक है।

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