सुंदरवन को रामसार साइट बनाने को सरकार तैयार

रामसार साइट का दर्जा मिलने से सुंदरवन को ईको टूरिज्म हॉट स्पॉट के तौर भी प्रचारित किया

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Apr 2018 07:59 AM (IST) Updated:Fri, 20 Apr 2018 07:59 AM (IST)
सुंदरवन को रामसार साइट बनाने को सरकार तैयार
सुंदरवन को रामसार साइट बनाने को सरकार तैयार

रामसार साइट का दर्जा मिलने से सुंदरवन को ईको टूरिज्म हॉट स्पॉट के तौर भी प्रचारित किया जा सकेगा।

जेएनएन, कोलकाता: लंबे समय बाद बंगाल सरकार ने आखिरकार भारत के सुंदरवन रिजर्व फॉरेस्ट के बारे में रामसार साइट बनाने के लिए हामी भर दी है। इसी के साथ सुंदरवन के वेटलैंड्स अंतरराष्ट्रीय रूप से महत्वपूर्ण माने जाने के एक कदम नजदीक आ गए हैं। राज्य सरकार के मुहर के बाद वन विभाग अब 8260 किमी में फैले सुंदरवन के रामसार साइट के तौर पर पहचान बनाने के लिए बाकी औपचारिकताएं पूरी करने में लग गया है।

कन्वेन्शन ऑन वेटलैंड्स, जिसे रामसार कन्वेन्शन भी कहते हैं, सरकारों के बीच समझौता है, जिससे वेटलैंड्स और उनकी संपदाओं को बचाने और बेहतर इस्तेमाल के लिए राष्ट्रीय एक्शन प्लान और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का खाका तैयार किया जाता है।

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रामसार साइट बने तो बहुत फायदे

बंगाल में फिलहाल एक रामसार साइट है- ईस्ट कोलकाता वेटलैंड्स। सुंदरबन को अपनी जैवविविधता के कारण 1987 से यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा मिला हुआ है। रामसार साइट का दर्जा मिलने से सुंदरवन को ईको टूरिज्म हॉट स्पॉट के तौर भी प्रचारित किया जा सकेगा। साथ ही, इसे बचाने के ऊपर ज्यादा ध्यान रखा जा सकेगा, क्योंकि ऐसा नहीं करने की स्थिति में अगर सुंदरवन को कोई नुकसान होता है तो उससे रामसार साइट होने का दर्जा वापस ले लिया जाएगा।

सुंदरबन में दुनिया के सबसे ज्यादा बाघ पाए जाते हैं। यहा के मैंग्रोव जंगल भारत के 40 लाख और बाग्लादेश के 35 लाख लोगों को बंगाल की खाड़ी के साइक्लोनिक डिप्रेशन से उठने वाली लहरों के प्रभाव से बचाते हैं। इसका लगभग एक तिहाई हिस्सा सुरक्षित क्षेत्र के अंतर्गत आता है। प्रदूषण नियंत्रण करने में भी सुंदरवन एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। यहा पेड़ों की 84 प्रजातिया, जिनमें से 34 केवल मैंग्रोव हैं, पाई जाती हैं।

राज्य सरकार का फैसला आने के बाद राज्य के मुख्य वन अधिकारी रविकात सिन्हा ने इसे सम्मान की बात बताया है। उन्होंने कहा कि सुंदरवन केवल रॉयल बंगाल टाइगर तक ही सीमित नहीं है। यहा पेड़ों, जानवरों, वेटलैंड्स, आदि की भी बड़ी विवधता है। उन्होंने बताया कि कई साल से यहा की खास जैवविवधता को बचाने की कोशिश की जा रही थी। उन्होंने बताया कि सुंदरवन के वेटलैंड्स पर 300 पन्नों की रिपोर्ट जमा की जाएगी। रामसार से रजामंदी मिलने पर इन्हें बचाने के लिए दुनियाभर के विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी।

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