शशि कपूर के लिए खास था कोलकाता के होटल का कमरा नंबर-17

जी हां, कोलकाता के होटल फेरीलॉन का कमरा नंबर- 17 से शशि कपूर का एक विशेष संबंध था जो हमेशा उनके लिए खास रहा।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 07 Dec 2017 01:29 PM (IST) Updated:Thu, 07 Dec 2017 04:59 PM (IST)
शशि कपूर के लिए खास था कोलकाता के होटल का कमरा नंबर-17
शशि कपूर के लिए खास था कोलकाता के होटल का कमरा नंबर-17

कोलकाता, [जागरण संवाददाता]। अपनी जादुई अभिनय के जरिए कई दशकों तक लोगों के दिलों पर राज करने वाले दिग्गज अभिनेता शशि कपूर अब इस दुनिया में नहीं हैं। लेकिन, उनका कोलकाता के एक होटल से बेहद खास कनेक्शन था जिसके बारे में शायद ही लोगों को पता है। 

जी हां, कोलकाता के होटल फेरीलॉन का कमरा नंबर- 17 से शशि कपूर का एक विशेष संबंध था जो हमेशा उनके लिए खास रहा। इसका कारण यह है कि वे जब भी कोलकाता आते थे तो इस होटल के कमरा नंबर- 17 में ही रूकते थे। उनकी जिंदगी में इस कमरे की खासियत क्यों थी इस बारे में खुद होटल के मैनेजर रवींद्र पाल ने बताया कि शशि कपूर जब पहली बार कोलकाता आए थे तो अपनी पत्‍‌नी जेनिफर कैंडल के साथ हनीमून के लिए वह इसी होटल में आए थे और उसी कमरे में रूके थे। यही कारण था कि उनकी जिंदगी में हमेशा के लिए यह कमरा बेहद खास हो गया था। रवींद्र के अनुसार, मजेदार बात यह है कि जब भी वह कोलकाता आते थे तो पहले से हमें फोन कर दिया करते थे और मैं उनके लिए उसी रूम की बुकिंग लेता था। रवींद्र बताते हैं कि 'वह कोलकाता घूमने के काफी शौकीन थे। वह हमेशा कोलकाता के लोगों की खूब तारीफ करते थे। कहते थे कि उन्हें यहां की भाषा बहुत पसंद है। यहां की पारंपरिक मिठाई संदेश मंगाकर वह खूब खाते थे। हमारे पास उनकी बहुत सारी तस्वीरें हैं।' हालांकि खाने-पीने से अधिक उन्हें नाटक, साहित्य और घूमने- फिरने में रुचि थी। वह कई बार कहते थे कि यहां के लोगों से मिल कर उन्हें अच्छा लगता है। 

रवींद्र ने बताया कि कई बार उनके फैन्स होटल के गेट के सामने आते थे तो वह सहज ही लोगों से मिलते थे और ऑटोग्राफ देने से भी नहीं हिचकते थे। उन्होंने कहा, अभिनेता के इस होटल से बेहद लगाव को देखते हुए उस दौर में कमरे का नामकरण भी हमने रूम नंबर-17 की जगह शशि कपूर के नाम पर ही कर दिया था। रवींद्र ने यह भी बताया कि हमलोग उनकी फिल्मों व उनके बचपन के बारे में खूब बातें करते थे। उनके मुताबिक, चूंकि शशि कपूर को कोलकाता से इसलिए भी लगाव था कि उनका जन्म कोलकाता में ही हुआ था। इसलिए वह हमेशा अपनी बचपन की बातें और कोलकाता में उन जगहों पर जरूर जाते थे, जहां उनका जन्म हुआ था। उस स्थान को देखने वह बार-बार जाते थे। रवींद्र बताते हैं कि उन्होंने उनकी सभी फिल्में देखी हैं। लेकिन सबसे पसंदीदा फिल्मों में कन्यादान है। रवींद्र से कई बार शशि कपूर ने साहित्य, कला, सिनेमा पर भी चर्चा की थीं। रवींद्र बताते हैं कि वह कुछ नहीं तो कम से कम 100 से अधिक बार शशि कपूर से मिल चुके होंगे। वह रवींद्र को उनके नाम से नहीं बल्कि माइ फ्रेंड कह कर ही बात करते थे। 

सबसे खास बात जो रवींद्र को आकर्षित करती थी कि वह गाड़ी रोकने के बाद खड़े होकर गेट कीपर से भी बात करते थे और हाउस कीपिंग के लोगों से भी। चाय के बारे में वह कभी नहीं कहते थे कि चाय पीनी है। बांग्ला में कहते थे कि आमी चा खाबो। रवींद्र उन दिनों को याद करके कहते हैं कि उन्हें लगता था कि कपूर आए हैं तो उन्हें शानदार चाय पिलाई जाए, लेकिन वह कहते थे कि उन्हें रोडसाइड टाइप चाय चाहिए। यही नहीं रवींद्र की पत्‍‌नी को उन्होंने भगवान गणेश की एक मूर्ति भी तोहफे के रूप में दिया था। 

रवींद्र बताते हैं कि आज भी कई लोग उस कमरे में ठहरते हैं तो बेहद खुश होते हैं कि यह शशि कपूर का कमरा था। रवींद्र के होटल में आज भी शशि कपूर की कई तस्वीरें लगी हैं। रवींद्र के अनुसार, जब खबर मिली कि शशि नहीं रहे, होटल के पूरे स्टाफ की आंखें नम थीं। उन्होंने बताया, शशि कपूर की मुस्कान हमारे यहां की संदेश मिठाई से ज्यादा मीठी थी।

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