Somen Mitra passes away: राजनीतिक दलों के नेताओं ने सोमेन मित्रा के निधन पर जताया दुख

बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्रा के निधन पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने गुरुवार को दुख व्यक्त किया और उन्हें जमीनी स्तर का दक्ष व संगठनात्मक क्षमता वाला नेता बताया।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Thu, 30 Jul 2020 06:58 PM (IST) Updated:Thu, 30 Jul 2020 08:46 PM (IST)
Somen Mitra passes away: राजनीतिक दलों के नेताओं ने सोमेन मित्रा के निधन पर जताया दुख
Somen Mitra passes away: राजनीतिक दलों के नेताओं ने सोमेन मित्रा के निधन पर जताया दुख

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्रा के निधन पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने गुरुवार को दुख व्यक्त किया और उन्हें जमीनी स्तर का दक्ष व संगठनात्मक क्षमता वाला नेता बताया। मित्रा का कोलकाता के एक निजी अस्पताल में गुरुवार देर रात 1:30 बजे दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। मित्रा 78 वर्ष के थे और कई बीमारियों से पीड़ित है। इधर, माकपा के वरिष्ठ नेता बिमान बोस ने मित्रा के साथ अपने व्यक्तिगत समीकरणों को याद किया और कहा कि उनका निधन ‘‘राज्य में धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों के लिए एक झटका है जो भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ एकजुट लड़ाई का प्रयास कर रही हैं।’’

बोस ने याद किया कि किस तरह से मित्रा ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनसे और अन्य दलों के नेताओं के साथ व्यक्तिगत समीकरण बनाए रखे। वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष ने कहा कि यह बंगाल की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। घोष ने कहा, ‘‘सोमेन दा के निधन का मतलब एक युग का अंत है। हो सकता है कि हमारे बीच राजनीतिक विचारधारा को लेकर मतभेद रहे हों लेकिन इससे अधिक वह एक जन नेता थे, जिनकी लंबी राजनीतिक पारी थी।’’ भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा, ‘‘दिवंगत आत्मा को शांति मिले। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना।’’

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि मित्रा ने 70 के दशक की शुरुआत में एक छात्र नेता के रूप में राजनीति में अपनी शुरूआत की थी और उन्हें (मुखर्जी) और कांग्रेस के दिवंगत नेता प्रिय रंजन दासमुंशी को मित्रा से काफी समर्थन प्राप्त हुआ जब वे 70 के दशक में पार्टी के लिए काम कर रहे थे। मुखर्जी ने कहा, ‘‘जब दो साल पहले प्रिय दा का निधन हुआ, तब मैंने एक अच्छा दोस्त खो दिया था। अब सोमेन भी अचानक से चले गए हैं। पिछले दो दिनों से मैं सुन रहा था कि वह ठीक हो रहे हैं। लेकिन आज सुबह चौंकाने वाली खबर मिली।’’ उन्होंने मित्रा को एक समर्पित और बहादुर पार्टी कार्यकर्ता बताया। वहीं, तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय ने कहा कि मित्रा संगठन के आदमी थे। उन्होंने याद किया कि ‘‘कैसे उन्होंने 70 के दशक में नक्सलवाद और माकपा के आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ी और युवा कांग्रेस और कांग्रेस का निर्माण किया।’’ रॉय ने कहा, ‘‘हम एक पार्टी से नहीं है, लेकिन मेरे मन में उनके प्रति बहुत सम्मान है।’’

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘‘मैंने राजनीति में अपना अभिभावक खो दिया है।’’ पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने कहा, ‘‘मुझे सोमेन दा द्वारा प्रदेश स्तर पर शामिल किया गया था। वह जमीनी कार्यकर्ताओं के बीच काफी लोकप्रिय थे और अपने व्यवहार के चलते उन्हें उनका प्यार प्राप्त था।’’ मन्नान ने कहा, ‘‘हमारे बीच बहस होती थी और मतभेद थे। लेकिन उससे एक बड़े और छोटे भाई के हमारे रिश्ते में कभी खटास नहीं आई। वह एक महान नेता थे।’’

कांग्रेस नेता व राज्यसभा सदस्य प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि मित्रा ‘‘संतुलन की राजनीति में विश्वास करते थे और वह कभी व्यक्तिगत हमले और कटुता में विश्वास नहीं करते।’’ बताते चलें कि मित्रा के परिवार में पत्नी और पुत्र हैं। कांग्रेस की पश्चिम बंगाल ईकाई के 1992-1996, 1996-1998 और सितंबर 2018 से अब तक तीन बार अध्यक्ष रहे मित्रा सियालदह विधानसभा क्षेत्र से सात बार विधायक चुने गए। इसके अलावा वह डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से 2009 से 14 तक एक बार सांसद चुने गए थे।

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