साल्टलेक के एसडीएफ बिल्डिंग में आग

- दमकल के पांच इंजनों ने दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया - आग लगने के

By JagranEdited By: Publish:Wed, 30 Jan 2019 05:51 PM (IST) Updated:Wed, 30 Jan 2019 08:12 PM (IST)
साल्टलेक के एसडीएफ बिल्डिंग में आग
साल्टलेक के एसडीएफ बिल्डिंग में आग

- दमकल के पांच इंजनों ने दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया

जागरण संवाददाता, कोलकाता : साल्टलेक सेक्टर पांच के अंतर्गत पड़ने वाले एसडीएफ बिल्डिंग में बुधवार की सुबह अचानक आग लगने से इलाके में सनसनी फैल गई। हालांकि समय रहते इसकी सूचना दमकल विभाग को दे दी गई। जिसके बाद मौके पर पहुंचे दमकल विभाग के पांच इंजनों ने करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। घटना के दौरान बिल्डिंग में कायम दहशत के बीच अफरा तफरी माहौल देखने को मिला। मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार सुबह 10 बजे के करीब इमारत के चौथे माले से धुआं निकलता देखा गया और कुछ देर में आग ने दूसरे माले को भी अपने आगोश में ले लिया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची दमकल के पांच इंजनों ने आग बुझाने के लिए हाइड्रोलिक सीढ़ी का इस्तेमाल किया व दो घंटे तक चली कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार आग पर काबू पा लिया गया। वहीं आग लगने के दौरान कई लोग इमारत में फंसे रहे, जिन्हें दमकल कर्मियों की मदद से बाहर निकाला गया। खैर, आग लगने की वजह साफ नहीं हो सकी है। लेकिन प्राथमिक अनुमान के मुताबिक शॉर्ट सर्किट की वजह से ही उक्त घटना घटी है। इधर, मौके पर पहुंचे राज्य के दमकल मंत्री सुजीत बोस ने कहा कि यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिरकार आग कैसे लगी। लेकिन समय रहते आग पर काबू पा लिया गया। हमारे लोगों ने अच्छा काम किया है। हालांकि लगातार आग लगने की घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए राज्य के दमकल मंत्री सुजीत बोस व विभाग के अन्य आलाधिकारियों की मौजूदगी में बीते मंगलवार को विशेष अभियान के तौर पर महानगर स्थित कई शॉपिंग मॉलों व इमारतों का औचक निरीक्षण किया गया व वहां की अग्निशमन प्रणाली की जांच की गई। वहीं निरीक्षण के दौरान मंत्री सुजीत बोस ने यह भी साफ किया था कि उक्त निरीक्षण से लोगों को घबड़ाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अगर कही कोई चूक दिखती है तो उसे त्वरित प्रयास से दुरुस्त किया जाएगा। गौर हो कि राज्य सरकार की ओर से आग लगने की घटनाओं से निपटने के लिए हर माह 100 फॉयर आडिट की योजना बनाई है, जो आगे चलकर दो सौ में तब्दील हो जाएगा। इसके अलावा स्कूली छात्रों को भी विशेष तौर पर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही, ताकि विषम परिस्थितियों में वे चुनौतियों का सामना कर सके।

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