NRC: कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा- एनआरसी भाजपा की मुस्लिम विरोधी नीति है

अधीर रंजन ने कहा हमने सबसे पहले पीओके को भारत में शामिल करने की मांग की और 1994 में इससे संबंधित प्रस्ताव कांग्रेस सरकार द्वारा पहली बार लोकसभा राज्यसभा में पारित किया गया।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 12 Sep 2019 09:39 AM (IST) Updated:Thu, 12 Sep 2019 09:39 AM (IST)
NRC: कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा- एनआरसी भाजपा की मुस्लिम विरोधी नीति है
NRC: कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा- एनआरसी भाजपा की मुस्लिम विरोधी नीति है

कोलकाता, जागरण संवाददाता। पाक अधिकृत कश्मीर पर केंद्र की मोदी सरकार के रवैये को अनसुलझा करार देते हुए बहरमपुर के सांसद व लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमने सबसे पहले पीओके को भारत में शामिल करने की मांग की और साल 1994 में इससे संबंधित प्रस्ताव कांग्रेस सरकार द्वारा पहली बार लोकसभा और राज्यसभा में पारित किया गया। वहीं उन्होंने सवाल किया कि क्या जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के हटाने के बाद वहां की समस्याओं का समाधान हो गया है।

उन्होंने कहा कि धारा 370 के हटने के बाद राहुल गांधी स्थिति का जायजा लेने को कश्मीर गए, लेकिन उन्हें वहां प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। मौजूदा आलम यह है कि देश के लोग वहां नहीं जा सकते हैं। यहां तक की 25 होटलों की बुकिंग रदद कर दी गई है। दुर्गा पूजा के दौरान बंगाल के लोग छुट्टियों में कश्मीर जाया करते हैं, लेकिन इस बार वे वहां नहीं जा सकेंगे।

वहीं एनआरसी के मसले पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा इसके जरिए देश के मुसलमानों को बाहर निकालने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा वास्तव में सांप्रदायिक राजनीति कर रही है। भला क्यों भाजपा शासित राज्यों में एनआरसी को लागू किया जा रहा है?

मौजूदा आर्थिक संकट पर केंद्र सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि इस विषम परिस्थिति के लिए केवल वित्त मंत्री अकेले जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि इसके लिए भाजपा की अनसुलझी नीति व नीति बनाने वाले नेता जिम्मेदार हैं। खैर, इन सबके इतर, मोदी सरकार केवल टीवी पर विज्ञापन दे अपने उन विकासों को जनता के बीच पहुंचाने में जुटी है, जिसका नींव ही कमजोर है और रही बात देश में आर्थिक संकट के शुरुआत की तो नोटबंदी के समय से ही देश इस भयावह स्थिति से ग्रसित है।

वहीं, बहूबाजार ईस्ट-वेस्ट मेट्रो हादसे के लिए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेवार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जानबूझकर मेट्रो के मार्ग में परिवर्तन कराया था और परिणाम आज हमारे सामने हैं। ऐसे में इस घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और इसके दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

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