राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग ने बंगाल में प्राइवेट ट्यूशन पढ़ा रहे सरकारी शिक्षकों की मांगी सूची

आयोग की ओर से इस बाबत कुछ जिलों के डीएम को लिखा गया है पत्र। वेस्ट बंगाल होम टीचर्स डेवलपमेंट एसोसिएशन ने आयोग से शिकायत की थी। एसोसिएशन ने कहा था कि सरकारी शिक्षक प्राइवेट ट्यूशन पढ़ा रहे हैं। कुछ ऑनलाइन ट्यूशन भी दे रहे हैं जो कि गैरकानूनी है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Wed, 04 Nov 2020 04:53 PM (IST) Updated:Wed, 04 Nov 2020 05:42 PM (IST)
राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग ने बंगाल में प्राइवेट ट्यूशन पढ़ा रहे सरकारी शिक्षकों की मांगी सूची
इस बाबत शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं जाहिर की है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग ने  बंगाल सरकार से राज्य में प्राइवेट ट्यूशन पढ़ा रहे सरकारी शिक्षकों की सूची मांगी है। आयोग की ओर से इस बाबत कुछ जिलों के डीएम को पत्र लिखा गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वेस्ट बंगाल होम टीचर्स डेवलपमेंट एसोसिएशन ने आयोग से इसकी शिकायत की थी। 

कुछ ऑनलाइन ट्यूशन भी दे रहे हैं जो कि गैरकानूनी है

होम टीचर्स एसोसिएशन ने कहा था कि सरकारी शिक्षक प्राइवेट ट्यूशन पढ़ा रहे हैं। उनमें से कुछ ऑनलाइन ट्यूशन भी दे रहे हैं, जो कि गैरकानूनी है। इसपर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जानी चाहिए। 

सरकारी शिक्षकों के लिए प्राइवेट ट्यूशन दंडनीय अपराध

गौरतलब है कि कोरोना काल में स्कूल-कॉलेज बंद होने के कारण सरकारी शिक्षक खाली बैठे हैं इसलिए प्राइवेट ट्यूशन पढ़ा रहे हैं। गौरतलब है कि बाल शिक्षा अधिकार कानून के क्रियान्वित होने के बाद सरकारी शिक्षकों के लिए प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाना दंडनीय अपराध है। 

शिक्षा मंत्री की ओर से अभी तक प्रतिक्रिया जाहिर नहीं 

इस बाबत शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं जाहिर की है। होम टीचर्स एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि इस मसले को लेकर कई बार राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की गई।  

राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग के समक्ष रख्री बात

लेकिन उनकी तरफ से कभी कोई कदम नहीं उठाया गया। बाध्य होकर उन्हें राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग के समक्ष यह बात रखनी पड़ी। सरकारी शिक्षक सरकार से वेतन भी ले रहे हैं और प्राइवेट ट्यूशन भी पढ़ा रहे हैं, जो जायज नहीं है।

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