सुंदरवन क्षेत्र में में बाघों से रक्षा के लिए मछुआरों को दिए जा रहे हैं एलपीजी लगे छोटे ओवन

सुंदरवन क्षेत्र में मछुआरों को एलपीजी सिलेंडर लगे छोटे ओवन दिए जा रहे हैं जिससे उन्हें आरक्षित वन क्षेत्र से जलाने के लिए लकड़ी एकत्रित करने से रोका जा सके।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 06:47 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 06:47 PM (IST)
सुंदरवन क्षेत्र में में बाघों से रक्षा के लिए मछुआरों को दिए जा रहे हैं एलपीजी लगे छोटे ओवन
सुंदरवन क्षेत्र में में बाघों से रक्षा के लिए मछुआरों को दिए जा रहे हैं एलपीजी लगे छोटे ओवन

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः सुंदरवन क्षेत्र में मछुआरों को एलपीजी सिलेंडर लगे छोटे ओवन दिए जा रहे हैं, जिससे उन्हें आरक्षित वन क्षेत्र से जलाने के लिए लकड़ी एकत्रित करने से रोका जा सके। यह जानकारी एक शीर्ष वन अधिकारी ने मंगलवार को दी। 

मुख्य वन्य जीव वार्डन रविकांत सिन्हा ने कहा कि एक प्रायोगिक परियोजना के तहत उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट ब्लॉक में 100 मछुआरों को एलपीजी से चलने वाले 100 ओवन की आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना की सफलता के बाद हमारी योजना वन क्षेत्र में अधिक से अधिक मछुआरों तक पहुंच बनाने की है। एक सिलेंडर 12 दिनों तक चल सकता है, आमतौर पर इतना ही समय मछुआरों को एक यात्रा पूरी करने में लगता है। सिन्हा ने कहा कि चूंकि दुनिया के सबसे बड़े मैंग्रोव जंगल सुंदरवन में विकल्प सीमित हैं। मछुआरे अक्सर अपनी नावों को तटों पर लगाकर लकड़ी इकट्ठा करने के लिए जंगल में प्रवेश करते हैं। उनमें से कई बाघों द्वारा मारे जाते हैं। 

उन्होंने कहा कि हम जल्द से जल्द इस प्रथा को रोकना चाहते हैं। यह नई पहल, अगर सफल रही, तो मनुष्यों पर बाघ के हमलों की घटनाओं को कम करने में मदद मिलेगी। शनिवार को, उत्तर 24 परगना में एनजीओ ‘सोसाइटी फॉर हेरिटेज एंड इकोलॉजिकल रिसर्च’ की सहायता से मछुआरों के बीच 23 सिलेंडर वितरित किए गए। बाकी को जल्द ही दिया जाएगा। बताते चलें कि पिछले कुछ दिनों में सुंदरवन इलाके में बाघ के हमले में 12 मछुआरे मारे गए हैं।

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