बेनामी संपत्ति को कब्जे में लेगा नगर निगम

-कोलकाता नगर निगम के राजस्व को हो रहा भारी नुकसान -कर वसूली के लिए प्रत्येक वार्डो में अभियान

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Dec 2019 10:31 AM (IST) Updated:Fri, 27 Dec 2019 10:31 AM (IST)
बेनामी संपत्ति को कब्जे में लेगा नगर निगम
बेनामी संपत्ति को कब्जे में लेगा नगर निगम

-कोलकाता नगर निगम के राजस्व को हो रहा भारी नुकसान

-कर वसूली के लिए प्रत्येक वार्डो में अभियान चलाएगा निगम

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जागरण संवाददाता, कोलकाता : कोलकाता नगर निगम महानगर स्थित बेनामी संपत्तियों की पहचान कर उसे अपने कब्जे में लेने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों की माने तो शहर में कई ऐसी इमारतें है जो जर्जर हो गई हैं और उनके मालिकों की कोई जानकारी नहीं है। यहां तक की निगम के पास भी उससे संबंधित दस्तावेज नहीं है और वर्षो से संपत्ति कर भी बकाया है। वैसी इमारतों को निगम अपने कब्जे में लेगा। इसके लिए निगम विशेषज्ञों की सलाह ले रहा है। बता दें कि गत शनिवार को हुए मासिक अधिवेशन में कोलकाता के उप मेयर अतिन घोष ने बताया था कि शहर में कुल 4,700 करोड़ रुपये का संपत्ति कर बकाया है, जिसके कारण निगम को वषरें से नुकसान सहना पड़ रहा है। बकौल घोष महानगर में कई ऐसी जर्जर इमारतें हैं, जिसके मालिकों का पता ठिकाना निगम के पास नहीं है। वर्षो से कर बकाया रखने वाले मकान मालिकों को निगम की ओर से नोटिस भी भेजा जा रहा है लेकिन अब तक एक भी मकान मालिक निगम में संबंधित अधिकारियों से मुलाकात नहीं की है। जानकारी के मुताबिक, कई ऐसी इमारतें है, जहा मकान मालिक की अनुपस्थिति में किराएदार कब्जा जमा हुए हैं, जबकि कई मकान व इमारतें लंबे समय से बंद हैं। महानगर में ऐसी इमारतों की संख्या सबसे अधिक बोरो 1, 3, 5, 8 तथा 9 में है। उत्तर व दक्षिण कोलकाता में हुगली नदी के किनारे कई ऐसी इमारतें हैं, जो लंबे समय से बंद हैं। जिसके कारण ये इमारतें जर्जर हो गई है, हुगली नदी के किनारे स्थित इन इमारतों के अधिकतर मालिकों का पता निगम के पास नहीं है। ऐसी अधिकतर इमारतों पर अब स्थानीय लोगों का कब्जा है, जो निगम को कर भी भुगतान नहीं करते। उप मेयर ने बताया कि करदाताओं की सहूलियत के लिए राज्य सरकार ने वेवर स्कीम चालू किया है। इस कर प्रणाली के तहत करदाताओं को ब्याज और जुर्माना से राहत मिल सकती है लेकिन इसके बाद भी कर बकाया रखने वाले रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

अतिन ने कहा कि बकाया कर के भुगतान को अब अभियान चलाया जाएगा। घर-घर जाकर बकाए राशि की माग की जाएगी। इस अभियान से स्थानीय पार्षदों को भी जोड़ा जाएगा।

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