30 घंटे बाद घेराव-मुक्त हुए जेयू के वीसी, आंदोलन जारी

जागरण संवाददाता, कोलकाता : जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में प्रवेश परीक्षा के बदले अंकों के आधार पर

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Jul 2018 03:00 AM (IST) Updated:Sat, 07 Jul 2018 03:00 AM (IST)
30 घंटे बाद घेराव-मुक्त हुए जेयू के वीसी, आंदोलन जारी
30 घंटे बाद घेराव-मुक्त हुए जेयू के वीसी, आंदोलन जारी

जागरण संवाददाता, कोलकाता : जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में प्रवेश परीक्षा के बदले अंकों के आधार पर कला विभाग में दाखिले के फैसले के खिलाफ बुधवार शाम से छात्र-छात्राओं द्वारा किया जा रहा घेराव व धरना शुक्रवार को भी जारी रहा। हालांकि आंदोलनरत छात्रों ने गुरुवार देर रात करीब 30 घंटे बाद विश्वविद्यालय के कुलपति सुरंजन दास और कार्यकारी परिषद के सदस्यों को विश्वविद्यालय परिसर से बाहर जाने की इजाजत दे दी। इस बीच छात्रों के इस आंदोलन को अब विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ (जेयूटीए) के सदस्यों और गैर शिक्षण कर्मियों का भी समर्थन मिल गया है। अंग्रेजी के बाद साहित्य विभाग के शिक्षक भी शुक्रवार को छात्रों के साथ आंदोलन में खड़े हो गए और उन्होंने विश्वविद्यालय प्रबंधन के फैसले पर आपत्ति जताते हुए प्रवेश प्रक्रिया में भाग लेने से इन्कार कर दिया। शिक्षकों ने इस बाबत कुलपति को पत्र लिखकर भी अपना विरोध जताया है। साथ ही इस दिन उन्होंने काम भी नहीं किया।

जेयूटीए के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस कदम के विरोध में शिक्षकों ने अरबिंदों भवन के सामने धरने में भी हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि प्रवेश परीक्षा के बदले अंकों के आधार पर दाखिले का यह कदम विश्वविद्यालय में कला संकाय में अकादमिक मानक को कम कर सकता है।

दूसरी तरफ, शुक्रवार को कुलपति सुरंजन दास ने इस मसले पर राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी से मुलाकात की। सूत्रों का कहना है कि कुलपति ने शिक्षा मंत्री को पूरे हालात की जानकारी दी और कहा कि वर्तमान में जो माहौल है, उसमें काम करना बेहद मुश्किल है।

इसके बाद शाम को कुलपति ने राजभवन जाकर राज्यपाल व विश्वविद्यालय के कुलाधिपति केसरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात की और ताजा स्थिति के बारे में उन्हें जानकारी दी। इधर, राज्यपाल से पहले कुलपति के शिक्षा मंत्री से मुलाकात करने पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। छात्रों का कहना है कि जब जेयू एक स्वायत्त संस्था है तो कुलपति को राज्यपाल से मिलना चाहिए था। शिक्षा मंत्री से मिलने को कोई औचित्य ही नहीं है।

वहीं, आंदोलनरत छात्रों के एक संगठन एएफएसयू की अध्यक्ष सोमाश्री चौधरी ने शुक्रवार को बताया-'हमने गुरुवार रात 11 बजकर 45 मिनट पर कुलपति और कार्यकारी परिषद के अन्य सदस्यों को बाहर जाने की इजाजत दे दी लेकिन विश्वविद्यालय की मुख्य प्रशासनिक इमारत अरबिंदो भवन के सामने हमारा धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक परिषद प्रवेश परीक्षा रद करने का अपना फैसला वापस नहीं ले लेता।' मांग को लेकर दबाव बढ़ाने के लिए एएफएसयू सहित विवि के अन्य छात्र संगठनों ने कक्षाओं का बहिष्कार करने की अपील की है। हमें जादवपुर विवि शिक्षक संघ के सदस्यों का भी समर्थन हासिल है।

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क्या है मामला

जेयू में पहले 3 से 6 जुलाई तक प्रवेश परीक्षा की बात थी लेकिन 25 जून को कार्यकारी समिति की बैठक में अंकों के आधार पर दाखिले का निर्णय लिया गया। छात्र-छात्राओं ने इसका विरोध करते हुए कुलपति, रजिस्ट्रार और कार्यकारी समिति के अन्य सदस्यों का घेराव किया। कार्यकारी समिति ने भारी विरोध को देखते हुए 27 जून को बैठक कर अपने इस फैसले को वापस ले लिया और 28 जून को कहा गया कि 11 से 14 जुलाई तक प्रवेश परीक्षा ली जाएगी लेकिन कार्यकारी समिति ने 4 जुलाई को फिर बैठक कर अपने फैसले को बदलते हुए अंकों के आधार पर ही दाखिला का निर्णय लिया। इसी बीच जेयू की दाखिला कमेटी ने 27, 28 30 व 31 जुलाई को दाखिले की घोषणा भी कर दी। छात्र इसी के विरोध में धरना दे रहे हैं।

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