हाईकोर्ट सुना सकता है पंचायत चुनाव पर फैसला

पंचायत चुनाव को लेकर शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट अपना फैसला सुना सकता है। क्योंकि, मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में सुरक्षा के मुद्दे पर मामला लंबित है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Fri, 04 May 2018 11:46 AM (IST) Updated:Fri, 04 May 2018 11:58 AM (IST)
हाईकोर्ट सुना सकता है पंचायत चुनाव पर फैसला
हाईकोर्ट सुना सकता है पंचायत चुनाव पर फैसला

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। पंचायत चुनाव को लेकर शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट अपना फैसला सुना सकता है। क्योंकि, मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में सुरक्षा के मुद्दे पर मामला लंबित है। चुनाव की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर खंडपीठ ने राज्य सरकार व चुनाव आयोग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी।

इस मुद्दे पर गुरुवार को नवान्न (राज्य सचिवालय) में उच्चस्तरीय बैठक हुई। खबर है कि चार राज्यों ने बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए सशस्त्र पुलिस बल भेजने पर सहमति जता दी है। गुरुवार को नवान्न में मुख्य सचिव मलय दे और गृह सचिव अत्रि भट्टाचार्य की उपस्थिति में हुई पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में डीजीपी सुरजीतकर पुरकायस्थ, एडीजी (कानून व्यवस्था) अनुज शर्मा और पंचायत सचिव समेत अन्य आला अधिकारी मौजूद थे।

नवान्न सूत्रों के मुताबिक पहले पुरकायस्थ और शर्मा की आपस में बैठक हुई। दोनों की कई बार अन्य राज्य सरकारों के गृह सचिव और डीजीपी के साथ फोन पर बातचीत की। उसके बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में पुरकायस्थ ने बताया कि चार राज्यों ने पंचायत चुनाव में पुलिस बल देने की सहमति जताई है लेकिन कितनी संख्या में पुलिस कर्मी मिलेंगे इसके बारे में अभी कुछ स्पष्ट नहीं बताया जा सकता।

राज्य में मौजूद 58 हजार पुलिस कर्मी और अन्य राज्यों से मिलनेवाले कुछ पुलिस कर्मियों को लेकर पुलिस बल की संख्या कितनी होगी और प्रत्येक बूथ पर कितनी संख्या में उनकी तैनाती होगी इसे लेकर नवान्न में देर शाम तक बैठकों का दौर चलता रहा। शुक्रवार को मामला हाईकोर्ट में उठने पर सरकार को पंचायत चुनाव में सुरक्षा संबंधी पूरा ब्योरा अदालत को भी देना होगा।

सूत्रों के मुताबिक इधर चुनाव आयोग ने भी सुरक्षा पर कड़ा रुख अपनाया है। राज्य चुनाव आयुक्त अमरेंद्र सिंह ने स्पष्ट कह दिया है कि राज्य में मौजूद 58 हजार पुलिस कर्मियों को लेकर चुनाव कराना संभव नहीं है। चुनाव आयुक्त ने सभी डीएम और एसपी से 7 मई तक त्रिस्तरीय पंचायतों में संवेदनशील और गड़बड़ी की आशंका वाले क्षेत्रों पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने पंचायत चुनाव के लिए पांच राज्यों से सशस्त्र पुलिस बल की मांग की है। इसके लिए मुख्यमंत्री सचिवालय नवान्न की ओर से असम, ओडि़शा, पंजाब, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सरकार को औपचारिक रूप से पत्र भेजा गया था।

नवान्न सूत्रों के मुताबिक एक राज्य से चार कंपनी सशस्त्र पुलिस बल मिलने पर लगभग 16 हजार अतिरिक्त पुलिस कर्मी सरकार के पास हो जाएंगे। सरकार संवेदनशील और अति संवेदनशील चुनाव क्षेत्रों में इन सशस्त्र पुलिस बल को तैनात करेगी।

विस उपचुनाव में कांग्रेस ने माकपा का किया समर्थन

बंगाल के महेशतल्ला विधानसभा सीट पर 28 मई को होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर वाममोर्चा उम्मीदवार समर्थन देने का फैसला किया है। जिससे साफ हो रहा है कि 2016 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस व माकपा फिर से एक दूसरे के करीब आ रही है।

हालांकि, पंचायत चुनाव में दोनों ही दल अलग-अलग मैदान में हैं। परंतु, स्थानीय स्तर पर मालदा समेत कुछ और जिलों के ग्राम पंचायत या फिर पंचायत समिति में दोनों ही दल एक दूसरे का समर्थन करते दिख रहे हैं।

परंतु, 2016 के विधानसभा चुनाव में माकपा व कांग्रेस के सीट समझौते के बाद जिस तरह से माकपा के भीतर ही पार्टी लाइन को लेकर सवाल उठे थे तो इसके बाद दोनों ही राह जुदा हो गई थी।

इस बीच माकपा की पार्टी कांग्रेस में यह तय हुआ है कि मुद्दा आधारित समर्थन दिया व लिया जा सकता है। वरिष्ठ कांग्रेस विधायक और विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी महेशतल्ला विधानसभा उपचुनाव प्रत्याशी नहीं उतार रही हैं।

उन्होंने कहा कि माकपा के साथ मिलकर हमलोग भाजपा और तृणमूल के खिलाफ लड़ेंगे। उपचुनाव में वाममोर्चा समर्थित माकपा प्रत्याशी को हमलोग समर्थन देंगे। वाममोर्चा चेयरमैन विमान बोस ने बुधवार को विधानसभा उपचुनाव के लिए माकपा प्रत्याशी के रूप में प्रभात चौधरी के नाम की घोषणा की है।

ज्ञात हो कि तृणमूल विधायक कस्तुरी दास की मौत के बाद सीट खाली हुई है। उधर माकपा एक नेता ने कहा कि हमलोग धर्मनिरपेक्ष व गणतांत्रिक दलों के साथ मिलकर तृणमूल और भाजपा का सामना करेंगे।

ज्ञात हो कि पिछले माह माकपा की पार्टी कांग्रेस में निर्णय हुआ है कि सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ने के लिए संसद के अंदर व बाहर कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ाई लड़ेंगे।

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने महेशतल्ला उपचुनाव में दुलाल दास को मैदान में उतारा है। यह दुलाल दिवंगत तृणमूल विधायक कस्तुरी दास के पति है। हालांकि अब तक भाजपा ने अपने प्रत्याशी के नाम का एलान नहीं किया है। 

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