Bengal Municipal Elections 2020: निष्पक्ष व शांतिपूर्ण निकाय चुनाव के लिए राज्यपाल ने फिर दिए दिशा-निर्देश

Governor Jagdeep Dhankhar. राज्य चुनाव आयुक्त को भेजे गए पत्र में राज्यपाल ने आयोग के अधिकार व शक्तियों का प्रयोग करने और निष्पक्ष चुनाव आयोजित करने का आह्वान किया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 12 Mar 2020 07:09 PM (IST) Updated:Thu, 12 Mar 2020 07:53 PM (IST)
Bengal Municipal Elections 2020: निष्पक्ष व शांतिपूर्ण निकाय चुनाव के लिए राज्यपाल ने फिर दिए दिशा-निर्देश
Bengal Municipal Elections 2020: निष्पक्ष व शांतिपूर्ण निकाय चुनाव के लिए राज्यपाल ने फिर दिए दिशा-निर्देश

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Governor Jagdeep Dhankhar. बंगाल में निष्पक्ष व शांतिपूर्ण निकाय चुनाव को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ बेहद सक्रिय नजर आ रहे हैं। हाल में निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर राज्य चुनाव आयुक्त सौरभ कुमार दास के साथ बैठक करने के बाद राज्यपाल ने अब उन्हें पत्र लिखकर एक बार फिर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए हैं।

गुरुवार को राज्य चुनाव आयुक्त को भेजे गए पत्र में राज्यपाल ने आयोग के अधिकार व शक्तियों का प्रयोग करने और निष्पक्ष चुनाव आयोजित करने का आह्वान किया है। राज्यपाल ने आयोग से चुनाव पूर्व पुलिस के अलावा अतिरिक्त बल की मांग सहित सभी कार्रवाई समय पर सुनिश्चित करने को कहा है। राज्यपाल ने साफ कहा है कि निष्पक्ष व लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोजित कराना आयोग की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। राजभवन सूत्रों का कहना है कि 27 फरवरी को चुनाव आयुक्त के साथ राज्यपाल की बैठक के बाद मिले इनपुट व सरकारी हस्तक्षेप को देखते हुए राज्यपाल की ओर से यह दिशा-निर्देश दिया गया है।

राज्यपाल ने राज्य चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र, विशेष रूप से अनुच्छेद 243के (3) पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि यह न तो राज्य सरकार या इसके अधीनस्थ है। भारत निर्वाचन आयोग की तरह वह स्वतंत्र है। इसलिए उसे भारत निर्वाचन आयोग की तरह अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए स्वतंत्र रूप से कार्य करना चाहिए। राज्यपाल ने पत्र में स्पष्ट कहा है कि चुनाव में सरकारी हस्तक्षेप या किसी प्रकार का भी समझौता संवैधानिक प्रावधान का भयावह उल्लंघन होगा और इसके गंभीर परिणाम होंगे। राज्यपाल ने आयोग से सभी दलों के साथ बातचीत कर उनकी आशंकाओं आदि को भी दूर करने का आग्रह किया है। इसमें चुनावों की तारीखों को तय करना भी शामिल है।

इसके अलावा राज्यपाल ने राज्य चुनाव आयुक्त को 2013 और 2018 में चुनावों के दौरान बंगाल में हुई भयावह हिंसा को देखते हुए इस प्रकार के किसी भी संभावित परिदृश्य को रोकने के लिए एक आकस्मिक योजना बनाने का भी आह्वान किया है ताकि समय पर इसे रोकने के लिए कड़ा कदम उठाया जा सके। राज्यपाल ने अंत में बंगाल को चुनाव के लिए एक आदर्श राज्य बनाने की दिशा में काम करने का संकल्प व्यक्त किया है।

बता दें कि इससे पहले 27 फरवरी को भी राज्यपाल ने बैठक के दौरान राज्य चुनाव आयुक्त को शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव के लिए स्पष्ट निर्देश दिया था। इस बाबत उन्होंने पांच-सूत्री निर्देश भी दिए थे। पहला, निर्बाध और निष्पक्ष मतदान। दूसरा, पंचायत चुनाव की पुनरावृत्ति न हो। तीसरा, किसी तरह की ¨हसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

चौथा, चुनाव की तिथि राज्य सरकार के साथ विचार-विमर्श कर तय करें लेकिन उससे पहले विपक्ष से भी रायशुमारी कर उनके भी मत को महत्व दें और पांचवां, संविधान के नियमों का उल्लंघन न हो। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि 2018 में पंचायत चुनाव के दौरान हुई व्यापक हिंसा की पुनरावृत्ति किसी सूरत में नहीं होनी चाहिए। सूत्रों के अनुसार कोलकाता नगर निगम सहित राज्य की 107 नगरपालिकाओं के लिए अप्रैल के मध्य में चुनाव की संभावना है। राज्य सरकार 12 से 26 अप्रैल के बीच चुनाव कराने की इच्छुक है।

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