बोले राज्यपाल जगदीप धनखड़- पुरानी बातों को याद करने में कोई फायदा नहीं

शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी से मंगलवार को हुई मुलाकात के बाद से राज्यपाल जगदीप धनखड़ राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करने के प्रति आश्वस्त दिखे।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Fri, 03 Jan 2020 08:33 AM (IST) Updated:Fri, 03 Jan 2020 08:33 AM (IST)
बोले राज्यपाल जगदीप धनखड़- पुरानी बातों को याद करने में कोई फायदा नहीं
बोले राज्यपाल जगदीप धनखड़- पुरानी बातों को याद करने में कोई फायदा नहीं

कोलकाता, जागरण संवाददाता। शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी से मंगलवार को हुई मुलाकात के बाद से राज्यपाल जगदीप धनखड़ राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करने के प्रति आश्वस्त दिखे। गुरुवार को महानगर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में राज्यपाल ने कहा कि मुझे भरोसा है कि मैं राज्य सरकार के साथ मिलकर अपने संवैधानिक दायित्वों का पूरा निर्वहन करूंगा। साथ में उन्होंने स्पष्ट किया कि पुरानी बातों को याद करने का कोई लाभ नहीं।

उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि हम दोनों को साथ मिलकर काम करना है और आत्मसम्मान के साथ अपने-अपने संवैधानिक जिम्मेदारियां पूर्ण करनी है। नियुक्ति के बाद 19 सितंबर को जादवपुर विश्वविद्यालय में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो की सहायता के लिए पहुंचे राज्यपाल के छात्रों द्वारा घेराव के मुद्दे को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने कहा कि जो चीज यादगार न हो , उसे लेकर चलने में कोई फायदा नहीं। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि हमें सकारात्मक चीजें देखनी चाहिए, और उसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि उच्च शिक्षण संस्थानों पर चर्चा के लिए राज्यपाल ने सीएम ममता बनर्जी को बीते 24 दिसंबर को पत्र लिखा था, उनसे मुलाकात की इच्छा प्रकाश की थी। इसका जवाब महज 24 घंटे में देते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा था कि चूंकि मामला शिक्षा विभाग से जुड़ा है इसलिए संबंधित मामले के मंत्री आपसे मुलाकात करेंगे। इसके बाद पार्थ चटर्जी ने अपना जवाब सोमवार को ट्वीटर पर साधा किया और जिस पर राज्यपाल ने भी जवाब देते हुए कहा कि यह समय ईंट का जवाब पत्थर से देने का नहीं है।

इसके बाद मंगलवार को खुद पार्थ चटर्जी राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे थे। राज्यपाल ने इस मुलाकात को सकारात्मक बताते हुए ट्वीटर पर तस्वीरें साझा की थी। इसी क्रम में गुरुवार को राज्यपाल ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमें एक साथ काम करना है, हमें अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करना है।

गौरतलब है कि राज्यपाल बीते दिनों जब जादवपुर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचे थे तो वहां कुछ छात्रों ने उनका विरोध किया था और गो बैक के नारे लगाए गए थे। इसे लेकर राज्यपाल ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिख मुलाकात को कहा था। यहां बता दें कि राज्यपाल के साथ राज्य सरकार की अनबन लंबे समय से सार्वजनिक पटल पर सामने आती रही है। 

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