मुख्यमंत्री ने वीरभूम में स्वास्थ्य विभाग को दिए कई अहम निर्देश

वाम सरकार ने राज्य को कर्ज में डुबो दिया था, जो आज भी तृणमूल सरकार चुका रही है। इस वर्ष 40 हजार करोड़ का कर्ज चुकाया गया है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Tue, 23 May 2017 11:47 AM (IST) Updated:Tue, 23 May 2017 11:47 AM (IST)
मुख्यमंत्री ने वीरभूम में स्वास्थ्य विभाग को दिए कई अहम निर्देश
मुख्यमंत्री ने वीरभूम में स्वास्थ्य विभाग को दिए कई अहम निर्देश

कोलकाता, जागरण संवाददाता। वीरभूम जिले के बोलपुर में तृणमूल सरकार की 153वीं प्रशासनिक बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वास्थ्य विभाग को भी कई निर्देश दिए। कहा कि विभिन्न स्थानों से इलाज को पहुंचने वाले रोगियों का नाम-पता रजिस्टर में दर्ज किया जाए। उपचार में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाए। उन्होंने पुलिस को सेफ ड्राइव-सेव लाइफ का सख्ती से लागू करने के भी निर्देश दिए। कहा कि सड़कों पर जगह-जगह चेक पोस्ट बनाकर लापरवाही से वाहन चलाने वाले चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बताया कि वाम सरकार ने राज्य को कर्ज में डुबो दिया था, जो आज भी तृणमूल सरकार चुका रही है। इस वर्ष 40 हजार करोड़ का कर्ज चुकाया गया है।

विश्वभारती के छात्र-छात्राओं से की सीधी बात : इसके बाद मुख्यमंत्री ने विश्वभारती विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से सीधा संवाद किया। उनसे परेशानियां पूछ कर समाधान का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने रामपुरहाट में नए मेडिकल कालेज की नींव भी रखी। इस अवसर पर कहा कि अभी तक 17 मेडिकल कालेज बनाए जा चुके हैं।

ममता ने वाम के नवान्न अभियान को नहीं दी तवज्जो 

कोलकाता में लहूलुहान वाम का नवान्न अभियान तो बोलपुर में खुशमिजाजी के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रशासनिक बैठक। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को वाम कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच भिड़ंत की पुख्ता सूचना भी मिल गई थी लेकिन उन्होंने अभियान को तवज्जो देना मुनासिब नहीं समझा। यही वजह है कि उन्होंने वाम से जुड़ा एक शब्द भी नहीं कहा। बता दें कि तीन माह पहले ही वाम नेताओं ने 22 मई को नवान्न अभियान की घोषणा की थी। उधर, बिना घोषित कार्यक्रम के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अभियान वाले दिन ही बोलपुर में प्रशासनिक बैठक बुला ली।

इसके लिए वह रविवार को ही कोलकाता से बोलपुर पहुंच गई थीं। उधर, तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार राज्यभर से जुटे वाम समर्थकों ने सुबह से ही नवान्न की ओर कूच करने का प्रयास शुरू कर दिया था। पुलिस की नाकाबंदी के चलते नवान्न पहुंचने में नाकाम होने पर वाम कार्यकर्ताओं की पुलिस से भिड़ंत हो गई। इससे कोलकाता और हावड़ा के कई इलाके रणक्षेत्र में तब्दील हो गए। हालांकि इसकी भनक मुख्यमंत्री को तत्काल लग गई थी लेकिन उन्होंने अभियान को तवज्जो देने की बजाए खुशमिजाजी के साथ प्रशासनिक बैठक में मशगूल रहीं।

सिउड़ी में शिशुओं की मौत की घटना पर बिफरीं मुख्यमंत्री 

प्रशासनिक बैठक के दौरान अचानक शिशुओं की मौत की घटना जहन में आते ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पारा चढ़ गया। उन्होंने वीरभूम के जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी को जमकर फटकार लगाई। चेताया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं संज्ञान में नहीं आनी चाहिए।  सोमवार को बोलपुर में बैठक के दौरान सिउड़ी अस्पताल में शिशुओं की मौत तथा मुरारई व रामपुरहाट अस्पताल में रोगियों की मौत की घटना को लेकर मुख्यमंत्री का मूड खराब हो गया। उन्होंने जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी हिमाद्री आड़ी की क्लास लगाई। 

कहा कि अस्पतालों में उपचार में लापरवाही से रोगियों की मौत होने की शिकायतें उनके पास पहुंची थीं। उन्होंने भविष्य में इस तरह की घटनाएं नहीं होने की चेतावनी दी। इस पर जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने सफाई दी की सभी शिशु झारखंड से उपचार के लिए आए थे। उस वक्त शिशुओं की हालत अच्छी नहीं थी। मुख्यमंत्री ने पूरे मामले को संजीदगी से देखने के निर्देश दिए।

 

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