Bengal Chunav: बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती

Bengal Chunav चुनाव आयोग से विभिन्न दलों की ओर से कानून व्यवस्था को लेकर शिकायत की गई थी। माना जा रहा है कि वर्तमान परिस्थितियों में हो रही घटनाओं के मद्देनजर केंद्रीय बलों की तैनाती की जा रही है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 11:49 AM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 11:49 AM (IST)
Bengal Chunav: बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती
बंगाल में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। आमतौर पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद राज्यों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती होती है, परंतु चुनाव का एलान अभी नहीं हुआ है और बंगाल में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती शुरू हो गई है। शनिवार को केंद्रीय बलों की 12 कंपनियां बंगाल पहुंच गईं और कई जिलों में रूट मार्च भी शुरू कर दिया है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आखिर मतदान की तिथियों की घोषणा से पहले ही बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती क्यों हुई है? आखिर ऐसा क्यों है कि विपक्षी दल यह कह रहे हैं कि राज्य पुलिस पर अब लोगों को भरोसा नहीं रहा, जिसकी वजह से आयोग को समय से पहले ही केंद्रीय बल को बंगाल भेजना पड़ा है।

सूबे में राजनीतिक हिंसा लगातार हो रही है। तीन दिन पहले राज्य के श्रम राज्यमंत्री जाकिर हुसैन पर बम से हमला हुआ था। वह गंभीर रूप से जख्मी हो गए। उससे पहले भाजपा नेता पर बम और गोलियां चली थीं। वह भी अस्पताल में भर्ती हैं। यहां तक कि कोलकाता में भाजपा नेताओं पर पथराव हुआ था, जिसमें उत्तर कोलकाता के भाजपा अध्यक्ष घायल हो गए। इन सबके बीच शनिवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के काफिले पर हमला हुआ। ये घटनाएं यह बताने को काफी हैं कि हालात किस कदर खराब हो गए हैं। वहीं चुनाव आयोग से भाजपा, कांग्रेस और वामपंथी दलों की ओर से भी कानून व्यवस्था को लेकर शिकायत की गई थी। माना जा रहा है कि वर्तमान परिस्थिति में हो रही घटनाओं के मद्देनजर केंद्रीय बलों की तैनाती की जा रही है। आयोग का यह कदम उचित भी है। चुनाव आयोग की ओर से 25 फरवरी तक बंगाल में केंद्रीय सुरक्षा बलों की 125 कंपनियों को तैनात करने का फैसला लिया गया है। केंद्रीय बलों की तैनाती का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव प्रचार शुरू होने पर कोई समस्या नहीं आए।

मतदाताओं में भी भरोसा पैदा हो। संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती की जा रही है और उन इलाकों में केंद्रीय बलों की गश्ती भी शुरू हो गई है। बावजूद इसके तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेता धमकी देने से बाज नहीं आ रहे हैं। एक नेता तो सरेआम कह रहा है कि जो तृणमूल को वोट नहीं देगा, वह मतदान के दिन घर में ही रहेगा। बूथ के बाहर केंद्रीय बल होंगे, लेकिन अंदर तो हमारे ही लोग होंगे। यहां किसी को एक भी वोट नहीं मिलेगी। तृणमूल को ही पूरा वोट जाएगा।

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