मुकुल से और दूरियां बढ़ाएंगी ममता

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस में मुकुल

By Edited By: Publish:Mon, 20 Oct 2014 06:17 AM (IST) Updated:Mon, 20 Oct 2014 02:54 AM (IST)
मुकुल से और दूरियां बढ़ाएंगी ममता

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस में मुकुल राय का प्रभाव से पार्टी को मुक्त करने की ओर आगे बढ़ रही हैं। आने वाले समय में वह उनसे अपनी दूरियां और बढ़ा सकती हैं। पार्टी पर ममता के बाद एक तरह से मुकुल का पूर्ण रूप से नियंत्रण हो गया था। उत्तार बंगाल लेकर दक्षिण बंगाल और जंगलमहल तक मुकुल राय की तूती बोलती थी। ममता ने सांगठनिक फेरबदल के नाम पर न सिर्फ मुकुल की क्षमता खत्म कर दी बल्कि उन्हें मीडिया से बात करने का अधिकार भी छीन लिया। संवाददाता सम्मेलन करने की जिम्मेदारी तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत मुखर्जी तथा महासचिव व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को सौंपी गई है। हालांकि राय सांसद के अतिरिक्त तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के पद पर हैं।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक राय के समतुल्य तीन और महासचिव पद तैयार करने जा रही है। इसकी घोषणा आने वाले कुछ दिनों में हो सकता है।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि सारधा कांड में तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं व मंत्रियों से पूछताछ होने व पार्टी से जुड़े कुछ लोगों के गिरफ्तार होने से ममता सतर्क हो गई हैं। हालांकि सारधा कांड में सुश्री बनर्जी पर भी आरोप है लेकिन वह आगे कोई जोखिम नहीं लेना चाहती हैं।

परिवहन मंत्री मदन मित्रा और कपड़ा मंत्री श्यामापद मुखर्जी सहित तृणमूल कांग्रेस के जितने भी नेताओं से सीबीआइ और ईडी ने पूछताछ की है उनसे ममता ने दूरियां बना ली है। पार्टी में मुकुल का प्रभाव खत्म करने का ममता का प्रयास इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि सीबीआइ कभी भी मुकुल राय से पूछताछ कर सकती है। पूछताछ होने से पहले ममता मुकुल को पार्टी के पद से हटा देना चाहती है।

मुकुल के विधायक पुत्र शुभ्रांशु राय सहित उनके सभी करीबियों के पर कतर दिए गए। ममता ने अपने सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी को आगे किया है और पार्टी में उनको विशेष जिम्मेदारी सौंपी हैं। ममता के इस निर्णय से साफ है कि उनका राजनीतिक उत्ताराधिकारी अभिषेक बनर्जी ही होंगे।

मुकुल की सलाह पर ही शुभेंदू अधिकारी को युवा तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष से हटा कर युवा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष छोड़ कर तृणमूल में शामिल हुए सौमित्र खान को इस पद पर आसिन किया गया था।

ममता ने युवा तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष सौमित्र खान को भी हटा दिया और राष्ट्रीय युवा तृणमूल व प्रदेश युवा कांग्रेस को एक दूसरे में विलय कर संर्पूण युवा संगठन की जिम्मेदारी अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को सौंप दी है। युवा तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अब अभिषेक बनर्जी सीधे पार्टी को नियंत्रित करेंगे।

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