हाथी से धान बचाने को खुद पहरेदार बने किसान

- अस्थाई टेंट बनाकर दिन रात कर रहे हैं पहरेदारी वन विभाग ने की प्रशंसा संवाद सूत्र

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Oct 2019 06:06 PM (IST) Updated:Sun, 13 Oct 2019 06:06 PM (IST)
हाथी से धान बचाने को खुद पहरेदार बने किसान
हाथी से धान बचाने को खुद पहरेदार बने किसान

- अस्थाई टेंट बनाकर दिन रात कर रहे हैं पहरेदारी, वन विभाग ने की प्रशंसा

संवाद सूत्र, मेटली : खेत में धान की फसल लगने लगी है। अगर अभी धान नष्ट हुआ तो वापस फसल नहीं मिलेगी। इसलिये धान की फसल को बचाने के किसान स्वयं रात को पहरेदारी कर रह रहे हैं। मेटली ब्लॉक के गोरुमारा जंगल से सटे मूर्ति वनबस्ती, मंगलबाड़ी बस्ती, पश्चिम बाताबाड़ी, गोबरा बस्ती समेत कई इलाकों में हाथियों से फसल बचाने के लिए किसान अस्थाई टेंट बनाकर रात को पहरेदारी कर रहे हैं। मूर्ति वनबस्ती के गोरुमारा जंगल के पास ही मूर्ति नदी है। प्रत्येक वर्ष इस मौसम में खाने की लालच में हाथियों का झुंड नदी पार करके खेतों में घुसकर धान की फसल को बर्बाद कर देता है। इस वर्ष फिर खेतों में फसल लगने लगी है। लेकिन अगर अभी फसल नष्ट कर दिया गया तो किसानों को वापस फसल नहीं मिल पाएगा। इसलिये किसान कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते है। अपनी फसल की रक्षा के लिए किसान स्वयं टेंट लगाकर पहरेदारी कर रहे हैं।

खुनिया स्क्वायड के रेंजर राजकुमार लायक ने कहा कि वर्तमान समय में एक ही बार में हाथी अलग-अलग जगहों पर निकल रही है। फलस्वरूप वनकर्मियों का हर जगह जाना संभव नहीं हो पा रहा है। अगर जनता अपनी फसल की रखवाली स्वयं करने लगे तो उनलोगों को काफी सहायता मिलेगी। किसानों ने टेंट लगाकर फसल रक्षा करने की जिम्मेदारी उठाई है, जो स्वागत योग्य है।

chat bot
आपका साथी