गोरखालैंड के समर्थन में 30 को विश्व गोरखा रैली, युवा मोर्चा ने निकाली अ‌र्द्धनग्न रैली

गोजमुमो का कहना है कि गोरखालैंड आंदोलन सफल होगा बस राज्यसभा में एनडीए के बहुमत का इंतजार है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 29 Jul 2017 12:35 PM (IST) Updated:Sat, 29 Jul 2017 12:35 PM (IST)
गोरखालैंड के समर्थन में 30 को विश्व गोरखा रैली, युवा मोर्चा ने निकाली अ‌र्द्धनग्न रैली
गोरखालैंड के समर्थन में 30 को विश्व गोरखा रैली, युवा मोर्चा ने निकाली अ‌र्द्धनग्न रैली

सिलीगुड़ी, [जेएनएन] । आगामी 30 जुलाई को गोरखालैंड की मांग के समर्थन में गोरखालैंड वैश्विक एकता मार्च निकाला जाएगा। शुक्रवार को युवा मोर्चा समर्थकों ने सौरेनी से मिरिक तक अ‌र्द्धनग्न रैली निकाली साथ ही दार्जिलिंग,कर्सियांग, मिरिक,तराई-डुवार्स में रैली निकली। गोजमुमो का कहना है कि गोरखालैंड आंदोलन सफल होगा बस राज्यसभा में एनडीए के बहुमत का इंतजार है। 

अलग राज्य के लिए हिल्स में सरकारी कार्यालय बंद, रैली व आमरण अनशन जारी है। 30 जुलाई को अलग राज्य के समर्थन में विश्व व्यापी आंदोलन की रणनीति के तहत भारत में 100 जगह व विदेश में 75 जगह गोरखालैंड वैश्विक एकता मार्च निकाला जाएगा इसका आयोजन सिटीजन फोरम फॉर गोरखालैंड ने किया है। विश्व में जहां-जहां भी गोरखा मौजूद हैं सभी लोग रैली निकालेंगे। 

इस बीच गोजमुमो के केंद्रीय कमेटी सदस्य ज्योति राई ने पार्टी कार्यालय में बताया कि गोरखालैंड आंदोलन सफल होगा, इंतजार करें कि राज्यसभा में एनडीए को बहुमत मिल जाए, क्यों कि जिस तरह बिहार में एनडीए की सरकार बनी ठीक वैसे ही गोरखालैंड राज्य भी बनेगा। अभी लोस में प्रस्ताव पास होकर भी राज्यसभा में बहुमत के अभाव में फंस जाएगा।

दार्जिलिंग में जिलाधिकारी ने गत दिवस आमरण अनशनकारियों से अनशन तोड़ने की अपील की थी जिसे मानने से अनशनकारियों ने इंकार कर दिया था इस पर डीएम ने कड़ा रूख अपनाते हुए कहा कि बीमार अनशनकारियों को तुरन्त अस्पताल में भर्ती करने का निर्देश देते हुए कहा कि अगर कोई बाधा डालता है तो उसके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया जाएगा। वहीं कालिम्पोंग में आमरण अनशनकारियों को डीएम डा.विश्वनाथ व एसडीओ निर्मलैया ने अनशन समाप्त करने को कहा पर अनशनकारियों ने मानने से इंकार कर दिया। अलग राज्य के समर्थन में शुक्रवार को सौरेनी से मिरिक तक युवा मोर्चा के समर्थकों ने अ‌र्द्धनग्न रैली निकाली गई। अगली रणनीति के तहत जल्द ही नेपाली गीत-संगीतकार दार्जिलिंग पहुंच प्रस्तावित गोरखालैंड क्षेत्र में जा-जाकर उठो जागो गोरखा की धुन पर अलग राज्य के समर्थन में गीत संगीत के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाएंगे।

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