West Bengal: विश्वभारती विश्वविद्यालय ने पूर्व कुलपति सहित तीन को सेवा से किया बर्खास्त

Vishwabharati University विश्वभारती विश्वविद्यालय की पूर्व कार्यवाहक कुलपति सबुजकली सेन सहित तीन को प्रस्ताव में कथित तौर पर छेड़छाड़ के लिए सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 30 Aug 2020 05:05 PM (IST) Updated:Sun, 30 Aug 2020 05:10 PM (IST)
West Bengal: विश्वभारती विश्वविद्यालय ने पूर्व कुलपति सहित तीन को सेवा से किया बर्खास्त
West Bengal: विश्वभारती विश्वविद्यालय ने पूर्व कुलपति सहित तीन को सेवा से किया बर्खास्त

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Vishwabharati University: विश्वभारती विश्वविद्यालय की पूर्व कार्यवाहक कुलपति सबुजकली सेन सहित तीन वरिष्ठ अधिकारियों को संस्थान की कार्यकारी परिषद की 2018 में हुई एक बैठक में दर्ज एक प्रस्ताव में कथित तौर पर छेड़छाड़ के लिए सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। कार्यकारी परिषद के एक सदस्य ने बताया कि यह निर्णय शुक्रवार शाम को परिषद द्वारा लिया गया। संस्थान के दो अन्य अधिकारियों में पूर्व कार्यवाहक रजिस्ट्रार सौगत चट्टोपाध्याय और पूर्व वित्त अधिकारी समित रॉय शामिल हैं। सेन वर्तमान में विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में प्राध्यापक हैं और वह 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होने वाली थी। वहीं, सौगत चट्टोपाध्याय रविंद्र भवन के अधिकारी हैं एवं समित राय वनस्पति विज्ञान की प्राध्यापक हैं। 

इससे पहले जनवरी में सेन सहित तीनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था। कार्यकारी परिषद ने तीनों की बर्खास्तगी का यह निर्णय इस उद्देश्य के लिए गठित न्यायमूर्ति ज्योतिर्मय भट्टाचार्य की एक सदस्यीय समिति द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर लिया है। कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति भट्टाचार्य ने सिफारिशें करने से पहले, मामले में अन्य जांच समिति के निष्कर्षों पर गौर किया था जिसमें कहा गया था कि सेन और दो अन्य ने फरवरी 2018 में आयोजित कार्यकारी परिषद की एक बैठक की रिकॉर्डिंग (मिनट्स) के साथ छेड़छाड़ की थी। दरअसल, प्रो. स्वपन दत्त के पद से सेवानिवृत्त होने के कुछ दिनों बाद सबुजकली सेन को दो फरवरी, 2018 को कार्यवाहक कुलपति (वीसी) नियुक्त किया गया था। हालांकि, उनका कार्यकाल कुछ दिनों के लिए ही निर्धारित था, क्योंकि कार्यकारी परिषद ने उस वर्ष 17 फरवरी को अपनी बैठक के दौरान एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी आशा मुखर्जी को अगला कार्यवाहक कुलपति नियुक्त करने का निर्णय लिया।

आरोप है कि पूर्व कार्यवाहक कुलपति सेन ने चट्टोपाध्याय और रॉय की मदद से कथित रूप से ‘बैठक के विवरण के साथ छेड़छाड़’ की ताकि वह अपना कार्यकाल बढ़ा सकें। इधर, दो दिन पहले वर्तमान कुलपति विद्युत चक्रवर्ती ने कार्यकारी परिषद की एक आपात बैठक बुलाकर पूर्व कार्यवाहक कुलपति सेन की सेवानिवृत्ति से मात्र तीन दिन पहले तीनों अधकारियों को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया। दूसरी ओर, सबुजकली सेन ने परिषद के निर्णय को प्रतिशोधी, पूर्व-निर्धारित व अनुचित बताया है और दावा किया कि उन्हें दस्तावेज पेश करने और स्वयं का बचाव करने के लिए समय नहीं दिया गया। उन्होंने इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देने की भी बात कहीं हैं। परिषद के सदस्य ने कहा कि तीनों अधिकारियों को विश्वविद्यालय के निर्णय के बारे में ईमेल के जरिये सूचित कर दिया गया है।

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