अनित थापा की परिवर्तन पदयात्रा संपन्न

-दार्जिलिंग में विराट जनसभा का आयोजनसमर्थकों की उमड़ी भीड़ जागरण संवाददातासिलीगुड़ी गोज

By JagranEdited By: Publish:Sat, 26 Dec 2020 07:02 PM (IST) Updated:Sat, 26 Dec 2020 07:02 PM (IST)
अनित थापा की परिवर्तन पदयात्रा संपन्न
अनित थापा की परिवर्तन पदयात्रा संपन्न

-दार्जिलिंग में विराट जनसभा का आयोजन,समर्थकों की उमड़ी भीड़

जागरण संवाददाता,सिलीगुड़ी: गोजमुमो विनय तमांग गुट के नेता अनित थापा की परिवर्तन रैली का समापन हो गया। इस मौके पर दार्जिलिंग के चौरस्ता में विराट जनसभा का आयोजन किया गया। इसमें उनके समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी।

पार्टी का कहना है कि आम लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए ही यह परिवर्तन पदयात्रा निकाली जो सोनादा से 16 किलोमीटर की यात्रा तय कर दाíजलिंग तक पहुंची है। जनसभा को संबोधित करते हुए अनित थापा ने कहा कि हम इस मंच से किसी गोरखा संतान को गाली गलौज नहीं करेंगे। लेकिन इस बात की चेतावनी भी देते हैं कि जो अहंकारी नेता गोरखा जनमुक्ति मोर्चा सुप्रीमो विनय तमाग या मुझे पहाड़ से भगाने की बात करता है, ऐसे नेता को समझना चाहिए कि पहाड़ के युवा अब परिवर्तन चाहते है। ऐसे नेता को उनकी सोच के लिए कहीं और नहीं बल्कि पातलेबास में ही बत्ती गुल करेंगे। उन्होंने कहा कि जीटीए का पैसा सरकार का है। हम तो एक माध्यम हैं। जीटीए और सरकार के माध्यम से ही यहा कोरोना महामारी में कोविड-19 अस्पताल और पहाड़ में विश्वविद्यालय की स्थापना हो पाई है। पहाड़ में हम सुशासन चाहते हैं। कुसंस्कार और कुशासन का अब यहा कोई जगह नहीं है। जो नेता बड़ी-बड़ी बात करते हैं वह जनता को बताएं कि उन्होंने इतने वर्षो में पहाड़ के लिए क्या किया। जिस आदोलन के लिए कई लोगों की जान गई,उसका क्या हुआ।

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के महासचिव अनित थापा ने परिवर्तन पर यात्रा के मंच से विस्थापितों को आह्वान किया कि उनके त्याग और बलिदान का सम्मान करते हैं। उनके घर और रोजगार की व्यवस्था की जाएगी लेकिन उन्हें अहंकारी नेता और गलत सोच वाले का साथ छोड़ना होगा। ऐसे नेताओं के साथ रहकर उन्होंने जो खोया है उन्हें इस बात को भूलना नहीं चाहिए। थापा ने कहा की जब उनका नेता पुलिस के डर से भागा-भागा फिर रहा था तो हमारे नेता विनय तमांग और मैं घटों सिलीगुड़ी कोर्ट में खड़ा होकर गिरफ्तार नेताओं से बातचीत कर उनकी हर संभव मदद करने में लगे थे। आज धमकियों के बावजूद परिवर्तन पदयात्रा में लोगों का साथ इसका ज्वलंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार युवा वक्ताओं ने अपना आक्रोश व्यक्त किया है,उससे अहंकारी नेता को सावधान हो जाना चाहिए।

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