एक कॉल और आप साइबर क्राइम के शिकार

-इससे बचने के लिए बरते हमेशा सावधानी जागरुकता से ही होगा बचाव जागरण संवाददाता सिलीगुड़

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 04:13 PM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 04:13 PM (IST)
एक कॉल और आप साइबर क्राइम के शिकार
एक कॉल और आप साइबर क्राइम के शिकार

-इससे बचने के लिए बरते हमेशा सावधानी, जागरुकता से ही होगा बचाव

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :

पूर्वोत्तर का प्रवेशद्वार सिलीगुड़ी। यहां कई राज्यों और कई देशों के लोग इलाज, व्यापार, शिक्षा व पर्यटन के लिए आते है। हाल के दिनों यहां साइबर क्राइम का ग्राफ काफी बढ़ा है। बगैर खून-खराबे के ये साइबर अपराधी बड़ी चतुराई से आपके भोलेपन का नाजायज फायदा उठाकर आपकी जमा पूंजी पर हाथ साफ कर देते हैं। इसको लेकर सभी को सावधान रहना है। सिलीगुड़ी पुलिस आयुक्त त्रिपुरारी अर्थव का कहना है कि ये सीधे आपके एटीएम कार्ड पर नजर रखते हैं। कार्ड का कोड नंबर जान खाते से राशि गायब कर रहे हैं। साइबर बदमाशों से निपटने में उतनी कारगर तभी साबित होती है जब समय पर इसकी जानकारी साइबर सेल तक पहुंचे।अगर आपके सेलेफोन पर कोई अनजान कॉल आये और वह आपसे एटीएम से संबंधित कोई जानकारी लेने लगे, तो समझिए कि वह कोई और नहीं, बल्कि साइबर क्राइम करने वाला बदमाश है, जो आपकी जमा पूंजी पर हाथ साफ करने की फिराक में है। साइबर बदमाश खुद को बैंक अधिकारी बताकर एटीएम कार्ड के बारे में पूछताछ करते हैं। शातिराना अंदाज ऐसा कि पहले नाम पूछते हैं और हर जवाब पर धन्यवाद भी देते हैं। फिर कभी कार्ड लॉक होने और इसे फिर से चालू करने की बात करते हैं। कॉल करनेवाला खुद को कोलकाता, हावड़ा या अन्य कहीं का एटीएम कार्यालय का अधिकारी बताता है। अगर आप उनके झासे में आकर पूछी गई जानकारी दे देते हैं तो समझिए कि बैंक खाते से आपकी जमा पूंजी गई। वे काफी शालीनता से एटीएम नंबर की जानकारी लेते हैं। धीरे-धीरे अन्य जानकारी भी ले लेते हैं। आमलोगों की धारणा है कि जबतक कार्ड व पिन नंबर नहीं बताएंगे तब तक उनके खाते में जमा रुपये सुरक्षित है। लेकिन, हकीकत में ऐसा नहीं है। साइब्रर क्राइम से जुड़े अपराधी इतने शातिर होते हैं कि कार्ड नंबर का पता चल गया तो अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर कड़ी से कड़ी जोड़ खाते में जमा राशि निकाल सकते हैं। या फिर दूसरे के खातों में ट्रासफर या खरीदारी कर सकते हैं।

इनसेट

एटीएम सेंटर से उड़ाते है कार्ड

अपराधी रुपये निकासी के एटीएम सेंटरों में लाइन में खड़े लोगों को मदद के बहाने उनका कार्ड बदल देते है। कम पढ़े-लिखे या गाव देहात से आनेवाले लोगों को रुपये निकासी में मदद करने के दौरान उनका कार्ड लेकर उन्हें अपना बेकार कार्ड पकड़ा देते हैं। बाद में इस कार्ड के सहारे उनकी राशि को गायब कर देते हैं। इतना ही नहीं लोगों को फोन कर उनका कार्ड नंबर पूछ कर राशि गायब कर दी जाती है।

आरबीआइ के मानकों के विपरीत करते कार्य

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का स्पष्ट गाइडलाइन है कि बैंक या बैंक से जुड़े कोई भी अधिकारी उपभोक्ताओं से एटीएम के बारे में पूछताछ नहीं करेगा। जब तक उपभोक्ता स्वयं इससे जुड़ी बातें या समस्याओं के लिए बैंक नहीं जाएगा, तब तक बैंक अधिकारी व कर्मी इसपर चर्चा नहीं करेंगे। जब भी कोई व्यक्ति कॉल कर एटीएम संबंधित जानकारी लेने की कोशिश करें तो आप सचेत हो जाए। एटीएम से जुड़ी बातों को फोन पर किसी से कभी नहीं बताएं। जरूरत पड़ने पर इसकी जानकारी अपने बैंक के शाखा प्रबंधक या पुलिस को दें।

ऐसे बरतें सावधानी

-कोई भी फोन पर एटीएम कार्ड या खाते के बारे में पूछे तो उसे कतई जानकारी नहीं दें।

- फोन करनेवाला अपने को बैंक अधिकारी भी बताये तो भी कोई जानकारी नहीं दें।

- एटीएम सेंटर से रुपये की निकासी के दौरान किसी अन्य से सहायता नहीं लें।

- एटीएम कार्ड खो जाने पर तत्काल इसे लॉक कराएं, बैंक को भी जानकारी दें।

- जरूरी पड़ने पर पुलिस या अपनी शाखा के प्रबंधक से संपर्क करें।

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