सोशल मीडिया का विकल्प है समाज : जगदीश्वर

-अमरावती सृजन पुरस्कार 2019 से जगदीश्वर प्रसाद चतुर्वेदी किया गया सम्मानित -महेंद्र सिंघल को मिला

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Feb 2020 09:24 PM (IST) Updated:Mon, 24 Feb 2020 06:22 AM (IST)
सोशल मीडिया का विकल्प है समाज : जगदीश्वर
सोशल मीडिया का विकल्प है समाज : जगदीश्वर

-अमरावती सृजन पुरस्कार 2019 से जगदीश्वर प्रसाद चतुर्वेदी किया गया सम्मानित

-महेंद्र सिंघल को मिला अमरावती-रघुबीर सामाजिक-सांस्कृतिक उन्नयन सम्मान

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : पूर्वोत्तर भारत से प्रकाशित वैचारिक पत्रिका 'आपका तीस्ता-हिमालय' की ओर से 'पुरस्कार एवं सम्मान समारोह-2020' के अवसर पर 'अमरावती सृजन पुरस्कार-2019' हिदी के वरिष्ठ लेखक, आलोचक व समीक्षक प्रोफेसर जगदीश्वर प्रसाद चतुर्वेदी एवं 'अमरावती-रघुवीर सामाजिक-सास्कृतिक उन्नयन सम्मान-2019' समाज सेवी महेंद्र सिंघल को प्रदान किया गया। उक्त सम्मान समारोह का उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने किया। इस मौके पर उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सिलीगुड़ी में हिदी का विकास तेजी से हो रहा है। बहुत से हिदी स्कूल हैं तथा और खोले जाएं इसकी कोशिश की जा रही है। वहीं कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी ने 'सोशल मीडिया व युवा समाज' पर अपना व्याख्यान देते हुए कहा कि सोशल मीडिया हमें डिक्टेट करता है। इससे हम बचें और अपनी प्राथमिकता तय करें। अति सामान्य सूचना पर सैकड़ों लाइक्स और कमेंट्स पर खुश होने से भी बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का कोई विकल्प नहीं है, यह मान लेना उचित नहीं है, सोशल मीडिया का विकल्प समाज है। आगे उन्होंने वर्तमान सत्ता सियासत की खबर लेते हुए कहा कि वर्तमान सरकार में छिपाने की कला बहुत अच्छी है और हिदुस्तान के लोगों का यह अधिकार है कि वे यह सब जानें।

इस अवसर पर प्रोफेसर चतुर्वेदी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को केंद्रित कर 'स्त्री-अस्मिता, सोशल मीडिया और फासिज्म' शीर्षक से पुस्तक का लोकार्पण किया गया। समारोह में उपस्थित लोगों के सम्मान स्वागत वक्तव्य में आपका तीस्ता हिमालय पत्रिका के संपादक डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह ने स्वागत किया। उत्तर प्रदेश के रायबरेली से आमंत्रित साहित्यकार जय चक्रवर्ती ने 'सोशल मीडिया का साहित्य पर प्रभाव' शीर्षक के तहत यह कहा कि सोशल मीडिया ने साहित्य को बहुत बड़ा मंच प्रदान किया है। इसके साथ सबसे नजदीकी खतरा यह है कि यहा लेखक स्वयं संपादक और प्रकाशक भी होता है। इसलिए मनमर्जी अभिव्यक्ति में श्रेष्ठ साहित्य का सुखद भ्रम निर्मित हो जाता है। इस भ्रम पर विचार करना होगा कि इससे साहित्य का कितना भला हो पाया है, तभी सोशल मीडिया को साहित्य के लिए एक सार्थक मंच का रूप हम दे सकते हैं। डा.अजय कुमार साव ने मुख्य वक्ताओं की बातों को अनुशासनप्रियता के साथ हाजिरजवाबी से समृद्ध बताया। व्यंगकार करण सिंह जैन ने समाजसेवी महेंद्र सिंघल को को रंगकर्मी और सुख-दुख का साथी बताया। पत्रिका के संरक्षण संरक्षक रामाश्रय सिंह ने बदलते परिदृश्य को विडंबनात्मक दिशा में घातक बताया। सिलीगुड़ी कॉलेज के विद्यार्थियों में निशा झा, नेहा मजूमदार, कनेजिया आमना, दीपनारायण शाह, दिशा राऊत, दीपा मिश्रा, पायल सिंह, प्रियंका भगत, राजीव कुमार तिवारी एवं शिक्षक में दीपू शर्मा तथा अन्य अनेक बुद्धिजीवियों ने उत्प्रेरक सवाल किए। इस अवसर पर सिलीगुड़ी नगर निगम के चेयरमैन दिलीप सिंह, समाजसेवी आरके गोयल, सिक्किम कांग्रेस कमेटी के सदस्य एमडी जोशी, साहित्यकार ओमप्रकाश पांडेय समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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