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नई शिक्षा नीति रद्द करने की मांग

-शिक्षा का निजीकरण किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं -आम मध्यमवर्गीय लोगों के बूते से बाहर हो

JagranPublish:Wed, 08 Dec 2021 09:45 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 09:45 PM (IST)
नई शिक्षा नीति रद्द करने की मांग
नई शिक्षा नीति रद्द करने की मांग

-शिक्षा का निजीकरण किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं

-आम मध्यमवर्गीय लोगों के बूते से बाहर हो जाएगी शिक्षा जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : ऑल इंडिया सेव एजुकेशन कमेटी ने नई शिक्षा नीति रद्द करने की मांग की है। इसे लेकर इसकी दार्जिलिंग जिला इकाई की ओर से बुधवार को यहां कचहरी रोड में मुख्य डाक घर के निकट स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने बैनर, पोस्टर व प्ले कार्ड प्रदर्शित करते हुए एवं नारेबाजी करते हुए केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति को जम कर कोसा व इसे अविलंब रद्द किए जाने मांग की।

इस उपलक्ष्य में धरना मंच से, उक्त कमेटी की दार्जिलिंग जिला इकाई के अध्यक्ष प्रोफेसर असित बरण मंडल, सचिव रीता ठाकुर, नाट्यकार पार्थ चौधरी, पुलक चक्रवर्ती, विष्णु पाल व अन्य कइयों ने वक्तव्य रखा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 शिक्षा का उद्धार करने वाली नहीं बल्कि पूंजीपतियों का उद्धार करने वाली नीति है। इससे सिर्फ और सिर्फ शिक्षा के निजीकरण का मार्ग प्रशस्त होगा। शिक्षकों-विद्यार्थियों के संबंधों को समाप्त कर ऑनलाईनल शिक्षा को बल देगी जो कि रेडीमेड लचर शिक्षा होगी। शिक्षा की गुणवत्ता समाप्त हो जाएगी। सर्वोपरि शिक्षा निजीकरण की शिकार हो कर इतनी महंगी हो जाएगी कि आम मध्यमवर्गीय परिवारों के बूते से बाहर चली जाएगी। सो, ऐसी काली शिक्षा नीति को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। सरकार, अविलंब इस नई शिक्षा नीति को रद्द करे। इस मांग पर अविलंब अमल नहीं होने पर कमेटी आगे और जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी है। इस दिन धरना प्रदर्शन में कमेटी के कई लोग शामिल रहे।

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