सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में हुई नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एंट्री, गरमाई सियासत

नगर निगम चुनाव में यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर सियासत गरमा गई है। शहर के 45 नंबर वार्ड के तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार ने सिलीगुड़ी के पूर्व मेयर व 45 नंबर वार्ड से ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के उम्मीदवार मुंशी नूरुल इस्लाम पर बड़ा आरोप लगाया है।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Tue, 25 Jan 2022 05:14 PM (IST) Updated:Tue, 25 Jan 2022 05:14 PM (IST)
सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में हुई नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एंट्री,  गरमाई सियासत
सीपीआइ-एम कार्यालय में नेताजी की तस्‍वीर के ऊपर पार्टी का लाल झंडा, जागरण फोटो।

सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। नगर निगम चुनाव की बयार में यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर सियासत गरमा गई है। शहर के 45 नंबर वार्ड के तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार व दार्जिलिंग जिला (समतल) तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता बेदब्रत दत्त ने यह आरोप लगाया है कि, सिलीगुड़ी के पूर्व मेयर व वर्तमान में नगर निगम चुनाव में 45 नंबर वार्ड से ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के उम्मीदवार मुंशी नूरुल इस्लाम ने नेताजी जयंती पर नेताजी एवं राष्ट्रध्वज का अपमान किया है। इस बाबत कुछ फोटो साझा करते हुए उन्होंने आरोप लगाया है कि, बीती 23 जनवरी को 45 नंबर वार्ड माकपा कार्यालय परिसर में मुंशी नूरुल इस्लाम ने अपने पांव में जूते पहने हुए ही राष्ट्रध्वज तिरंगा फहराया। वहीं, नेताजी के चित्रपट को जहां पर श्रद्धांजलि के लिए रखा गया था उसके ठीक ऊपर माकपा का लाल झंडा फहरा रहा था। यह नेता जी एवं राष्ट्रध्वज के प्रति अपमान है।

उन्होंने यह भी व्यंग्य कसा कि, कम्युनिस्ट लोग अभी नए-नए तौर पर ही राष्ट्र प्रेम दर्शाना शुरू किए हैं। वह भी राजनीतिक मजबूरी के चलते ही। वरना, कम्यूनिस्टों का कभी भी भारतीय राष्ट्रीयता में विश्वास नहीं रहा है। वे लोग न स्वाधीनता आंदोलन में शामिल रहे और न ही देश की आजादी को सराहा। अब राजनीतिक मजबूरी के चलते वे लोग नए-नए राष्ट्र प्रेमी बने हैं इस तरह की गलती स्वाभाविक है। पर, आम जनता सब देख रही है। उनका हिसाब करेगी।

इस बारे में मुंशी नूरुल इस्लाम से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, नेताजी जयंती का कार्यक्रम 45 नंबर वार्ड माकपा कार्यालय परिसर में हुआ था। जो लाल झंडा नेता जी के चित्र के ऊपर बताया जा रहा है वैसी कोई बात नहीं है। वह पार्टी का झंडा पार्टी कार्यालय में हमेशा लगा रहता है। राष्ट्रीय झंडोत्तोलन के मैनुअल में यह कहीं उल्लिखित नहीं है कि, जूते उतार कर राष्ट्रध्वज को फहराया जाए या जूते पहन कर राष्ट्रध्वज फहराना उसका अपमान है। इसे बेवजह तूल दिए जाने की कोशिश की जा रही है। वास्तव में वह (बेदब्रत दत्त) नगर निगम चुनाव में अपनी हार सुनिश्चित देख कर ही सस्ती लोकप्रियता वाली ओछी राजनीति कर रहे हैं। राजनीति राजनीति की तरह और मर्यादित रूप में की जानी चाहिए। वह कुंठाग्रस्त हो कर व्यक्तिगत कुंठा निकाल रहे हैं। यह सही नहीं है। 45 नंबर वार्ड के आम लोग ही उन्हें माकूल जवाब देंगे।

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