हिल्स पर शांति के लिए 29 को ममता ने बुलाई बैठक

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को घोषणा की कि राज्य सरकार 29 अगस्त को सभी बड़े राजनीतिक दलों के साथ इस संबंध में बैठक करेंगी।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Wed, 23 Aug 2017 11:14 AM (IST) Updated:Wed, 23 Aug 2017 11:14 AM (IST)
हिल्स पर शांति के लिए 29 को ममता ने बुलाई बैठक
हिल्स पर शांति के लिए 29 को ममता ने बुलाई बैठक

कोलकाता, [जागरण संवाददाता]। पृथक गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर 70 दिनों से अधिक वक्त से बेमियादी बंद व आंदोलन से पहाड़ अशांत है। अलग राज्य की मांग को लेकर सक्रिय गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) द्वारा राज्य सरकार से वार्ता के लिए तैयार होने के संदेश देने के बाद मंगलवार को एक और मोड़ आ गया।

अलग राज्य की मांग को लेकर आंदोलन को नेतृत्व देने के लिए गठित गोरखालैंड मूवमेंट कोऑर्डिनेशन कमेटी (जीएमसीसी) में शामिल गोरखा नेशलन लिबरेशन फ्रंट (जीएनएलएफ) ने हिल्स पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। इसके बाद मंगलवार को ममता ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर पत्र के बारे में जानकारी देते हुए आगामी 29 अगस्त को नवान्न में शाम चार बजे बैठक बुलाई है। साथ ही ममता ने पहाड़ पर सक्रिय सभी राजनीतिक दलों को बैठक के लिए आमंत्रित किया है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को घोषणा की कि राज्य सरकार 29 अगस्त को सभी बड़े राजनीतिक दलों के साथ इस संबंध में बैठक करेंगी। उन्होंने कहा कि इस वार्ता का उद्देश्य दार्जिलिंग पर शांति और सामान्य स्थिति बहाल करना है। इस दिन राज्य सचिवालय नवान्न में पत्रकारों से मुखातिब सुश्री बनर्जी ने कहा कि गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (जीएनएलएफ) की केंद्रीय समिति के अध्यक्ष ने बंगाल सरकार को एक चिट्ठी लिख कर दार्जिलिंग में जारी मौजूदा संकट को खत्म करने के लिए उच्चस्तरीय हस्तक्षेप की मांग की है जिसे लेकर राज्य सरकार ने हामी भरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे संबोधित कर दो दिन पहले जीएनएलएफ के अध्यक्ष मान सिंह ने पत्र भेजकर अनुरोध किया, जिसे लेकर राज्य सरकार ने सकारात्मक जवाब देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि जीएनएलएफ पहाड़ का बहुत पुराना सियासी दल है। उनकी इस पहल पर हमलोगों ने 29 अगस्त को बैठक करने का निर्णय लिया है।इस बैठक में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों को भी बुलाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पहाड़ी इलाके में गठित विकास बोर्ड के प्रतिनिधियों को भी बैठक में बुलाया जाएगा। इस पहल को राज्य के विपक्षी दलों माकपा और कांग्रेस ने भी सकारात्मक बताया है। 

गौरतलब है कि जीएनएलएफ द्वारा शांति बहाली में राज्य सरकार के हस्तक्षेप की मांग को पहाड़ पर लामबंद हुए सभी दलों में फूट के परिपेक्ष्य में भी देखा जा रहा है। यह बात दीगर है कि सोमवार को ही गोजमुमो की ओर से पहली बार पहाड़ पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए त्रिपक्षीय बैठक की मांग की गई थी।

गोजमुमो की ओर से आहूत अनिश्चितकालीन बंद के बाद पहली बार इस तरह की पहल दिखी जिसमें केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार को बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया था। ऐसे में समझा जा रहा है कि बंद से बेहाल पहाड़ पर शांति बहाली को लेकर प्रयास होने लगे हैं।

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