हर हाल में किसानों की आय बढ़ाना चाहते हैं मोदी-राज्यपाल

-सिक्किम के जैविक उत्पाद को मिले बड़ा बाजार -उत्पादन के साथ पैकेजिंग पर भी ध्यान देने की ज

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Jan 2020 07:31 PM (IST) Updated:Sat, 25 Jan 2020 06:20 AM (IST)
हर हाल में किसानों की आय बढ़ाना चाहते हैं मोदी-राज्यपाल
हर हाल में किसानों की आय बढ़ाना चाहते हैं मोदी-राज्यपाल

-सिक्किम के जैविक उत्पाद को मिले बड़ा बाजार

-उत्पादन के साथ पैकेजिंग पर भी ध्यान देने की जरूरत

-युवा शुरू करें जैविक खाद्य प्रोसेसिंग यनिट

-सरकार करेगी हर प्रकार की सहायता विपिन राय,गंगटोक: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर हाल में किसानों की आय बढ़ाना चाहते हैं। देश की अर्थव्यवस्था में किसानों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। यदि किसानों की आय नहीं बढ़ेगी तो देश में खुशहाली नहीं आएगी। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भारत सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना वर्ष 2025 तक देश की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर करने की है। इस लक्ष्य को हासिल करने में कृषि और किसानों का भी बहुत बड़ा हाथ होगा। यह बातें सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कही। वह शुक्रवार को शहर के एक होटल में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग परिसंघ एसोचैम द्वारा आयोजित एक विशेष सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। एसोचैम ने इस सेमिनार का आयोजन सिक्किम के जैविक खाद्य प्रसंस्करण को एक वैश्रि्वक पहचान दिलाने के लिए किया है। इस सेमिनार का आयोजन में दैनिक जागरण की भी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका रही। दैनिक जागरण पहल के तहत दैनिक जागरण ने इसमें मीडिया पार्टनर की भूमिका निभा कर पूरे देश में सिक्किम के जैविक उत्पादो की जानकारी पहुंचाने का निर्णय लिया है।

सेमिनार को संबोधित करते हुए गंगा प्रसाद ने आगे कहा कि सिक्किम देश का पहला जैविक राज्य है। यहा जैविक खेती की जाती है। सिक्किम ने इस मामले में पूरे देश को एक नई दिशा दी है। पूरे देश में जैविक खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है। किसान कड़ी मेहनत कर फसल उगाते हैं। लेकिन उन्हें इसकी उचित कीमत नहीं मिलती है। केंद्र सरकार किसानों को उनकी फसल की उचित कीमत दिलाने की दिशा में काम कर रही है। गंगा प्रसाद ने आगे कहा कि सिक्किम के जैव उत्पाद को पूरे देश के साथ-साथ विश्व बाजार में भी पहुंचाने की जरूरत है। इसके लिए यहा के किसान भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। उन्होंने उत्पादन के साथ-साथ पैकेजिंग पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज के जमाने में जो दिखता है, वही बिकता है। सिर्फ उत्पादन करने से ही नहीं होगा। बल्कि सिक्किम के जैविक उत्पादों की पैकेजिंग भी अच्छी होनी चाहिए। जैविक उत्पादों की माग काफी अधिक है। लोग पैसा देने के लिए भी तैयार हैं। कोलकाता,दिल्ली जैसे बाजारों में यहां के जैविक उत्पादों को भेजने की व्यवस्था करनी चाहिए।

गंगा प्रसाद ने इसके साथ यह भी कहा कि किसानों की आय बढ़ाने का मतलब यह नहीं कि उत्पादों के दाम अधिक बढ़ा दें। बल्कि उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता है। वैज्ञानिकों को इस दिशा में पहल करनी चाहिए। इसके लिए सिक्किम के किसानों को विशेष प्रशिक्षण देने की जरूरत है, ताकि वह अधिक से अधिक पैदावार कर सकें। राज्यपाल ने सिक्किम में वाटर हार्वेस्टिंग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि वह कुछ गाव में गए थे। वहा के किसानों ने कहा कि यदि सिंचाई की समुचित व्यवस्था हो जाए तो दुगनी फसल पैदा कर सकते हैं। सिक्किम में बारिश काफी होती है, लेकिन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं है। पूरा पानी बह जाता है। वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था कर ग्रामीणों को कृषि कार्य के लिए सिंचाई व्यवस्था उपलब्ध करानी चाहिए। उन्होंने युवाओं से आगे आने की अपील की। उन्होंने कहा कि सिक्किम के युवाओं को कृषि आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाना चाहिए। कृषि क्षेत्र में स्टार्ट अप शुरू करना चाहिए। इसके लिए न केवल राज्य सरकार बल्कि केंद्र सरकार भी उन्हें हर सुविधा देगी। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार का ध्यान पूर्वोत्तर पर अधिक है। प्रधानमंत्री सिक्किम सहित पूरे पूर्वोत्तर राज्यों का तेजी से विकास चाहते हैं। यही कारण है कि उन्होंने लुक ईस्ट पॉलिसी की शुरुआत की है। उन्होंने एसोचैम द्वारा गंगटोक में इस तरह के सेमिनार आयोजित करने की सराहना की। राज्यपाल ने कहा कि राज्य के रंगपो में एक फूड प्रोसेसिंग यूनिट की शुरुआत हो गई है। लेकिन सिर्फ एक फूड प्रोसेसिंग यूनिट से काम नहीं चलेगा। राज्य में और भी कई फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की जरूरत है। जैविक उत्पाद ना हो मिलावट-चांडी

इस सेमिनार को संबोधित करते हुए सिक्किम सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव थॉमस चाडी ने कहा कि सिक्किम का जो जैविक उत्पाद है वह ग्राहकों तक ठीक से पहुंचना चाहिए। ऑर्गेनिक के नाम पर इन दिनों नॉन ऑर्गेनिक उत्पाद भी कुछ लोग बेचने में लग गए हैं। उन्होंने मिलावट के कई मामले देखे हैं। सिक्किम के जैविक या कहें ऑर्गेनिक उत्पाद के साथ कुछ नॉन ऑर्गेनिक उत्पाद भी मिला दिए जाते हैं। इससे सिक्किम के जैविक उत्पाद की छवि खराब होती है। इस तरह की मिलावट को हम तभी रोक सकते हैं जब पैकेजिंग अच्छी करें। उनकी इस मामले में हॉर्टिकल्चर विभाग के सचिव से भी बात हुई है। अब सिक्किम के ऑर्गेनिक उत्पादों को बोरे में नहीं बल्कि कार्टून में पैक करने की व्यवस्था की जा रही है। यह एक अच्छी पहल है। चाडी ने आगे कहा कि सिक्किम के जैविक उत्पाद को एक बड़ा बाजार उपलब्ध हो सके, इसमें एसोचैम की बड़ी भूमिका है। एसोचैम ने जो सेमिनार आयोजित किया है उसकी वह सराहना करते हैं। लेकिन सिर्फ सेमिनार आयोजित करने से ही नहीं होगा। आज इस सेमिनार में जो निर्णय लिए जाएंगे उसको जमीनी स्तर पर उतारना भी जरूरी है। उन्हें उम्मीद है कि एसोचैम के पदाधिकारी सिक्किम के जैविक उत्पादों को एक बड़ा बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार पहल करेंगे। सिक्किम सरकार चाहती है कि किसानों को उचित कीमत मिले। इसके लिए चाडी ने राज्य में अधिक से अधिक फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की भी बात कही। 76 हजार हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती-शेरपा

सिक्किम में 76 हजार हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती हो रही है। यहा का मौसम जैविक खेती के लिए काफी अच्छा है और पैदावार भी काफी अधिक हो रही है। यह बातें सिक्किम सरकार के हॉर्टिकल्चर विभाग के सचिव एमटी शेरपा ने कही। वह भी एसोचैम के सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सिक्किम की 65 प्रतिशत आबादी गावों में है। गाव के लोग खेती-बाड़ी कर रहे हैं। यहा जैविक उत्पाद की क्षमता और भी अधिक हो सकती थी। लेकिन उतनी जमीन नहीं है। यहा जमीन सीमित है। यहां जंगल है, पहाड़ है। खेती की जमीन को विकसित किया जा रहा है। ग्रीन इकोनामी पर सिक्किम सरकार जोर दे रही है। यहा के तमाम जैविक उत्पादों को देश के विभिन्न बाजारों में पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। हालाकि इसमें समस्या भी है। इसीलिए हमने मार्केटिंग व्यवस्था को विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ढांचागत सुविधाओं की कमी है और स्टोरेज में भी समस्या आ रही है। सरकार ढांचागत सुविधा बढ़ाने के साथ-साथ ट्रासपोर्टेशन एवं पैकेजिंग की दिशा में भी काम कर रही है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सिक्किम में 26 ग्रुप का गठन किया गया है। आने वाले दिनों में जैविक खेती की दिशा में किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उनमें स्किल डेवलपमेंट की बहुत जरूरत है। सिक्किम सरकार इस दिशा में लगातार पहल कर रही है। सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं किसान-रोजी छीरिंग

इस सेमिनार को संबोधित करते हुए नाबार्ड सिक्किम की महाप्रबंधक रोजी छीरिंग ने किसानों से विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने नाबार्ड को दो हजार करोड़ रुपए दिए हैं। कई प्रकार की सब्सिडी भी फूड प्रोसेसिंग यूनिट एवं किसानों को दी जा रही है। इसका लाभ किसान उठा सकते हैं। उन्होंने इस मौके पर सेमिनार में उपस्थित किसानों को नाबार्ड के विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। यह भी कहा कि किसान नाबार्ड से आर्थिक सहायता लेकर जैविक खेती करें।

हम लुक ईस्ट पॉलिसी पर काम कर रहे हैं-सुरजीत सामंत इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए एसोचैम ईस्टर्न रीजन के चेयरमैन सुरजीत सामंत ने कहा कि एसोचैम सरकार के लुक ईस्ट पॉलिसी को लागू करेगी। इस प्रकार के सेमिनार का आयोजन पूरे पूर्वोत्तर राज्य में किया जाएगा। एसोचैम इस साल अपनी स्थापना का एस सौ साल भी मना रहा है। 1920 में एसोचैम की स्थापना हुई थी। एसोचैम के वार्षि समारोह में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू भी उपस्थित रह चुके हैं। सामंत ने आगे कहा कि एसोचैम का मकसद कारोबारियों की सहायता कर कारोबार को बढ़ाना है। हम कारोबारियों और सरकार के बीच एक सेतु का काम करते हैं। इसी कड़ी में सिक्किम में जैव खाद्य प्रसंस्करण को पूरे विश्व तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया है। सिक्किम सौ प्रतिशत जैविक राज्य है। इस राज्य में जीडीपी दर भी देश के अन्य राज्यों के मुकाबले अधिक है। नेपाल और भूटान नजदीक होने के कारण यहां के कारोबार को बढ़ाने की असीम संभावनाएं है। सामंत ने जैविक खाद्य प्रसंस्करण कारोबार में महिला एवं युवा उद्यमियों से आगे आने की अपील की। इस सेमिनार राज्य के विभिन्न हिस्सों से जैविक खेती करने वाले किसान आए हुए थे। उन्हें विशेषज्ञों ने विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। वर्ष 2016 में पूर्ण जैविक राज्य बना सिक्किम

सिक्किम देश का पहला पूर्ण जैविक राज्य है। वर्ष 2016 में सिक्किम को पूर्ण जैविक राज्य घोषित किया गया। लेकिन यह सबकुछ इतनी आसानी से नहीें हुआ। कदम दर कदम सिक्किम जैविक राज्य होने की दिशा में बढ़ता गया। वर्ष 2001 में खेती में खाद के उपयोग को कम करने के लिए सब्सिडी में दस प्रतिशत की कमी की गई। उसके बाद राज्य को 396 गांवों को गोद लेकर वहां जैविक खेती शुरू की गई। यह प्रक्रिया 2009 तक चली। उसके बाद वर्ष 2008 में जिंजर प्रोसेसिंग युनिट की शुरूआत हुई। जिंजर यादि आदि की खेती इस राज्य में बड़ पैमाने पर होती है। वित्तीय वर्ष 2011-12 में 19 हजार 216 हेक्टेयर भूमि को जैविक खेती के लिए प्रमाणित किया गया। जबकि वर्ष 2016 में सिक्किम पूर्ण जैकिव राज्य बन गया।

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