आजादी की आखिरी रात,क्या होती है बात

-बैचलर पार्टी में लड़कियां भी रही हैं शामिल -देर रात तक चलता है शराब का दौर -कहीं -

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 08:46 PM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 08:46 PM (IST)
आजादी की आखिरी रात,क्या होती है बात
आजादी की आखिरी रात,क्या होती है बात

-बैचलर पार्टी में लड़कियां भी रही हैं शामिल

-देर रात तक चलता है शराब का दौर

-कहीं -कहीं अफीम और चरस का भी इस्तेमाल

-कुछ ही घंटों में उड़ा दिए जाते हैं लाखों रुपये जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : बैचलर पार्टी और प्री वेडिंग शूट समाज के लिए दीमक साबित हो रहा है। यह युवा समाज को जड़ से धीरे-धीरे खोखला कर रहा है। सिर्फ दिखावे के चक्कर में इस तरह की पार्टी का आयोजन किया जाता है। पहले जहां बैचलर पार्टी में सिर्फ लड़कों को आमंत्रित किया जाता था, अब लड़कियां भी पार्टी में आने लगी है। जहां पर शराब, जुआ, अफीम, हुक्का के साथ आइटम गर्ल को भी बुलाया जाता है। शहर के बड़े-बड़े होटलों सहित पब में ये पार्टी आयोजित की जाती है। जहां खूब चलता है शराब का दौर। उसके साथ ही बार बालाओं पर पैसे लुटाए जाते हैं। बैचलर पार्टी के नाम पर कुछ ही घंटों में लाखों रुपये हवा कर दिए जाते हैं। एक पार्टी पर दो लाख से दस-बारह लाख रुपये तक खर्च किए जाते हैं। सिगरेट के धुएं ,शराब, अफीम में पैसे अलग से उड़ाए जाते हैं। वहीं प्री वेडिंग शूट पर लाखों रुपये खर्च कर दिए जाते हैं। जहां पर लड़का-लड़की के साथ फोटोग्राफर जाता है। शहर के आसपास के इलाके की नहीं बल्कि विदेशों में भी जाकर प्री वेडिंग शूट की है। प्री वेडिंग फोटो शूट और बैचलर पार्टी समाज के लिए एक घातक बीमारी बन गई है। जिस पर सामाजिक प्रतिबंध लगाना आवश्यक है। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महासभा ने 2018 के फ़रवरी माह में प्री वेडिंग शूट के दुष्परिणाम को भापते हुए माहेश्वरी समाज ने इस पर रोक लगाई थी। प्री वेडिंग और बैचलर्स पार्टी जैसी घातक बीमारी को समय रहते रोकने की आवश्यकता है। तभी हमारा समाज खुशहाल रहेगा और समाज में नैतिकता के उचित मापदंड स्थापित होंगे।

बनवारी लाल करनानी,निवर्तमान अध्यक्ष, माहेश्वरी सभा, सिलीगुड़ी विवाह पूर्व की वीडियो फि़ल्म दो लोगों के बीच अंतरंग संबंधों का एक सार्वजनिक अभिनय है, जिसे माता पिता परिवार के बड़े लोग देखते हैं तो उहापोह की स्थिति पैदा हो जाती है।

बैचलर पार्टी भी शराब व अन्य नशे का अड्डा है। शराब पीना कभी भी पारिवारिक, सामाजिक व धार्मिक उत्सवों में स्वीकार्य नहीं था। विवाह एक पवित्र संस्कार है। जिसमें पूजा, मंत्रोच्चार के साथ दो परिवार एक होते हैं। वहा शराब, धूम्रपान व अन्य नशे में हम एक विकृत मानसिकता का परिचय दे रहे हैं। दोनों पर सख्त प्रतिबंध लगना चाहिए।

विनोद सरावगी, सदस्य,आर्ट ऑफ लिविंग बैचलर पार्टी और प्री वेडिंग शूट हमारे समाज में कभी स्वीकार्य नहीं था। ये पाश्चात्य शैली का प्रभाव है। इससे समाज पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। एक-दूसरे को दिखाने के चक्कर में सिर्फ पैसों का स्वाहा हो रहा है। इससे समाज को गलत संदेश जा रहा है। इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। प्री वेडिंग शूट भी सही नहीं है। ऐसे में अगर किसी कारणवश दोनों का विवाह ना हो तो बहुत ही भयावह स्थिति पैदा हो सकती है। इसके लिए समाज के सभी लोगों को मिलकर इस बुराई पर रोक लगाने की आवश्यकता है।

विजय गुप्ता, कोषाध्यक्ष, बिहारी कल्याण मंच बैचलर पार्टी और प्री वेडिंग शूट सिर्फ पैसों का खेल है। जिनके पास पैसा नहीं है उनसे जाकर पूछो कि एक विवाह संपन्न कराना कितना मुश्किल काम है। ऐसे में इस पैसे का सदुपयोग किया जाए तो बहुत से लोगों के जीवन को संवारा जा सकता है। बैचलर पार्टी में शराब,जुआ को स्टेट्स सिंबल माना जाता है। वहीं प्री वेडिंग शूट करना भी सही नहीं है।

सोमनाथ चटर्जी,समाजसेवी

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