धरना में शामिल होने आ रहे अभाविप सदस्यों पर एनजेपी में हमला, टीएमसी पर आरोप

न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर शुक्रवार की सुबह धरना में शामिल होने आ रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया। इसमें आरोप तृणमूल कांग्रेस पर लगाया जा रहा है।

By Rajesh PatelEdited By: Publish:Fri, 05 Oct 2018 11:37 PM (IST) Updated:Sat, 06 Oct 2018 12:31 AM (IST)
धरना में शामिल होने आ रहे अभाविप सदस्यों पर एनजेपी में हमला, टीएमसी पर आरोप
धरना में शामिल होने आ रहे अभाविप सदस्यों पर एनजेपी में हमला, टीएमसी पर आरोप

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी। न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन परिसर शुक्रवार की सुबह रणक्षेत्र में तब्दील हो गया था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की रैली में शामिल होने आए विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। एक महिला समेत कई छात्र घायल हो गए। कई के मोबाइल तोड़ दिए गए। मीडिया के पहुंचने पर आरपीएफ और जीआरपी पुलिस ने सुरक्षा में लेकर घायलों का इलाज कराया।
कई घंटे तक स्टेशन पर दहशत का माहौल कायम रहा। विद्यार्थी परिषद के शीर्ष नेतृत्व के हस्तक्षेप से कार्यकर्ताओं को वहां से सुरक्षा के साथ रवाना किया गया। सबसे ज्यादा पिटाई से जख्मी नदिया से आई बबली मुखर्जी ने पत्रकारों को बताया कि एनजेपी स्टेशन पर उतरकर वे सभी बाहर ही निकलने वाले थे कि अचानक बड़ी संख्या में टीएमसी के समर्थक लाठी डंडा और र्ईट पत्थर से हमला कर दिया। एक दो मीडिया वाले पहुंचे भी थे तो उन्हें कैमरा नहीं खोलने की चेतावनी देकर हटा दिया। महिला होने का भी उनपर कोई असर नहीं हुआ। मुझे बाथरूम में ले जाकर पीटा। घायल उत्पल सरकार, राजेश सरकार और आशीष दास ने बताया कि किसी का खून बहाना क्या बंगाल का विकास है। इस संबंध में एनजेपी में टीएमसी नेता प्रसेन्नजीत से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह आरोप निराधार है।
राजनीतिक जिद से सरकार नहीं चल सकती- सुनील आम्बेडकर


अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन सचिव सुनील आम्बेकर ने कहा कि छात्र शक्ति को राष्ट्र शक्ति कहा गया है। यदि छात्र अपने पर आ उतर आए तो सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेंगे। तानाशाही से लोकतंत्र में किसी की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है। यह बात मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मालूम होना चाहिए। उन्हें युवाओं को बताना पड़ेगा कि क्या विरोधियों के लिए राज्य में कोई कानून व्यवस्था है या नहीं। वे कंचनजंघा स्टेडियम हाल परिसर में धरने पर बैठे विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह संयोग है कि मुख्यमंत्री दो दिनों से शहर में है। आज उनके सामने इस्लामपुर में पुलिस फायरिंग में मारे गए राजेश चौधरी और तापस बर्मन की हुई मौत मामले में न्याय दिलाने के लिए सीबीआइ जांच की मांग करते हुए रैली निकालने वाले थे। सरकार के इशारे पर जो जहां था, उसे वहीं रोक दिया गया। घोषित रैली स्थल को पुलिस छावनी में तब्दील कर उसे नहीं होने दिया। पुलिस की सख्ती के बाद भी हजारों की संख्या में  धरना स्थल पर छात्र पहुंचे।


उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल के इस्लामपुर दारीभीत में पुलिस फायरिंग में छात्रों को मारे जाने की जांच सीबीआइ से कराने, चिकित्सकीय टीम और कैमरे के सामने फिर से पोस्टमार्टम, शिक्षा मंत्री से त्यागपत्र देने, मृत छात्रों के परिवार वालों को तत्काल 20-20 लाख रुपये देने, सभी घायलों को 10-10 लाख रुपये देने की मांग परिषद करती है। आंदोलन करने के कारण गिरफ्तार सभी भाजपा और युवा मोर्चा के नेताओं को तत्काल छोडऩा पड़ेगा। सरकार की जिद है कि विरोधियों की मांग को पूरा नहीं होने दिया जाएगा। स्मरण रहे कि विद्यार्थी परिषद देश के हर राज्य में आंदोलन और रैली करती रही है। जम्मू कश्मीर और केरल में भी रैली को वहां की सरकार नहीं रोक पाई। आपातकाल में इसी छात्र शक्ति ने केंद्र की सरकार को उखाड़ फेंकने का काम किया था। परिषद के राष्ट्रीय सह सचिव केएन रघुनंदन ने कहा कि इस घटना में मारे गए परिवार की मांग है कि जांच सीबीआइ से हो।भाजपा और परिवार की ओर से राष्ट्रपति के साथ पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से भी मिलकर न्याय की गुहार लगाई गई है। सरकार ने बहरहाल जांच सीआइडी को सौंप दी है। सिलीगुड़ी में महारैली की अनुमति मांगी गई तो अनुमति नहीं दी गई। टीएमसी की ओर से उसी समय रैली निकाली गई। विद्यार्थी परिषद की राज्य कमेटी के सह सचिव प्रह्लाद बर्मन ने कहा कि इस मुद्दों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का आंदोलन जारी है। राज्य कमेटी की सदस्य पायल धर ने कहा कि मृतक छात्र राजेश चौधरी और तापस बर्मन की मौत यूं ही बेकार नहीं जाएगी। बंगाल सरकार के आज के रवैये से यह स्पष्ट हो गया कि वह नहीं चाहती है कि इस परिवार को न्याय मिले। पांच-पांच की संख्या में छात्रों को निकाला बाहर 


अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा धरना की समाप्ति पर आए छात्र छात्राओं को पुलिस घेराबंदी से पांच-पांच की संख्या में बाहर निकाला गया। स्टेडियम के चारों तरफ से पुलिस ने नाकेबंदी कर रखी थी। सभी प्वाइंट पर पुलिस के आलाधिकारी मौजूद थे। जलपाईगुड़ी और डुवार्स से पुलिस अधिकारियों को बुलाया गया था। मारवाड़ी पंचायत भवन में ठहरे छात्र-छात्राओं को भी पुलिस ने नहीं निकलने दिया।
दुर्गापूजा बाद होगा आंदोलन
धरना मंच से परिषद के राज्य सचिव सप्तर्षि सरकार ने घोषणा की कि दुर्गापूजा बाद पूरे देश में इस्लामपुर गोलीकांड में छात्रों की मौत को लेकर आंदोलन किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो देशभर के छात्र सिलीगुड़ी में जमा होंगे। 

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