Bhai Dooj 2019: पर्यावरण संरक्षण को अनोखी पहल, पेड़ संग मनाया गया भाई दूज का पर्व

Bhai Dooj 2019 पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक अनोखी पहल की गई है। पेड़ संग भाई दूज का पर्व मनाया गया है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 28 Oct 2019 03:31 PM (IST) Updated:Mon, 28 Oct 2019 03:31 PM (IST)
Bhai Dooj 2019: पर्यावरण संरक्षण को अनोखी पहल, पेड़ संग मनाया गया भाई दूज का पर्व
Bhai Dooj 2019: पर्यावरण संरक्षण को अनोखी पहल, पेड़ संग मनाया गया भाई दूज का पर्व

हावड़ा, जागरण संवाददाता। पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक अनोखी पहल की गई है। पेड़ संग भाई दूज का पर्व मनाया गया है। पर्यावरणविद सुभाष दत्त के नेतृत्व में सोमवार को हावड़ा के तेलकल घाट पर पेड़ के साथ भाई दूज का पर्व मनाया गया। इस आयोजन के पीछे मुख्य मकसद पर्यावरण संरक्षण व पर्यावरण के साथ मानव के अटूट बंधन के बारे में लोगों को जागरूक करना है।

इस मौके पर महिलाओं ने विधिवत पेड़ की आरती उतारी और उनकी पूजा कीं। उन्हें तिलक लगाया गया। मौके पर महिलाओं ने पेड़ को भाई मानते उनकी लंबी उम्र की कामना भी की। इस बाबत सुभाष दत्त ने बताया कि इस कार्यक्रम के पीछे मूल मकसद पर्यावरण संरक्षण को लेकर लोगों को एक संदेश देना है।

भाई दूज पर्व में जैसे बहनें भाइयों को आरती कर तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं, ठीक उसी प्रकार से पेड़ को भाई मान आज हमने उनकी पूजा की, उनकी आरती की गई व तिलक लगाया गया।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से विकास के नाम पर पेड़ों की कटाई हो रही है उसके खिलाफ हमने इस कार्यक्रम का आयोजन किया है। सामाजिक संस्था रेनू की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संस्था के अध्यक्ष सुभाष दत्त ने कहा विकास के नाम पर अब एक भी पेड़ काटने नहीं दिया जाएगा। 

कालीपूजा के मनमोहक पंडालों का भक्तों ने लिया आनंद

रोशनी, उमंग और उत्साह के माहौल में पूरा उत्तर बंगाल का सीमावर्ती क्षेत्र रविवार को दीपमालाओं से जगमगा उठा। समृद्धि और खुशहाली का पर्व दीपावली रविवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। रंग-बिरंगी रोशनी बिखेरती झालरों से पूरा शहर जगमगा उठा। शाम को शुभ मुहूर्त में विधि विधान से लोगों ने श्री लक्ष्मी व गणेश की पूजा कर सुख समृद्धि की कामना की। सूरज ढलते ही शहर का हर कोना जगमगाने लगा। बच्चों व युवाओं ने पटाखे छुड़ाए। देर रात तक अमावस की काली रात पटाखों की गूंज से गुंजायमान रही। घर-घर दीप जलाए गए। माता लक्ष्मी व भगवान गणेश की पूजा की गई। 

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