यह फुटपाथ हमारा है . कमाई के चक्कर में फुटपाथ पर डाका

-अतिक्रमणकारियों के चंगुल में फुटपाथ -आने जाने नेता व पदाधिकारी नहीं देते ध्यान -पहले आप-पहले

By Edited By: Publish:Thu, 02 Jul 2015 08:03 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2015 08:03 PM (IST)
यह फुटपाथ हमारा है . कमाई के चक्कर में फुटपाथ पर डाका

-अतिक्रमणकारियों के चंगुल में फुटपाथ

-आने जाने नेता व पदाधिकारी नहीं देते ध्यान

-पहले आप-पहले आप की पनप रही प्रवृति

अशोक झा, सिलीगुड़ी :

फुटपाथ साठ फीसद लोगों की आवश्यकता हैं। लेकिन कमाई के चक्कर में चंद लोग आम नागरिकों के हक पर डाका डाल फुटपाथों पर कब्जा कर अपनी-अपनी कमाई का जरिया बनाए हैं। यह हाल है शहर के सबसे महत्वपूर्ण स्थान दार्जिलिंग मोड़ से सुकना जानी वाले मार्ग एनएच 55 का। यहा शहर में तो अतिक्रमण का लाइसेंस अतिक्रमण हटवाने की जिम्मेदारी उठाने वाले ही दिए हैं। यह क्षेत्र जीटीए व सिलीगुड़ी महकमा से जुटा हुआ है। इस मार्ग में कई महत्वपूर्ण निजी स्कूल है। इसके अतिरिक्त दार्जिलिंग जिला अपराध अनुसंधान का डीएसपी मुख्यालय। पूर्वोत्तर का सबसे बड़ा बाबा लोकनाथ मंदिर। इसके साथ ही जीटीए का पिंडेल विलेज। इस मार्ग के साथ ही हिमालयन रेलवे द्वारा संचालित ट्वाय ट्रेन का परिचालन। एक नहीं आधा दर्जन स्थानों पर फुटपाथ पर सवारी वाहनों का कब्जा है और पैदल चलने वाले लोग दुर्घटना की आशका से ग्रसित रहकर बीच सड़क से चलते हैं। वाहन अड्डों का संचालन करने के लिए पूर्व में पड़ाव अड्डा नीलाम किए गए थे पर इनका संचालन करने के लिए कोई स्थान नहीं दिया गया। इस वर्ष पड़ाव अड्डों की नीलामी भले ही न की गई हो पर सड़कों से वाहन अड्डों का संचालन पूर्ववत किया जा रहा है। इससे मार्निंग वाक करने वाले लोग इन सड़कों से निकलने का भी साहस नहीं जुटा पाते।

यूं तो शहर के अधिकाश प्रमुख मार्गो के फुटपाथ अवैध कब्जेदारों की गिरफ्त में हैं। लेकिन हद तो तब हो जाती है जब फुटपाथ पर कब्जा कर वाहन अड्डों का संचालन किया जा रहा हो। फुटपाथ पर ही वाहन खड़े होते हैं। पैदल आने जाने वाले लोगों को बीच सड़क से गुजरना पड़ता है। नंबर और सवारियों के चक्कर में वाहन आड़े तिरछे सड़क पर खड़े रहते हैं इससे अक्सर पैदल आने जाने वाले लोग दुर्घटना शिकार होते हैं।

व्यवसायी का कहना है कि फुटपाथ पर अतिक्त्रमण से घर सै पैदल निकलना में दुर्घटना का भय समाया रहता है। अगर फुटपाथ खाली हो तो कम से कम पैदल निकलने में दुर्घटना का भय न रहे। उन्होंने कहा कि फुटपाथ पर कब्जा होने का नतीजा है दो बार बच्चा बाइक की टक्कर से चोट खा चुका है। अब तो बच्चों को घर से बाहर भेजने में भी डर लगता है। फुटपाथ न होने से टहलने के लिए पार्क जाना पड़ता है इससे दौड़ा का नियमित अभ्यास भी नहीं हो पाता। सड़क पर वाहन अड्डों का संचालन तो कोढ़ में खाज वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है। फुटपाथ पर वाहन खड़े रहना और सवारी भरने के लिए वाहन सड़क पर दौड़ाना पैदल चलने वालों के लिए मुसीबत है। अक्सर इन वाहनों की टक्कर से पैदल चलने वाले लोग चुटहिल होते हैं। फुटपाथ बच्चे, बूढ़े, बुजुर्गो, महिलाओं सभी के लिए सुरक्षित आवागमन का साधन हैं यह हक दिलाया जाए। सरकारी कर्मचारी ने कहा कि सेहत के लिए सुबह टहलना नेमत बताया जाता है लेकिन फुटपाथ न होने से घर से निकलने की हिम्मत नहीं पड़ती। मजबूरी में घर के लान में ही चक्कर लगा लेता हूं। नौकरी के लिए कार्यालय आते जाते वाहन अड्डों के आसपास की धमाचौकड़ी देखकर तो घर से पैदल निकलने का साहस ही नहीं जुटा पाता हूं। अगर फुटपाथ का अवैध कब्जा हट जाए और लोगों को फुटपाथ पर चलने का हक मिल जाए तो सेहत और पर्यावरण दोनों का लाभ आम लोगों को मिल जाएगा। फुटपाथ पर अवैध कब्जा का सीधा असर युवाओं और छात्र-छात्राओं पर पर पड़ रहा है। सुबह दौड़ लगाने की आदत ही उनकी छूटती जा रही है। उनका कहना था कि फुटपाथ का कब्जा आम नागरिकों की जरूरत पर कब्जा है। फुटपाथ न होने से बुजुर्गो, महिलाओं और बच्चों को सर्वाधिक समस्या होती है। प्रशासन को फुटपाथ खाली करवा कर आम लोगों को सुरक्षित पैदल चलने का हक दिलाना चाहिए पर प्रशासन इस अहम समस्या से जानकर भी अनजान बना रहता है। अतिक्रमण करने वालों की शिकायत करने पर भी उसे हटवाने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया जाता। जिन सड़कों पर वाहन अड्डे का संचालन हो रहा है उनपर पैदल चलना जोखिम भरा बना हुआ है।

क्या कहते है मंत्री

जल्द ही अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए बरसात बाद प्रशासन के साथ बैठक होगी। इस मार्ग को फोन लेन करने के साथ इसका सौंदर्यीकरण भी किया जाना है।

गौतम देव, उत्तर बंगाल उन्नयन मंत्री।

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