सोशल मीडिया के जरिए चंद घंटों में मिली खोयी बेटी

संवाद सहयोगी, बालुरघाट : मां के साथ बैंक में रुपये लेने के लिए पहुंची चार वर्ष की बच्ची भीड़ में खो ग

By Edited By: Publish:Mon, 28 Nov 2016 08:58 PM (IST) Updated:Mon, 28 Nov 2016 08:58 PM (IST)
सोशल मीडिया के जरिए चंद घंटों में मिली खोयी बेटी

संवाद सहयोगी, बालुरघाट : मां के साथ बैंक में रुपये लेने के लिए पहुंची चार वर्ष की बच्ची भीड़ में खो गई। इसके बाद तुरंत सोशल मीडिया का सहारा लिया गया एवं चंद घंटों के अंदर बेटी अपनी मां से मिल गई। सोमवार दोहपर को बालुरघाट जिलाधिकारी भवन के सामने रो रही चार वर्ष की बच्ची को स्थानीय लोगों ने पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ करने पर इस बच्ची ने अपना नाम रूपाली हालदार बताया। इसके अलावा और वह कुछ बता नहीं सकी। कई जगह में खबर लेने के बावजूद कोई लाभ नहीं होने पर पुलिस प्रशासन ने सोशल मीडिया का सहारा लिया। इस बच्ची की तस्वीर फेसबुक व ह्वाट्स अप में दे दिया गया। साथ ही पुलिस ने चारों तरफ उसकी तलाश शुरू की। इसके करीब एक घंटे बाद इस बच्ची की मां बालुरघाट थाने में पहुंची। इसके बाद बच्ची को उसकी मां को सौंप दिया गया। बेटी के मिल जाने से मां की आंखों में आंसू छलक गई।

ज्ञात हो कि सोमवार को बालुरघाट नगरपालिका संलग्न स्टेट बैंक में पहुंची अपने चार वर्ष की बेटी के साथ पहुंची। बैंक में काफी भीड़ थी। इसलिए बेटी को गोद से नीचे उतारकर खड़े की। इसके बाद लाइन थोड़ा सा इधर-उधर होने पर मां को नहीं देख पाने से रूपाली बाहर चली आई। इधर, बैंक का काम समाप्त होने पर दिपाली पीछे मुड़ कर देखी उनकी बेटी नहंी है। इधर, बच्ची को नहंी देख पाने से उन्होंने रोना शुरू किया। वहां मौजूद लोग दिपाली देवी को बैंक मैनेजर के कक्ष में ले गये। वहां से बैंक में माइक से दिपाली हालदार की बेटी के गुम हो जाने की घोषणा की गई। उस समय बैंक में खड़े एक व्यक्ति ने फेसबुक में एक बच्ची के खो जाने की तस्वीर देखी। बालुरघाट थाने में फोन करने पर पता चला कि यह बच्ची पुलिस की हिफाजत में है। इसके बाद दिपाली देवी थाने में पहुंची एवं अपनी बेटी को देखकर उसे गोद में लेकर रोने लगी।

दिपाली हालदार ने बताया कि उसका पति अधीर हालदार पेशे से रिक्सा चालक है। घर बालुरघाट नगरपालिका के 23 नंबर वार्ड के खिदिरपुर इलाके में है। बैंक में रुपये लेने के लिए आकर वह अपनी बच्ची को खो दी। इस संबंध में डीएसपी हेड क्वार्टर सौम्यजीत बड़ुआ ने बताया कि कुछ लोगों को उनकी बेटी जिला प्रशासनिक भवन के सामने से मिली। इसके बाद उसके परिवार का पता लगाने के लिए तलाश शुरू की एवं इस बच्ची की तस्वीर फेसबुक व व्हाट्स अप में डाल दी गई। खो जाने के चंद घंटो के अंदर बच्ची की मां थाने में पहुंची। इसके बाद उसे उसकी मां को सौंप दिया गया।

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