कूचबिहार को राज्य बनाए बिना बिजली बिल का भुगतान नहीं करेंगे ग्रामीण
अब कूचबिहार को भी अलग राज्य बनाने की मांग उठी है। इसके लिए ग्रामीण बिजली बिल जमा नहीं कर रहे हैं। बुधवार को इस बाबत हुई बैठक में भी कोई नतीजा नहीं निकला।
कूचबिहार [संवाद सूत्र]। कूचबिहार को जब तक राज्य नहीं बनाया जाता, बकाया बिजली बिल का भुगतान नहीं किया जाएगा। इसकी चेतावनी राजवंशी भाषा एकेडमी के वाइस चेयरमैन वंशीवदन बर्मन ने बुधवार को आयोजित प्रशासनिक बैठक में दी। कहा कि भारत समझौते के तहत कूचबिहार सी कैटेगरी का राज्य है। यह राज्य कैसे जिला बना, इस बारे में सरकार जब तक कोई जवाब नहीं देगी, तबतक ग्रेटर कूचबिहार पीपुल्स एसोसिएशन के सदस्य बिजली बिल का भुगतान नहीं करेंगे।
बता दें कि बकाया बिजली बिल का आंकड़ा 116 करोड़ रुपये को पार कर चुका है। इसी को लेकर बुधवार को उत्सव ऑडिटोरियम में एक प्रशासनिक सभा का आयोजन किया गया। सभा में बिजली विभाग के अधिकारी, पुलिस-प्रशासन, राज्य के मंत्री समेत पंचायत प्रधान व जिला परिषद के सदस्य उपस्थित थे। सभा में तृणमूल नेताओं ने ग्रेटर नेता वंशीवदन वर्मन पर बिजली बिल नहीं चुकाने के लिए ग्रामीणों को उकसाने का आरोप लगाया।
पंचायत समिति के अध्यक्ष मफिजर रहमान का कहना है कि वंशीवदन वर्मन के बहकावे में आकर ग्रामीण बिजली बिल का भुगतान नहीं कर रहे हैं। बिजली बिल मांगने के लिए जाने पर ग्रामीण मारपीट पर उतर आते हैं। उन्होंने इस मामले में प्रशासनिक हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने कहा कि जो लोग बकाया बिजली बिल का भुगतान नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ पुलिस-प्रशासन कार्रवाई करेगा।
उधर बर्मन ने कहा कि अलग राज्य होने के कारण उनका बिजली बिल केंद्र सरकार के पास जमा होगा, न कि राज्य सरकार के पास। इसलिए उनलोगों ने बिल नहीं देने का फैसला किया है।
तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि दिनहाटा के पुटिमारी समेत विभिन्न गांवों में ग्रेटर समर्थकों को गलत तरीके से समझा-बुझाकर बिजली बिल का भुगतान नहीं करने के लिए उकसाया जा रहा है। बकाया रकम का भुगतान करने के लिए प्रशासन ने टास्क फोर्स का गठन किया है।
प्रशासनिक सभा को संबोधित करते हुए कूचबिहार के जिला शासक कौशिका साहा ने कहा कि बकाया बिजली बिल का भुगतान करना ही होगा। उन्होंने सभी बिजली उपभोक्ताओं को भुगतान कर देने का अनुरोध करते हुए कहा कि प्रशासनिक कदम उठाने से पहले बिजली बिल का भुगतान कर दें।
बता दें कि बकाया बिजली बिल का आंकड़ा 116 करोड़ रुपये को पार कर चुका है। इसी को लेकर बुधवार को उत्सव ऑडिटोरियम में एक प्रशासनिक सभा का आयोजन किया गया। सभा में बिजली विभाग के अधिकारी, पुलिस-प्रशासन, राज्य के मंत्री समेत पंचायत प्रधान व जिला परिषद के सदस्य उपस्थित थे। सभा में तृणमूल नेताओं ने ग्रेटर नेता वंशीवदन वर्मन पर बिजली बिल नहीं चुकाने के लिए ग्रामीणों को उकसाने का आरोप लगाया।
पंचायत समिति के अध्यक्ष मफिजर रहमान का कहना है कि वंशीवदन वर्मन के बहकावे में आकर ग्रामीण बिजली बिल का भुगतान नहीं कर रहे हैं। बिजली बिल मांगने के लिए जाने पर ग्रामीण मारपीट पर उतर आते हैं। उन्होंने इस मामले में प्रशासनिक हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने कहा कि जो लोग बकाया बिजली बिल का भुगतान नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ पुलिस-प्रशासन कार्रवाई करेगा।
उधर बर्मन ने कहा कि अलग राज्य होने के कारण उनका बिजली बिल केंद्र सरकार के पास जमा होगा, न कि राज्य सरकार के पास। इसलिए उनलोगों ने बिल नहीं देने का फैसला किया है।
तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि दिनहाटा के पुटिमारी समेत विभिन्न गांवों में ग्रेटर समर्थकों को गलत तरीके से समझा-बुझाकर बिजली बिल का भुगतान नहीं करने के लिए उकसाया जा रहा है। बकाया रकम का भुगतान करने के लिए प्रशासन ने टास्क फोर्स का गठन किया है।
प्रशासनिक सभा को संबोधित करते हुए कूचबिहार के जिला शासक कौशिका साहा ने कहा कि बकाया बिजली बिल का भुगतान करना ही होगा। उन्होंने सभी बिजली उपभोक्ताओं को भुगतान कर देने का अनुरोध करते हुए कहा कि प्रशासनिक कदम उठाने से पहले बिजली बिल का भुगतान कर दें।