गंगा के मायके में योग का गुरुकुल

गंगा का मायका कहे जाने वाले उत्तरकाशी शहर की पहचान हिमालय की योग नगरी के रूप में भी है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Jun 2020 02:59 AM (IST) Updated:Sun, 21 Jun 2020 06:10 AM (IST)
गंगा के मायके में योग का गुरुकुल
गंगा के मायके में योग का गुरुकुल

शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी

गंगा का मायका कहे जाने वाले उत्तरकाशी शहर की पहचान हिमालय की योग नगरी के रूप में भी है। यहां जिला मुख्यालय से आठ किमी की दूरी पर स्थित नेताला में शिवानंद कुटीर (शिवानंद योग वेदांत सेंटर) योग को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के साथ ही योग शिक्षक तैयार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अभी तक यहां से योग टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत 2600 देशी-विदेशी योग साधक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं और देश-दुनिया में लोगों को योग का पाठ पढ़ा रहे हैं।

वर्ष 1957 में स्थापित इस आश्रम में वर्ष 2000 से योग टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम और योग साधना इंटेनसिव के कोर्स संचालित हो रहे हैं। योग टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम एक माह का होता है, जबकि योग साधना इंटेनसिव 14 दिन का कोर्स है। हालांकि, कोरोना संक्रमण के चलते इस साल सितंबर तक दोनों पाठ्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। शिवानंद कुटीर नेताला की निदेशक माता परमेश्वरी आनंद बताती हैं कि कोरोना संक्रमण के कारण शिवानंद योग वेदांत सेंटर नेताला में मार्च से कोई कोर्स नहीं चल रहा। लेकिन, जब योग कक्षाएं चलने पर सुबह-शाम दो-दो घंटे का योगाभ्यास और एक-एक घंटे का ध्यान होता है। दोपहर के समय योग शास्त्र के बारे में पढ़ाया जाता है। बताया कि साल में यहां पांच कोर्स चलते हैं और एक कोर्स के लिए 25 से 30 योग साधकों का ही पंजीकरण कराया जाता है।

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ऑनलाइन संचालित होगा कार्यक्रम

योग प्रशिक्षण देने वाले स्वामी जनार्दनानंद बताते हैं कि विश्व योग दिवस के मौके पर शिवानंद योग वेदांत सेंटर के आचार्यों की ओर से विश्वभर में हजारों लोगों को योग का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत सुबह से लेकर शाम आठ बजे तक योग, ध्यान, संगीत, योग शास्त्र पर चर्चा आदि कार्यक्रम होंगे। अब तक एक हजार से अधिक लोग पंजीकरण करा चुके हैं। स्वामी जनार्दनानंद ने बताया कि वर्ष 1963 में स्वामी शिवानंद के ब्रह्मलीन होने के बाद उनके शिष्यों ने विभिन्न देशों में शिवानंद योग वेदांत केंद्रों की स्थापना कर योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। वर्तमान में भारत समेत विभिन्न देशों में 40 शिवानंद योग वेदांत केंद्र और आठ आश्रम संचालित हो रहे हैं।

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प्रशिक्षण लेकर बने प्रसिद्ध योगाचार्य

शिवानंद योग वेदांत सेंटर नेताला से योग शिरोमणि की उपाधि हासिल कर चुके उत्तरकाशी के कोटबंगला निवासी पीयूष बनूनी व बौंगा गांव के कृष्णानंद बिजल्वाण भी भारत समेत विश्व के कई देशों में योग का प्रशिक्षण दे चुके हैं। सिरोर गांव के विजय मेहरा शिवानंद योग वेदांत सेंटर की दिल्ली शाखा के निदेशक हैं। जबकि, नेताला गांव के यशपाल केरल स्थित शिवानंद योग वेदांत शाखा के निदेशक हैं। इसी तरह नेताला के नवीन राणा व मीरा, धनारी के हरीश नौटियाल आदि युवा स्वदेश ही नहीं, विदेशों में जाकर भी लोगों को योग के गुर सिखा रहे हैं।

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साधना स्थली रहा है उत्तरकाशी

हिमालय की गोद में बसे उत्तरकाशी शहर की स्वच्छ आबोहवा, हिमाच्छादित चोटियां, गंगा की निर्मल एवं अविरल धारा विश्वभर से लोगों को यहां साधना के लिए खींच लाती है। यही कारण है कि योग गुरु बाबा रामदेव, स्वामी शिवानंद व स्वामी विष्णुदेवानंद, हिमालयन इंस्टीट्यूट के संस्थापक स्वामी राम, महर्षि महेश योगी जैसे कई ख्याति प्राप्त संतों ने गंगोत्री (उत्तरकाशी) क्षेत्र में साधना की है।

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यहां बनाया विश्व रिकार्ड

भारतीय सेना की महिला अधिकारियों ने वर्ष 2017 में जून के प्रथम सप्ताह गंगोत्री हिमालय की भागीरथी चोटी (19022 फीट) पर योग का प्रदर्शन कर विश्व रिकार्ड बनाया था। इससे पूर्व सियाचिन क्षेत्र में भी सेना समुद्रतल से 18800 फीट की ऊंचाई पर योगाभ्यास कर चुकी है।

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