छह मासूमों ने कायम की आस्था की मिसाल, नन्हें कदमों से नापी इतनी दूरी

उत्‍तरकाशी में अलवर (राजस्थान) के छह मासूमों ने आस्था की मिसाल कायम की है। उन्‍होंने अपने नन्हें कदमों से गोमुख की 18 किमी दूरी पैदल नापी है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sun, 22 Jul 2018 11:11 AM (IST) Updated:Mon, 23 Jul 2018 05:18 PM (IST)
छह मासूमों ने कायम की आस्था की मिसाल, नन्हें कदमों से नापी इतनी दूरी
छह मासूमों ने कायम की आस्था की मिसाल, नन्हें कदमों से नापी इतनी दूरी

उत्तरकाशी, [जेएनएन]: अलवर (राजस्थान) के छह मासूमों ने अपने नन्हें कदमों से गोमुख की 18 किमी दूरी पैदल नापकर आस्था की मिसाल कायम की है। श्रावण मास में माता-पिता के साथ गंगोत्री दर्शनों के बाद इन मासूमों ने गोमुख की यात्रा पूरी की। शनिवार को जिला मुख्यालय उत्तरकाशी पहुंचने पर उन्होंने अपनी गोमुख यात्रा के अनुभव साझा किए।

अलवर नवासी कैलाश ने बताया कि वह पत्नी रणजीत कौर और चार बच्चों ममता (सात), अनीता (चार), संजू (ढाई) व अजय (11) के साथ 16 जुलाई को गंगोत्री धाम पहुंचे थे। उनके साथ छोटे भाई हुसन और उनके दो बच्चे हरि (तीन) व सागर (15) भी हैं। मां गंगा के दर्शन करने के बाद रात्रि विश्राम उन्होंने गंगोत्री धाम में किया। 

17 जुलाई को सुबह वह गोमुख के लिए रवाना हुए और रात आठ बजे वापस गंगोत्री भी लौट आए। रात्रि विश्राम गंगोत्री में करने के बाद 18 जुलाई को उन्होंने पैदल ही उत्तरकाशी के लिए प्रस्थान किया। 21 जुलाई को वह काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे और परिवार के साथ महादेव के दर्शनों का पुण्य अर्जित किया। 

कैलाश ने बताया कि वह बीते 17 वर्षों से कांवड़ यात्रा के दौरान गंगोत्री धाम आ रहे हैं। लेकिन, बच्चों के गोमुख की यह उनकी पहली यात्रा थी। उनके 11 वर्षीय पुत्र अजय ने बताया कि वह बीते चार वर्षों से पिता के साथ कांवड़ यात्रा पर आ रहा है। लेकिन, अब तक उसकी यात्रा हरिद्वार से शुरू होती थी। बताया कि गोमुख में पेड़-पौधों, बर्फ से ढकी पहाडिय़ों, गंगा के उद्गम और शांत वादियों ने उसे बहुत आनंदित किया। वह पिता के साथ दोबारा गोमुख अवश्य आएगा। बताया कि यात्रा के दौरान उसके छोटे भाई-बहन जब थक गए तो कहीं पर मां व कहीं पर पिता ने उन्हें गोद में उठाकर यात्रा पूरी की।

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