Road Safety With Jagran : उत्तरकाशी में तहसील स्तर तैनात होंगी आरटीओ की तीन मोबाइल टीम

Road Safety With Jagran सड़क सुरक्षा में परिवहन विभाग की जिम्मेदारी सबसे महत्वपूर्ण होती है। इस मामले में उत्तरकाशी के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी मुकेश कुमार सैनी ने दैनिक जागरण संवाददाता के प्रश्नों का जवाब दिया जो प्रस्तुत हैं।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sat, 26 Nov 2022 12:03 PM (IST) Updated:Sat, 26 Nov 2022 12:03 PM (IST)
Road Safety With Jagran : उत्तरकाशी में तहसील स्तर तैनात होंगी आरटीओ की तीन मोबाइल टीम
Road Safety With Jagran : सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी मुकेश कुमार सैनी

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : Road Safety With Jagran : सड़क सुरक्षा में परिवहन विभाग की जिम्मेदारी सबसे महत्वपूर्ण होती है। यातायात के नियमों का प्रभावी ढंग पालन करवाने के लिए परिवहन विभाग के पास संपूर्ण अधिकार हैं।

फिर भी सड़क पर यातायात नियमों की अनदेखी करने के कारण सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती हैं। जनपद उत्तरकाशी में सड़क दुर्घटनाओं को न्यून करने के क्या प्रयास किए जा रहे हैं इसको लेकर उत्तरकाशी के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी मुकेश कुमार सैनी ने दैनिक जागरण संवाददाता के प्रश्नों का जवाब दिया, जो प्रस्तुत है।

Road Safety With Jagran: देश में प्रतिवर्ष 5.50 लाख दुर्घटनाओं में हुई मौत के आंकड़ों में 70 प्रतिशत 18 वर्ष से 45 वर्ष के व्यक्तियों की मृत्यु हुई है।

- मुकेश कुमार सैनी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी #UTTARKASHI#RoadSafetyWithJagran @JagranNews pic.twitter.com/KrCyuBTOgV

— Shailendra Prasad (शैलेंद्र गोदियाल) (@shailly_godiyal) November 25, 2022

प्रश्न -1- परिवहन विभाग केवल राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही दिखती है, राज्य, जिला व संपर्क मार्गों पर वाहनों की जांच क्यों नहीं की जाती ?

उत्तर- उत्तरकाशी में उनके पास केवल एक ही प्रवर्तन दल है और एक वाहन है। जिसमें चार सिपाही, एक चालक और एक अधिकारी शामिल होता है। परंतु जल्द ही पुरोला, बडकोट और भटवाड़ी तहसील स्तर पर तीन मोबाइल टीमें गठित की जा रही हैं। जिनमें एक वरिष्ठ सिपाही और एक सिपाही होगा। वरिष्ठ सिपाही को चालान करने का अधिकार होगा। यह व्यवस्था दिसंबर से शुरू कर देंगे।

प्रश्न -2- जनपद उत्तरकाशी वाहनों की जांच के लिए तकनीकी रूप से क्या प्रयोग किए जा रहे हैं?

उत्तर- जनपद के बार्डर पर एएनपीआर (स्वचालित नंबर-प्लेट पहचान) कैमरे लगाने की तैयारी है। इससे उन्हें यह पता चल पाएगा कि कितने वाहनों ने जनपद में प्रवेश किया। उन वाहनों के संबंध में पूरी जानकारी मिल सकेगी। वाहनों की गति संबंधित रिपोर्ट भी मिल सकेगी। जिससे आगे वाले बैरियर पर संबंधित वाहनों को रोककर कार्रवाई की जा सकेगी। इसके साथ दुर्घटना वाले स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की कार्यवाही भी जल्द शुरू होने वाली है। जिससे दुर्घटनाओं का कारण भी पता चल सकेगा। इसके अलावा उन्हें एक मोबाइल स्पीड रडार गन मिलने वाली है। जो मोबाइल वाहन चलते हुए भी काम करेंगी।

प्रश्न -3- जनपद उत्तरकाशी में सड़क दुर्घटनाएं न्यून हों, इसके लिए परिवहन विभाग की ओर से क्या कार्यक्रम किए जा रहे हैं?

उत्तर- हर माह स्कूलों व अन्य स्थानों पर जागरूकता के लिए एक से दो कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्कूलों में यातायात नियमों से संबंधित पुस्तकें भेजी गई हैं। इनमें 1045 प्राथमिक, 162 जूनियर स्कूलों में कुल 2459 किताबें भेजी गई हैं। शिक्षकों से हर दिन बच्चों को यातायात नियमों को बताने का आग्रह किया गया है। जनवरी माह सड़क सुरक्षा माह के रूप में मनाया जाता है। इस बार भी खास कार्यक्रम होंगे।

प्रश्न-3- लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?

उत्तर- नई व्यवस्था के तहत लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया कंप्यूटरराइज होने वाली है। इसके लिए उत्तरकाशी मनेरा में एक आधुनिक ड्राइविंग ट्रैक बनेगा। जिसमें सेंसर लगे होंगे। लाइसेंस लेने वाले चालक का ट्राइल्स उसी ट्रैक पर लिया जाएगा। रिजल्ट भी कंप्यूटरराइज आएगा। फिर लाइसेंस उसी को मिल पाएगा जो पूरी तरह से प्रशिक्षित चालक होगा।

प्रश्न-4 - लाइसेंस व वाहन पंजीकरण करने में बिचौलियों को रोकने के क्या प्रयास किए जा रहे हैं?

उत्तर-लाइसेंस देने की प्रक्रिया पूरी ईमानदारी से होती है। कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जिन्हें फार्म भरना नहीं आता है, वह ऐसे व्यक्तियों का सहारा लेते हैं। परंतु लाइसेंस देते समय उन्हें 15 सवालों में कम से कम नौ सवालों के सही जवाब बताने होंते हैं। फार्म भरने और फीस जमा करने की व्यवस्था ऑन लाइन है। इसलिए सभी से आग्रह है कि सामुदायिक सुविधा केंद्रों से भी निर्धारित फीस देरकर लाइसेंस के लिए फार्म भर सकते हैं। मोबाइल और अपने कंप्यूटर से भी भर सकते हैं।

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