प्लास्टिक कचरे के निष्पादन को लगाएंगे कॉम्पैक्टर मशीनें

By Edited By: Publish:Thu, 28 Aug 2014 05:08 PM (IST) Updated:Thu, 28 Aug 2014 05:08 PM (IST)
प्लास्टिक कचरे के निष्पादन को लगाएंगे कॉम्पैक्टर मशीनें

संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : गंगा नदी में प्लास्टिक कचरे को डालने से रोकने के लिए अब प्लास्टिक के कचरे को पुन: उपयोग में लाया जाएगा। जिला प्रशासन प्लास्टिक कचरे के निष्पादन के लिए जिला मुख्यालय पर दो कॉम्पैक्टर मशीनें लगवाने जा रहा है। इससे कचरे को दोबारा उपयोग लायक बनाया जा सकेगा।

गुरुवार को जिलाधिकारी सी. रविशकर की अध्यक्षता में गंगा बचाओ अभियान के तहत गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए आम नागरिकों के साथ हुई बैठक में गंगा स्वच्छता को लेकर लोगों से सुझाव मांगे गए। प्रत्येक गुरुवार को होने वाली इस बैठक में विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि समेत आम लोगों ने हिस्सा लिया। जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने बताया कि गंगा नदी के तटों पर बसी बस्तियों, जिसमें वाल्मिकी बस्ती से लेकर तांबाखानी क्षेत्र तक सीवेज व्यवस्था की स्थिति का सर्वे किया गया है। साथ ही उन हिस्सों में सर्वे किया गया जिनका उल्लेख बीती बैठक में लोगों ने किया था। उन्होंने बताया कि गंगोत्री से लेकर चिन्यालीसौड़ तक गंगा नदी के दोनों ओर सुरक्षा कार्य और सौंदर्यीकरण के सुझाव पर विशेषज्ञों से अध्ययन कराकर कोई ठोस नीति बनाए जाएगी। इससे गंगा तटों की सुरक्षा के साथ गंगा को प्रदूषण से बचाया जाए। पॉलीथिन कचरे को लेकर जिलाधिकारी ने बताया कि पॉलीथिन का सदुपयोग करने के लिए कॉम्पैक्ट मशीन लगाने के लिए लदाड़ी और नगर क्षेत्र में जगह ढूंढी जा रही है। जिलाधिकारी ने शहर व इससे जुड़े कस्बे की सीवेज ट्रीटमेंट प्लान का पूरा ब्योरा गंगा प्रदूषण इकाई से मागा। इस मौके पर मौजूद लोगों ने भी गंगा किनारे खुले में शौच, गंदे नालों पर रोक और मृत व्यक्तियों के कपड़े नदी में फेंकने पर रोक लगाने के सुझाव दिए। बैठक में किशन सिंह पंवार, चतर सिंह रावत, शाति ठाकुर, नागेंद्र थपलियाल, चंद्रप्रकाश बहुगुणा, कमल पोखरियाल, डिप्टी कलक्टर हरगिरी समेत अन्य मौजूद थे।

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