हॉर्न ऑफ हर्षिल अभियान पर निकला निम का दल, पढ़ि‍ए पूरी खबर

नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी ने हॉर्न ऑफ हर्षिल का अधूरा अभियान पूरा करने के लिए फिर से अभियान शुरू कर दिया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 27 Jun 2020 04:40 PM (IST) Updated:Sat, 27 Jun 2020 05:47 PM (IST)
हॉर्न ऑफ हर्षिल अभियान पर निकला निम का दल, पढ़ि‍ए पूरी खबर
हॉर्न ऑफ हर्षिल अभियान पर निकला निम का दल, पढ़ि‍ए पूरी खबर

उत्तरकाशी, जेएनएन। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी ने हॉर्न ऑफ हर्षिल का अधूरा अभियान पूरा करने के लिए फिर से अभियान शुरू कर दिया है। 22 जून से शुरू किए गए इस अभियान में संस्थान के प्रधानाचार्य सहित छह पर्वतारोही शामिल है। शुक्रवार को अभियान दल बेस कैंप पहुंचा। एक-दो दिन के अंतराल में अनाम चोटी का आरोहण हो जाएगा।

वर्ष 2019 में हर्षिल में आयोजित सेब महोत्सव के दौरान जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान और हर्षिल निवासी माधवेंद्र रावत ने अनाम चोटी का आरोहण कराने की योजना बनाई। जिलाधिकारी ने इसका जिम्मा नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी (निम) को दिया। नवंबर 2019 के दूसरे पखवाड़े में हॉर्न आफ हर्षिल अभियान शुरू किया गया। लेकिन, उस दौरान लगातार बर्फबारी और खराब मौसम अभियान की राह में रोड़ा बना और अभियान पूरा नहीं हो सका। 

अब फिर इस अभियान को निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने शुरू किया है। 22 जून से यह दल हर्षिल के निकट छोलमी, पंचमुखी महादेव होते हुए राता स्कीं एरिया में पहुंचा। वहां कैंप करने के बाद अगले दिन यह दल आगे बढ़ा और शुक्रवार को दल बेस कैंप पहुंचा। अब अनाम चोटी पर दल आरोहण करेगा। यह अनाम चोटी पंचमुखी महादेव के शीर्ष पर स्थिति है। अभियान दल में निम के उप प्रधानाचार्य योगेश, सौरभ रौतेला, शिवराज पंवार, थिलनिस ग्यालबू, चतर सिंह आदि शामिल हैं।

नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में ऑनलाइन होंगे पर्वतारोहण के कोर्स

देश-दुनिया को दर्जनों नामचीन पर्वतारोही देने वाले उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) ने कोरोना काल में अपने बेसिक और एडवांस कोर्स को ऑनलाइन कर दिया है। सिर्फ प्रयोगात्मक प्रशिक्षण ही ऑफलाइन होगा। इसके लिए प्रशिक्षण लेने वालों को अतिरिक्त फीस नहीं देनी होगी। ऑनलाइन पाठ्यक्रम आगामी एक अगस्त से शुरू हो जाएंगे। इसके लिए निम ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। कोरोना महामारी का असर निम के पाठ्यक्रमों पर भी पड़ा है। इसके चलते मार्च से जून तक चलने वाले बेसिक और एडवांस कोर्स नहीं हो सके। बेसिक और एडवांस कोर्स 28-28 दिन के होते हैं। इसमें 20 दिन का प्रशिक्षण प्रयोगात्मक होता है और शेष आठ दिन ही प्रशिक्षुओं को किताबी ज्ञान दिया जाता है।

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