पर्वतारोहण में हर वक्त जोखिम में रहती है जान, जानिए एवलांच की प्रमुख घटनाएं

पर्वतारोहण में हर वक्त जान जोखिम में रहती है। कई बार चोटियों पर आरोहण के दौरान एवलांच आते हैं। एवलांच की घटनाओं में कई पर्वतारोहियों और पोर्टर की मौत हो चुकी है। साथ ही कई पर्वतारोहियों अभी तक पता तक नहीं चला है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 02 Oct 2021 09:06 AM (IST) Updated:Sat, 02 Oct 2021 09:06 AM (IST)
पर्वतारोहण में हर वक्त जोखिम में रहती है जान, जानिए एवलांच की प्रमुख घटनाएं
हिमालय की अधिकांश चोटियों पर आरोहण के दौरान एवलांच से कई पर्वतारोहियों और पोर्टर की मौत हुईं।

शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी। हिमालय की ऊंची चोटियों के आरोहण के दौरान एवलांच की घटनाएं पर्वतारोहण के इतिहास में नई नहीं हैं। हिमालय की अधिकांश चोटियों पर आरोहण के दौरान एवलांच से कई पर्वतारोहियों और पोर्टर की मौत हुईं। कई पर्वतारोहियों का अब तक पता नहीं चल पाया है। वर्ष 2019 में नंदा देवी चोटी पर चार विदेशी पर्वतारोहियों सहित आठ की मौत भी एवलांच के कारण हुई थी। उत्तराखंड हिमालय की अन्य चोटियों पर भी एवलांच के कारण कई घटनाएं हो चुकी हैं।

हिमालय पर्वतारोहण एंव ट्रैकिंग एसोसिएशन उत्तरकाशी के अध्यक्ष जयेंद्र राणा बताते हैं कि पर्वतारोहण में रोमांच के साथ ही बड़ा जोखिम भी रहता है। उच्च हिमालय क्षेत्र में मौसम पल-पल बदलता है। इसके लिए अनुभवी और प्रशिक्षित गाइड और पोर्टर साथ होने चाहिए। कभी-कभी अति उत्साह में भी दुर्घटनाएं हो जाती हैं। पर्वतारोहण से जुड़े पीतांबर पंवार बताते हैं कि उत्तराखंड हिमालय की नंदा देवी, त्रिशूल, चौखंबा, सतोपंथ, केदारडोम, गंगोत्री-तृतीय सहित अन्य चोटियों पर एवलांच की कई घटनाएं हुई हैं। हाल के 2019 में नंदा देवी चोटी और इस बार त्रिशूल चोटी पर एवलांच की चपेट में पर्वतारोहियों के आने की बड़ी घटनाएं हैं। वर्ष 2005 में सतोपंथ पर एवलांच की चपेट में आने से सेना के जवान की दबकर मौत हो गई थी। इस पर्वतारोही का शव 16 वर्ष बाद मिला है। एवलांच की चपेट में आकर बर्फ में दबे हुए ऐसे कई पर्वतारोही हैं।

एवलांच की प्रमुख घटनाएं

2019 में नंदादेवी के आरोहण के दौरान एवलांच की चपेट में आने से चार विदेशी पर्वतारोही सहित आठ की मौत 2016 में शिवलिंग चोटी पर दो विदेशी पर्वतारोहियों की मौत 2012 में सतोपंथ ग्लेशियर क्रेवास गिरकर आस्ट्रेलिया के एक पर्वतारोही मौत 2012 में वासूकी ताल के पास एवलांच आने से बंगाल के 5 पर्यटकों की मौत 2008 में कालिंदीपास में एवलांच आने के कारण बंगाल के 3 पर्वतारोही और 5 पोर्टर की मौत 2005 में सतोपंथ चोटी पर आरोहण के दौरान एवलांच से सेना के एक पर्वतारोही की मौत 2005 में चौखम्बा में एवलांच से 5 पर्वतारोहियों की मौत हुई 2004 में कालिंदीपास में एवलांच से 4 पर्वतरोहियों की मौत 2004 में गंगोत्री-2 चोटी में एवलांच से बंगाल के 4 पर्वतारोहियों की मौत 1999 में थलयसागर चोटी में आरोहण के दौरान तीन विदेशी पर्वतारोहियों की मौत 1996 में केदारडोम चोटी पर एवलांच से कुमांऊ मंडल के 2 पर्वतारोहियों की मौत 1996 में भागीरथी-टू चोरी पर एवलांच से कोरिया के एक पर्वतारोही की मौत 1990 में केदारडोम चोटी पर एवलांच आने से पांच पर्वतारोहियों की मौत

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