शीतकाल के लिए गंगोत्री धाम के कपाट बंद

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : अन्नकूट पर्व पर शीतकाल के लिए उत्तराखंड में चार धामों के कपाट बंद होने

By Edited By: Publish:Fri, 24 Oct 2014 07:23 PM (IST) Updated:Fri, 24 Oct 2014 07:23 PM (IST)
शीतकाल के लिए गंगोत्री धाम के कपाट बंद

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : अन्नकूट पर्व पर शीतकाल के लिए उत्तराखंड में चार धामों के कपाट बंद होने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसकी शुरुआत गंगोत्री से हुई। शुक्रवार को वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। इसके बाद मां गंगा की डोली ग्राम मुखबा के लिए रवाना हो गई। शनिवार को भैया दूज पर केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट बंद किए जाएंगे, जबकि बदरीनाथ के कपाट 27 नवंबर को बंद होंगे।

शुक्रवार सुबह गंगोत्री में तीर्थपुराहितों मां गंगा की विशेष पूजा की। इसके बाद गंगा की भोगमूर्ति को स्नान करा गंगा लहरी का पाठ किया गया। पूजा पाठ के बाद गंगा आरती कर दोपहर बाद 12.50 बजे गंगोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए गए। इस दौरान पांचवीं गढ़वाल राइफल के बैंड की धुन के साथ गंगा की डोली को मंदिर से धाम के मुख्य द्वार तक पहुंचाया गया। इसके बाद डोली मां गंगा के मायके मुखबा की ओर रवाना हो गई। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष भागेश्वर सेमवाल ने बताया कि शनिवार को मुखबा गांव में विधि विधान के साथ गंगा की भोगमूर्ति मंदिर में स्थापित की जाएगी। उन्होंने बताया कि शीतकाल में श्रद्धालु मुखबा में ही गंगा की पूजा अर्चना व दर्शन कर सकते हैं। इस मौके पर उत्तरकाशी के जिलाधिकारी सी.रविशंकर व पुलिस अधीक्षक जगतराम जोशी के अलावा मंदिर समिति के पदाधिकारी और बड़ी तादाद में श्रद्धालु मौजूद थे।

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