Chardham Yatra: इस बार की यात्रा में प्रशासन की बड़ी परीक्षा, बर्फबारी और भूस्खलन जोन बने चुनौती

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने में अब महज 40 दिन बचे हैं और यात्रा तैयारियां अभी तक अधूरी हैं। भूस्खलन जोन भी चुनौती बने हुए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Mon, 16 Mar 2020 02:16 PM (IST) Updated:Mon, 16 Mar 2020 08:24 PM (IST)
Chardham Yatra: इस बार की यात्रा में प्रशासन की बड़ी परीक्षा, बर्फबारी और भूस्खलन जोन बने चुनौती
Chardham Yatra: इस बार की यात्रा में प्रशासन की बड़ी परीक्षा, बर्फबारी और भूस्खलन जोन बने चुनौती

उत्तरकाशी, जेएनएन। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने में अब महज 40 दिन बचे हैं और यात्रा तैयारियां अभी तक अधूरी हैं। वहीं, बर्फबारी से यमुनोत्री धाम में मंदिर परिसर का यात्री शेड, घोड़ा पड़ाव और स्नान कुंडों की छत को खासा नुकसान पहुंचा है। इतना ही नहीं, धाम में बर्फ की चादर भी बिछी हुई है। ऐसे में यात्रा तैयारियां अगर समय रहते पूरी नहीं हुईं तो प्रशासन की मुश्किलें बढ़ना तय है। 

हिमालय के चार धामों में से गंगोत्री और यमुनोत्री उत्तरकाशी जिले में पड़ते हैं। इन धामों को जोड़ने वाले दोनों हाइवे पर ऑलवेदर निर्माण के चलते डेंजर जोन की संख्या 30 से अधिक पहुंच गई है। वर्ष 2019 के यात्रा सीजन की तुलना में इस बार स्थितियां अलग हैं। डाबरकोट, पाली गाड, धरासू बैंड, चुंगी बड़ेथी, गंगनानी, हेलगु गाड और डबराणी भूस्खलन जोन के साथ ही कई ऐसे स्थान हैं जो हल्की बारिश में भी मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। लेकिन, इनकी ओर अभी तक प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। प्रशासन ने दो बैठकें जरूर कीं, लेकिन व्यवस्थाओं को सुचारु करने की सक्रियता अभी नजर धरातल पर नजर नहीं आ रही है। 

डाबरकोट का भूस्खलन जोन 

यमुनोत्री हाइवे पर सक्रिय डाबरकोट भूस्खलन जोन इस बार मामूली बारिश में भी दरक सकता है। यहां वैकल्पिक मार्ग के लिए सुरंग बनाने का प्रस्ताव है, लेकिन अभी तक इसकी डीपीआर भी तैयार नहीं हुई 

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धरासू बैंड का भूस्खलन जोन 

गंगोत्री हाइवे पर धरासू बैड के पास दो भूस्खलन जोन बन गए हैं, जो शीतकाल के दौरान भी सक्रिय रहे। भूस्खलन जोन वाले क्षेत्र में कटिंग तो की गई, लेकिन ट्रीटमेंट नहीं किया गया। यही हाल चुंगी बड़ेथी का भी है। 

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा, सभी रेखित विभागों को चारधाम यात्रा की सुचारु व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। यमुनोत्री धाम में जो कार्य होने हैं, उनका टेंडर हो चुका है। यात्रा से पहले सभी कार्य पूरे करने के निर्देश दिए गए हैं। मैं स्वयं भी जल्द धामों में तैयारियों का निरीक्षण करूंगा।

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